सरमन नगेले
मध्यप्रदेश के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान द्वारा हिन्दुस्तान की अपने तरीके की अनोखी वेबसाईट डब्ल्यू डब्ल्यू डब्ल्यू डॉट आइडियाज फॉर सीएम डॉट इन को भारत सरकार के सूचना प्रौद्योगिकी विभाग ने वेब रत्न अवार्ड 2009 से नवाजा है। यह अवार्ड 19 अप्रैल 2010 को विज्ञान भवन नई दिल्ली में केन्द्रीय संचार और सूचना प्रौद्योगिकी मंत्री थिरू. ए. राजा द्वारा प्रदान किया गया। इस अवसर पर संचार और सूचना प्रौद्योगिकी राज्यमंत्री सचिन पायलट भी मौजूद थे।
मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने सरकार के कार्यकलापों में लोगों की वैचारिक सहभागिता बढ़ाने की आवष्यकता सदैव अनुभव की है। प्रदेश के विकास की जो कल्पना उन्होंने की है उसे आपसी सहयोग के बिना मूर्त रूप देना संभव नहीं है। इसीलिए उन्होंने आइडियाज फॉर सीएम के माध्यम से जनमानस से बहुमूल्य सुझावों को आमंत्रित करने की पहल प्रारंभ की है। केन्द्रीय संचार एवं सूचना प्रौद्योगिकी मंत्री ए. राजा ने जन भागीदारी की विषेश पहल के लिए यह अवार्ड प्रदान किया है।
अधिकाधिक अभिनव ई-गवर्नेंस को बढ़ावा देने और इस दिशा में विशिष्ट प्रयासों को समुचित मान्यता देने के क्रम में भारत सरकार के संचार एवं सूचना मंत्रालय के भारतीय राष्ट्रीय पोर्टल डब्ल्यू डब्ल्यू डब्ल्यू डॉट जीओवी डॉट इन के दायरे में इस वर्ष से वेब रत्न अवार्ड की शुरूआत की गई है।
प्राप्त नामांकनों का नामांकन जांच समिति द्वारा मूल्यांकन किया गया। ज्यूरी के विषेषज्ञ सदस्यों ने मुख्यमंत्री म.प्र. शिवराज सिंह चौहान की वेबसाईट को जन भागीदारी की विशेष पहल को मद्देनजर रखते हुए चुना। अवार्ड प्रदान करने का यह पहला अवसर था।
रेखांकित करने योग्य पहलू यह है कि समाज के प्रत्येक तबके के नागरिकों को खुला अवसर उपलब्ध कराते हुए प्रदेश के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने भारत में संभवतः पहले-पहल वेबसाईट आइडियाज फॉर सीएम डॉट इन 19 जनवरी 2009 से प्रारंभ की है।
एक जानकारी के मुताबिक वेबसाईट के शुभारंभ से लेकर 26 अप्रैल 2010 तक ’’यूएसए, यूके समेत प्रदेश एवं देश से 3008 सुझाव प्राप्त हो चुके हैं।’’ प्राप्त सुझावों में से 322 पंजीकृत हुए जिनमें से 280 का निराकरण किया गया और दस सुझावों का क्रियान्वयन के लिए चयन किया गया है। इस अनोखी वेबसाईट की परिकल्पना मुख्यमंत्री के प्रमुख सचिव इकबाल सिंह बैंस की है। मुख्यमंत्री की मंशा के अनुरूप इस वेबसाईट को मूर्त रूप दिया है सुषासन एवं नीति विष्लेषण स्कूल ने।
