रविवार, 18 अप्रैल 2010

लोकतंत्र और मीडिया की गुणवत्ता के लिए आईसीटी का उपयोग जरूरी- भास्कर राव

मध्य प्रदेष में चुनाव प्रक्रिया का वृहद परिदृष्य और राजनीतिक अतीत पर
पहले डिजिटल दस्तावेज का विमोचन

लोकतंत्र की गुणवत्ता के लिए सूचना और संचार तकनीकी न केवल बेहतर सहयोग कर रही है, बल्कि आम नागरिक, सक्रिय मीडिया और न्यू मीडिया को प्रोत्साहित कर रही है। इसका उपयोग नकारात्मक कम है। आईसीटी के कारण मतदान में इजाफा हुआ है। यह बात देष के ख्यात चुनाव और मीडिया विषेषज्ञ डॉ एन भास्कर राव ने कही। श्री राव एमपीपोस्ट द्वारा स्थानीय स्वराज भवन में 11 अपै्रल को आयोजित सूचना प्रौद्योगिकी, चुनाव और राजनीति विषय पर अपना व्याख्यान दे रहे थे। एमपीपोस्ट द्वारा जारी किए गए डिजिटल दस्तावेज की सराहना करते हुए उन्होंने कहा कि वास्तव में जो काम देष के प्रतिष्ठित आईटी नगर बैंगलूर से होना था वह भोपाल में संपन्न हुआ। श्री नगेले की छह वर्षो की निरंतर कड़ी मेहनत का ही परिणाम है कि संग्रहणीय आंकड़ों पर केन्द्रित इस डिजिटल दस्तावेज को आकार दिया जा सका। मुझे विष्वास है इसमें संकलित किए गए आंकड़े पत्रकारों, शोधार्थियों और सामान्य जन के लिए उपयोगी सिद्ध होंगे।
उन्होंने कहा कि देष में आईसीटी लागू किए जाने के बाद पत्रकारिता में वरिष्ठ और कनिष्ठ के बीच की दूरी कम हुई है। उन्नत सूचना प्रौद्योगिकी के इस दौर में पत्रकारों के लिए महत्वपूर्ण यह है कि वे अपनी प्रतिभा का श्रेष्ठ प्रदर्षन करें, इस तकनीक से समाज और देष की उत्क्रृष्ठ सेवा कर सकते हैं। वर्ष 1999 से वर्ष 2010 तक सूचना तकनीक ने तेजी से अनेक आयाम तय किए हैं। अब टेलीविजन पर चौबीस घंटे चलने वाले अनेक चैनल मौजूद हैं। जो देष के लगभग सभी क्षेत्र की सूचनाओं और परिस्थिति को प्रतिपल दर्षकों को परोसते हैं। दुख है कि इतने अधिक चैनल होने के उपरांत भी देष में आज सभी चुनावों का मत प्रतिषत चिंताजनक है।
आईटी तकनीक का जितना उपयोग मीडिया जगत में हो रहा है वह प्रषंसनीय तो है ही, उद्योग जगत ने भी इस सुविधा को अपने व्यवसाय की बेहतरी के लिए उपयोग किया है। वे अपने उत्पाद इस माध्यम से सुदूर अंचलों तक बेच रहे हैं। पिछले अमेरिकी चुनाव में ओबामा ने इस तकनीक का जिस सुंदरता से उपयोग किया। उसी कारण आज वे अमेरिका के राष्ट्रपति हैं। इन चुनावों में उन्होंने न केवल फंड रेजिंग की, बल्कि आमजन को अपने चुनाव का भागीदार भी बनाया।
उन्होंने कहा कि वर्ष 2009 के आम चुनाव में देष के लगभग 70 लोकसभा क्षेत्रों में आईटी का उपयोग किया गया । धीरे-धीरे यह प्रवृत्ति हमारी चुनावी प्रक्रिया का अभिन्न अंग बनती जा रही है। यही कारण है कि आज हर सांसद के पास एक या दो आईटी विषेषज्ञ मौजूद हैं। सुखद है कि देष में आज ब्राडबैंड कनेक्टीविटी ने क्रांति पैदा कर दी है। पत्रकारों को इसका सदुपयोग करना चाहिए। उन्होंने पूरानी सूचना प्रौद्योगिकी से जुड़े चुनावी संस्मरणों को भी रोचक ढ़ंग से इस संगोष्ठी में प्रस्तुत किया और भविष्य के लिए अनेक महत्वपूर्ण सुझाव भी दिये।