वैसे मुख्यमंत्री म.प्र. को सीधे भेजे जाने वाली वेबसाईट आइडियाज फॉर सीएम के जरिए प्राप्त सुझावों व अन्य गतिविधियों की मॉनिटरिंग मुख्यमंत्री के प्रमुख सचिव इकबाल सिंह बैंस, मुख्यमंत्री के सचिव व सूचना प्रौद्योगिकी सचिव अनुराग जैन सतत् रूप से करते हैं। मप्र के वन विभाग में एम गवर्नेंस मंत्रा फॉर वन एण्ड वाइड लाईफ में फायर एलर्ट सिस्टम, वाइड लाईफ, आर्थिक और जीआईएस टेक्नॉलॉजी का इस्तेमाल किया गया है। प्रदेश के वन विभाग को प्रौद्योगिकी के अभिनव प्रयोग के लिए वेब रत्न अवार्ड दिया गया। इसके अलावा नेशनल पोर्टल पर राज्य से अधिक से अधिक तथ्य भेजे जाने के लिए भी मध्यप्रदेश के एनआईसी को भी वेब रत्न अवार्ड से नवाजा गया।
सामान्य प्रशासन विभाग म.प्र. के प्रमुख सचिव सुदेश कुमार, सुशासन एवं नीति विष्लेषण स्कूल के महानिदेशक प्रो. एचपी दीक्षित, संचालक अखिलेष अर्गल ने आइडियाज फॉर सीएम को मिले सिल्वर आईकॉन अवार्ड को दिल्ली में ग्रहण किया। जबकि अपर प्रधान मुख्य वनसंरक्षक आईटी वन विभाग मध्यप्रदेश अनिल ओबेराय ने वन विभाग को मिले गोल्ड आईकॉन अवार्ड को प्राप्त किया। नेशनल पोर्टल के स्टेट समन्वयक कंटेंट अपलोडिंग तथा एनआईसी के टेक्नीकल डायरेक्टर संजय हार्डिकर व म.प्र. के राज्य सूचना विज्ञान अधिकारी एम विनायक राव ने एनआईसी मध्यप्रदेश को मिला प्लेटिनम अवार्ड लिया।
बहरहाल वेब रत्न अवार्ड इन मायनों में प्रतिष्ठापूर्ण है क्योंकि इसकी संपूर्ण प्रक्रिया में लगभग नौ माह का समय लगा। आइडियाज फॉर सीएम का नामांकन 28 जुलाई 2009 को किया गया था। अवार्ड ज्यूरी में आईआईएम अहमदाबाद, आईआईटी देहली, नासकॉम, साइबर मीडिया इंडिया लिमिटेड, सचिव सूचना प्रौद्योगिकी विभाग, भारत सरकार, महानिदेशक राष्ट्रीय सूचना विज्ञान केन्द्र के साथ ही अन्य विषय विषेषज्ञ प्रतिनिधि शामिल थे।
इस स्वतंत्र ज्यूरी द्वारा विस्तृत ऑनलाइन तथा ऑफलाइन मूल्यांकन के बाद विजेताओं का चयन किया गया। नागरिक केन्द्रित सेवा, सार्वजनिक भागीदारी पहल, प्रौद्योगिकी का अभिनव इस्तेमाल, व्यापक वेब उपस्थिति मंत्रालय, व्यापक वेब उपस्थिति राज्य, उत्कृष्ट वेब सामग्री, नेशनल पोर्टल समन्वयक तथा नेशनल पोर्टल के लिए एनआईसी के राज्य समन्वयक की कुल आठ श्रेणियों के लिए अवार्ड प्रदान किए गए।
गौरएकाबिल बात यह है कि भारत सरकार के मंत्रालय विभागों सहित 27 राज्यों, केन्द्र शासित प्रदेशों से 260 नामांकनों में मध्यप्रदेश के तीन विभागों के साथ ही बीस अन्य विजेताओं का चयन किया गया। वेब रत्न अवार्ड के कुल 23 विजेता बने।
गौरतलब है कि इस वेबसाईट के जरिए आमजन जितने चाहे उतने विकास एवं सुषासन से संबंधित अपने आईडियाज और सुझाव दे सकता है। आमजन द्वारा ऑनलाईन दिए गए आईडियाज और प्रदेश हित में अच्छे पाए गए तो उनका एक विषय विषेषज्ञों की समिति अध्ययन करती है। यह समिति उस सुझाव को जिस विभाग से संबंधित है उसको प्रेषित करती है। इसके बाद विभाग के अभिमत के साथ संपूर्ण जानकारी मुख्यमंत्री सचिवालय को दी जाती है। जिस विभाग से संबंधित आईडियाज प्राप्त हो रहे है, उस विभाग का विभागाध्यक्ष विषेष अतिथि के रूप में समिति में शामिल होता है। आईडियाज और सुझाव परीक्षणोपरांत विषय विषेषज्ञों की समिति और संबंधित विभाग अमान्य भी कर सकता है।