विमर्ष के दौरान एमपीपोस्ट के संपादक सरमन नगेले द्वारा तैयार मध्य प्रदेष में चुनाव प्रक्रिया का वृहद परिदृष्य और राजनीतिक अतीत पर पहले डिजिटल दस्तावेज का अतिथियों ने विमोचन भी किया।
कार्यक्रम के प्रारंभ में विषय में विषय प्रवर्तन करते हुए न्यूज पोर्टल एमपीपोस्ट डाट ओआरजी के संपादक सरमन नगेले ने कुछ रोचक तथ्य रखे उन्होने कहा पत्रकारिता में आज के दौर में सबसे बड़ी चुनौती यह है कि सफल पत्रकार होने से बेहतर है अपने प्रोफेषन में बने रहना।
देश में पिछले एक दषक के दौरान आईटी और संचार के क्षेत्र में जो परिवर्तन हुए है। तथा लगातार होते जा रहे हैं उन पर इस विमर्ष के परिपेक्ष्य में सिलसिलेवार गौर करना अत्यंत आवष्यक है। चूंकि देष के जाने-माने मीडिया विषेषज्ञ और अन्य चिंतक मौजूद हैं वो तथा अन्य विद्वानों से आग्रह है कि वे भी अपना मौलिक चिंतन इस संगोष्ठी में प्रस्तुत करें। मीडिया, राजनीति और आईटी के क्षेत्र में काम करने वाले लोगो के लिए भी नई दृष्टि के बारे में प्रकाष डाले तो उचित रहेगा।
उन्होने कहा भारत की वर्तमान चुनाव प्रक्रिया में कुछ खामियां हैं, इसको लेकर समय-समय पर कुछ चर्चाएं होती रहती हैं। तथा कुछ मुद्दे भी प्रकट हो जाते हैं। तब लोग चुनाव प्रणाली, राजनेता और मीडिया के लोगों कोसते हैं। यदि इन चर्चाओं से निजात पाना है तो चुनाव प्रक्रिया में आईसीटी के उपयोग की सबसे बड़ी जरूरत है। जब तक मतदाता को सभी प्रकार की सूचनाओं का और आईसीटी के यूज के बारे में जागरूक करना तथा मतदाता को सषक्त नहीं बनाया जाएगा, तब तक इस तरह की बाते सामने आती रहेंगी।
आम चुनाव में पं. बंगाल के निर्वाचन अधिकारी ने ब्लाग का सहारा लिया। चुनाव आयोग की वेबसाइट पर साइबर सुरक्षा के पर्याप्त इंतजाम थे। सभी राजनीतिक दलों ने वेबसाइट बनाई तथा आईसीटी का उपयोग किया। गूगल ने इस चुनाव में सर्वाधिक दखल दिया। आडवाणी जी तथा कांग्रेस । इस चुनाव में गूगल भारत में उतरा और आगे भी बढ़चढ़कर अन्य लोग भागीदारी करेंगे। न्यू मीडिया को भारत में ही नही अन्य देषों का लगभग सभी मीडिया प्रोमोट कर रहा है।
उन्होने बताया गूगल पिछले सौ सालों से अधिक के समाचार पत्रों को डिजिटल फारमेंट में लाने का प्रयास कर रहा है।
भारत में ई-वोट के अधिकार की मांग उठ रही है। गुजरात में नगरीय निकाय चुनाव में एसएमएस तथा ईमेल से वोट देने की प्रणाली पर विचार प्रारम्भ हो गया है।
भारत में 1652 बोलियों के माध्यम से संवाद होता है। इस बात को ध्यान में रखते हुए साटवेयर कंपनियों ने क्षेत्रीय भाषाओं में काम करना प्रारंभ कर दिया है। भारत में पहला भाषाई सर्वेक्षण भी प्रारंभ हो चुका है।