कुल मिलाकर मुख्यमंत्री के समक्ष मुख्य रूप से शिक्षा, स्वास्थ्य, ऊर्जा, सिंचाई, कृषि, प्रशासन, इनफारमेषन टेक्नॉलॉजी, आईटी पार्क से संबंधित सुझाव अनवरत् आ रहे हैं। जिन दस लोगो के सुझाव चयनित हो चुके हैं। उनको मुख्यमंत्री एक समारोह में सम्मानित करेंगे। सुझाव क्रियान्वयन के लिए प्रक्रियागत हैं।
म.प्र. में राज काज की शिव शैली सरकारी योजनाओ के पैकेज बनाकर उन्हें लोगों तक पहुंचाने की जगह आमजन को खुद योजनाएं बनाने का अवसर देने मै भरोसा करती है। म.प्र. के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान का मानना है कि विभिन्न पंचायतों और महापंचायतों में पिछले दिनों आमजन ने सिद्ध किया है कि उसके पास समस्याओं का समाधान भी है। उनके सुझाव और प्रस्ताव ज्यादा हकीकी और जमीनी होते हैं। इस जन प्रज्ञा का उपयोग स्वर्णिम मध्यप्रदेश बनाने में राज्य सरकार ने तैयारी कर ली है।
मुख्यमंत्री शिवराजसिंह चौहान ने कहा है कि प्रदेश के नवनिर्माण में आइडियाज़ फार सीएम वेबसाइट महत्वपूर्ण भूमिका निभायेगी। प्रदेश के नागरिकों से विकास और सुशासन के लिये प्राप्त सुझावों पर राज्य सरकार गंभीरता से अमल करेगी। वेबसाइट आइडियाज़ फार सीएम का उपयोग ऐसे आइडिया भेजे जाने में किया जाना चाहिये जो क्रियान्वयन योग्य हों और राज्य के विकास एवं सुशासन में योगदान देते हों। ऐसी अच्छी पद्धतियों की जानकारी भी दी जा सकती है जो उपयोगी हैं और जिन्हें अन्यत्र लागू किया गया है। मुख्यमंत्री म.प्र. शिवराज सिंह चौहान ने विजयी टीम के सदस्यों को बधाई और शुभकामनाएं दी हैं।
मुख्यमंत्री के प्रमुख सचिव इकबाल सिंह बैंस ने अवार्ड मिलने पर अपनी प्रतिक्रिया में कहा कि निरंतर संवाद के लिये यह वेबसाइट उपयोगी है। आम जनता को एक निर्धारित दायरे से बाहर जाकर विचार-विमर्श करने और अपने सुझाव देने का अवसर यह वेबसाइट प्रदान करा रही है। शासकीय अधिकारी-कर्मचारी भी विभिन्न सुझाव प्रस्तुत कर सकते हैं।
मुख्यमंत्री के प्रमुख सचिव ने कहा कि शासन तंत्र से जो आम आदमी सीधे नहीं जुड़ा वह चाहे किसी तबके, पेषे, किसानी, व्यवसाय, लघु उद्योग से जुड़ा हो उनके पास अपनी सोच है। उसकी जानकारी प्रदेश के विकास के लिए शासन के उच्चतम स्तर तक पहुंचाने का माध्मय इस वेबसाईट के जरिए सामूहिक सोच के साथ प्रदेश के विकास में किया जा रहा है। इस वेबसाईट पर दिए गए प्रत्येक विचार पर जिनके क्रियान्वयन से सफलता प्राप्त हो सकती है। उस पर आवष्यक कार्यवाही निरंतर की जा रही है।
उन्होंने कहा कि आइडियाज फॉर सीएम वेबसाईट को जन मानस जाने एवं उससे जुड़े, साथ ही उसके जरिए मध्यप्रदेश को स्वर्णिम प्रदेश बनाने की प्रक्रिया में सहभागिता निभाते हुए मुख्यमंत्री को सुझाव भेजें। इसके लिए प्रदेश एवं देश और अंर्तराष्ट्रीय स्तर पर इंफारमेषन कम्यूनिकेषन टेक्नॉलॉजी (आईसीटी) का उपयोग किया जा रहा है।
मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने सरकार के कार्यकलापों में लोगों की वैचारिक सहभागिता बढ़ाने की आवष्यकता सदैव अनुभव की है। प्रदेश के विकास की जो कल्पना उन्होंने की है उसे आपसी सहयोग के बिना मूर्त रूप देना संभव नहीं है। इसीलिए उन्होंने आइडियाज फॉर सीएम के माध्यम से जनमानस से बहुमूल्य सुझावों को आमंत्रित करने की पहल प्रारंभ की है। केन्द्रीय संचार एवं सूचना प्रौद्योगिकी मंत्री ए. राजा ने जन भागीदारी की विषेश पहल के लिए यह अवार्ड प्रदान किया है।
अधिकाधिक अभिनव ई-गवर्नेंस को बढ़ावा देने और इस दिशा में विशिष्ट प्रयासों को समुचित मान्यता देने के क्रम में भारत सरकार के संचार एवं सूचना मंत्रालय के भारतीय राष्ट्रीय पोर्टल डब्ल्यू डब्ल्यू डब्ल्यू डॉट जीओवी डॉट इन के दायरे में इस वर्ष से वेब रत्न अवार्ड की शुरूआत की गई है।
प्राप्त नामांकनों का नामांकन जांच समिति द्वारा मूल्यांकन किया गया। ज्यूरी के विषेषज्ञ सदस्यों ने मुख्यमंत्री म.प्र. शिवराज सिंह चौहान की वेबसाईट को जन भागीदारी की विशेष पहल को मद्देनजर रखते हुए चुना। अवार्ड प्रदान करने का यह पहला अवसर था।
रेखांकित करने योग्य पहलू यह है कि समाज के प्रत्येक तबके के नागरिकों को खुला अवसर उपलब्ध कराते हुए प्रदेश के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने भारत में संभवतः पहले-पहल वेबसाईट आइडियाज फॉर सीएम डॉट इन 19 जनवरी 2009 से प्रारंभ की है।
एक जानकारी के मुताबिक वेबसाईट के शुभारंभ से लेकर 26 अप्रैल 2010 तक ’’यूएसए, यूके समेत प्रदेश एवं देश से 3008 सुझाव प्राप्त हो चुके हैं।’’ प्राप्त सुझावों में से 322 पंजीकृत हुए जिनमें से 280 का निराकरण किया गया और दस सुझावों का क्रियान्वयन के लिए चयन किया गया है। इस अनोखी वेबसाईट की परिकल्पना मुख्यमंत्री के प्रमुख सचिव इकबाल सिंह बैंस की है। मुख्यमंत्री की मंशा के अनुरूप इस वेबसाईट को मूर्त रूप दिया है सुषासन एवं नीति विष्लेषण स्कूल ने।
वैसे मुख्यमंत्री म.प्र. को सीधे भेजे जाने वाली वेबसाईट आइडियाज फॉर सीएम के जरिए प्राप्त सुझावों व अन्य गतिविधियों की मॉनिटरिंग मुख्यमंत्री के प्रमुख सचिव इकबाल सिंह बैंस, मुख्यमंत्री के सचिव व सूचना प्रौद्योगिकी सचिव अनुराग जैन सतत् रूप से करते हैं। मप्र के वन विभाग में एम गवर्नेंस मंत्रा फॉर वन एण्ड वाइड लाईफ में फायर एलर्ट सिस्टम, वाइड लाईफ, आर्थिक और जीआईएस टेक्नॉलॉजी का इस्तेमाल किया गया है। प्रदेश के वन विभाग को प्रौद्योगिकी के अभिनव प्रयोग के लिए वेब रत्न अवार्ड दिया गया। इसके अलावा नेशनल पोर्टल पर राज्य से अधिक से अधिक तथ्य भेजे जाने के लिए भी मध्यप्रदेश के एनआईसी को भी वेब रत्न अवार्ड से नवाजा गया।
सामान्य प्रशासन विभाग म.प्र. के प्रमुख सचिव सुदेश कुमार, सुशासन एवं नीति विष्लेषण स्कूल के महानिदेशक प्रो. एचपी दीक्षित, संचालक अखिलेष अर्गल ने आइडियाज फॉर सीएम को मिले सिल्वर आईकॉन अवार्ड को दिल्ली में ग्रहण किया। जबकि अपर प्रधान मुख्य वनसंरक्षक आईटी वन विभाग मध्यप्रदेश अनिल ओबेराय ने वन विभाग को मिले गोल्ड आईकॉन अवार्ड को प्राप्त किया। नेशनल पोर्टल के स्टेट समन्वयक कंटेंट अपलोडिंग तथा एनआईसी के टेक्नीकल डायरेक्टर संजय हार्डिकर व म.प्र. के राज्य सूचना विज्ञान अधिकारी एम विनायक राव ने एनआईसी मध्यप्रदेश को मिला प्लेटिनम अवार्ड लिया।
बहरहाल वेब रत्न अवार्ड इन मायनों में प्रतिष्ठापूर्ण है क्योंकि इसकी संपूर्ण प्रक्रिया में लगभग नौ माह का समय लगा। आइडियाज फॉर सीएम का नामांकन 28 जुलाई 2009 को किया गया था। अवार्ड ज्यूरी में आईआईएम अहमदाबाद, आईआईटी देहली, नासकॉम, साइबर मीडिया इंडिया लिमिटेड, सचिव सूचना प्रौद्योगिकी विभाग, भारत सरकार, महानिदेशक राष्ट्रीय सूचना विज्ञान केन्द्र के साथ ही अन्य विषय विषेषज्ञ प्रतिनिधि शामिल थे।
इस स्वतंत्र ज्यूरी द्वारा विस्तृत ऑनलाइन तथा ऑफलाइन मूल्यांकन के बाद विजेताओं का चयन किया गया। नागरिक केन्द्रित सेवा, सार्वजनिक भागीदारी पहल, प्रौद्योगिकी का अभिनव इस्तेमाल, व्यापक वेब उपस्थिति मंत्रालय, व्यापक वेब उपस्थिति राज्य, उत्कृष्ट वेब सामग्री, नेशनल पोर्टल समन्वयक तथा नेशनल पोर्टल के लिए एनआईसी के राज्य समन्वयक की कुल आठ श्रेणियों के लिए अवार्ड प्रदान किए गए।
गौरएकाबिल बात यह है कि भारत सरकार के मंत्रालय विभागों सहित 27 राज्यों, केन्द्र शासित प्रदेशों से 260 नामांकनों में मध्यप्रदेश के तीन विभागों के साथ ही बीस अन्य विजेताओं का चयन किया गया। वेब रत्न अवार्ड के कुल 23 विजेता बने।
गौरतलब है कि इस वेबसाईट के जरिए आमजन जितने चाहे उतने विकास एवं सुषासन से संबंधित अपने आईडियाज और सुझाव दे सकता है। आमजन द्वारा ऑनलाईन दिए गए आईडियाज और प्रदेश हित में अच्छे पाए गए तो उनका एक विषय विषेषज्ञों की समिति अध्ययन करती है। यह समिति उस सुझाव को जिस विभाग से संबंधित है उसको प्रेषित करती है। इसके बाद विभाग के अभिमत के साथ संपूर्ण जानकारी मुख्यमंत्री सचिवालय को दी जाती है। जिस विभाग से संबंधित आईडियाज प्राप्त हो रहे है, उस विभाग का विभागाध्यक्ष विषेष अतिथि के रूप में समिति में शामिल होता है। आईडियाज और सुझाव परीक्षणोपरांत विषय विषेषज्ञों की समिति और संबंधित विभाग अमान्य भी कर सकता है।
कुल मिलाकर मुख्यमंत्री के समक्ष मुख्य रूप से शिक्षा, स्वास्थ्य, ऊर्जा, सिंचाई, कृषि, प्रशासन, इनफारमेषन टेक्नॉलॉजी, आईटी पार्क से संबंधित सुझाव अनवरत् आ रहे हैं। जिन दस लोगो के सुझाव चयनित हो चुके हैं। उनको मुख्यमंत्री एक समारोह में सम्मानित करेंगे। सुझाव क्रियान्वयन के लिए प्रक्रियागत हैं।
म.प्र. में राज काज की शिव शैली सरकारी योजनाओ के पैकेज बनाकर उन्हें लोगों तक पहुंचाने की जगह आमजन को खुद योजनाएं बनाने का अवसर देने मै भरोसा करती है। म.प्र. के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान का मानना है कि विभिन्न पंचायतों और महापंचायतों में पिछले दिनों आमजन ने सिद्ध किया है कि उसके पास समस्याओं का समाधान भी है। उनके सुझाव और प्रस्ताव ज्यादा हकीकी और जमीनी होते हैं। इस जन प्रज्ञा का उपयोग स्वर्णिम मध्यप्रदेश बनाने में राज्य सरकार ने तैयारी कर ली है।
मुख्यमंत्री शिवराजसिंह चौहान ने कहा है कि प्रदेश के नवनिर्माण में आइडियाज़ फार सीएम वेबसाइट महत्वपूर्ण भूमिका निभायेगी। प्रदेश के नागरिकों से विकास और सुशासन के लिये प्राप्त सुझावों पर राज्य सरकार गंभीरता से अमल करेगी। वेबसाइट आइडियाज़ फार सीएम का उपयोग ऐसे आइडिया भेजे जाने में किया जाना चाहिये जो क्रियान्वयन योग्य हों और राज्य के विकास एवं सुशासन में योगदान देते हों। ऐसी अच्छी पद्धतियों की जानकारी भी दी जा सकती है जो उपयोगी हैं और जिन्हें अन्यत्र लागू किया गया है। मुख्यमंत्री म.प्र. शिवराज सिंह चौहान ने विजयी टीम के सदस्यों को बधाई और शुभकामनाएं दी हैं।
मुख्यमंत्री के प्रमुख सचिव इकबाल सिंह बैंस ने अवार्ड मिलने पर अपनी प्रतिक्रिया में कहा कि निरंतर संवाद के लिये यह वेबसाइट उपयोगी है। आम जनता को एक निर्धारित दायरे से बाहर जाकर विचार-विमर्श करने और अपने सुझाव देने का अवसर यह वेबसाइट प्रदान करा रही है। शासकीय अधिकारी-कर्मचारी भी विभिन्न सुझाव प्रस्तुत कर सकते हैं।
मुख्यमंत्री के प्रमुख सचिव ने कहा कि शासन तंत्र से जो आम आदमी सीधे नहीं जुड़ा वह चाहे किसी तबके, पेषे, किसानी, व्यवसाय, लघु उद्योग से जुड़ा हो उनके पास अपनी सोच है। उसकी जानकारी प्रदेश के विकास के लिए शासन के उच्चतम स्तर तक पहुंचाने का माध्मय इस वेबसाईट के जरिए सामूहिक सोच के साथ प्रदेश के विकास में किया जा रहा है। इस वेबसाईट पर दिए गए प्रत्येक विचार पर जिनके क्रियान्वयन से सफलता प्राप्त हो सकती है। उस पर आवष्यक कार्यवाही निरंतर की जा रही है।
उन्होंने कहा कि आइडियाज फॉर सीएम वेबसाईट को जन मानस जाने एवं उससे जुड़े, साथ ही उसके जरिए मध्यप्रदेश को स्वर्णिम प्रदेश बनाने की प्रक्रिया में सहभागिता निभाते हुए मुख्यमंत्री को सुझाव भेजें। इसके लिए प्रदेश एवं देश और अंर्तराष्ट्रीय स्तर पर इंफारमेषन कम्यूनिकेषन टेक्नॉलॉजी (आईसीटी) का उपयोग किया जा रहा है।