श्री नगेले 2005 में किये गये स्वंय के अध्ययन के बारे में बताया कि मध्यप्रदेष में ऐसे भी उदाहरण हैे कि पूर्व मुख्यमंत्री बाबूलाल गौर की समाज के मतदाताओं की संख्या 200 से 500 सौ के बीच में है इसके बाद भी लगातार चुनाव जीत रहे है यही स्थिति विधानसभा ईष्वरदास रोहाणी की है यही स्थिति म.प्र. शासन मे मंत्री जयंत मलैया की भी है, जबकि गौरीषंकर शेजवार की समाज के उनके विधानसभा क्षेत्र में 200 के बीच में मतदाता है लेकिन लगाता चुनाव जीतते रहे इस मर्तबा चुनाव मे हार गये, कैलाष चावला ऐसे पूर्व विधायक है जिन्होने मंदसौर जिले की सभी विधानसभा सीटों से भाजपा उम्मीदवार के रूप चुनाव लड़ा और जीते भी इस बार जरूर हार गये, कांग्रेस के पूर्व मंत्री हजारी लाल रघुवंषी और इन्द्रजीत कुमार उन विधायकों में से रहे जिन्होने कांग्रेस के लगभग सभी चुनाव चिन्ह पर पंच सरपंच से लेकर विधानसभा तक का चुनाव लड़ा और विजयी रहे इस दफा चुनाव में पराजित हो गये।
सरकारी आंकडों पर गौर करे तो अभी तक भारत में 80 लाख से अधिक ब्राडबैंड कनेक्षन उपलब्ध कराये गये हैं। भारत में इस समय इंटरनेट यूजर की संख्या लगभग सात करोड़ है ऐसा एक अध्ययन से पता चला है। देष के सभी ढ़ाई लाख ग्राम पंचायतों में सन् 2012 तक ब्राडबैंड इंटरनेट की सुविधा उपलब्ध कराई जायेगी। अभी 30 हजार ग्राम पंचायतों को ब्राडबैंड से जोड़ दिया गया है। भारत में निजी इंटरनेट सर्विस प्रोवाइडरों द्वारा भी लाखों की संख्या में इंटरनेट की सुविधा उपलब्ध कराई जा रही है। श्री नगेले ने बताया कि भविष्य मे समाचार पत्र मोबाईल पर पढ़ने को मिलेंगे एम गर्वनेंस के साथ साथ थ्रीजी सेवा का भी लोग बढ़चढ़ कर उपयोग करेंगें।
हिन्दुस्तान टाइम्स के विषेष संवाददाता रंजन श्रीवास्तव ने कहा कि आज के परिवेष में सूचना प्रौद्योगिकी की प्रगति देखकर हर्ष होता है। उन्होंने एक संस्मरण सुनाते हुए कहा कि कई वर्ष पहले राज्य सभा के एक दक्षिण भारत के सांसद का नाम स्पष्ट रूप से लेने में कठिनाई हो रही थी। मैंने इस हेतु इंटरनेट का उपयोग किया और तत्काल उनका ठीक नाम ज्ञात कर लिया। इस तकनीक के माध्यम से अब पत्रकार अपनी रिर्पोट को अत्यधिक तथ्यात्मक और प्रमाणिकता प्रदान करने के लिए उपयोग मंे ला सकते हैं। राजनीतिक दलों में भी इस तकनीक का उपयोग उन्नत रूप में किया जा रहा है। अब इंटरनेट पर बैठकर पत्रकारगण पूरे देष के चुनावों पर नजर रख सकते हैं। हालही में संपन्न हुए चुनावों में विधायकों को लेपटाप दिये गए हैं। निष्चित रूप से यह आईटी के चलन का सूचक है। अब वे चुनावों में विजयी बनाये जाने की अपील इस माध्यम से करते हैं। मुझे विष्वास है जितनी तेजी से यह प्रौद्योगिकी प्रगति करेगी, उतनी ही तेजी से पत्रकारगण इस सुविधा का उपयोग करेंगे।
इंडिया टुडे के प्रमुख संवाददाता अंबरीष मिश्रा ने विचार व्यक्त करते हुए कहा कि राजनीति में इस प्रौद्योगिकी का सर्व प्रथम स्वर्गीय प्रमोद महाजन ने परिचय कराया था। बाद के वर्षाे में भाजपा ने इस सुविधा का भरपूर लाभ लिया। अब लगभग सभी दल इस सुविधा का उपयोग कर रहे हैं। उन्होंने कहा कि इंटरनेट पर सूचनाओं का भंडार ज्यादा है इसलिए सही सूचना प्राप्त करना कठिन है।
दैनिक भास्कर के स्टेट ब्यूरो चीफ गणेष साकल्ले ने तकनीक और पत्रकारिता कौषल पर अपने अनुभव बांटते हुए बताया कि 1999 के चुनाव में रीवा जाना हुआ उन दिनों रिपोर्टिंग तो आसान थी पर उसका संप्रेषण अत्याधिक कठिन था। रिपोर्ट तैयार करने के बाद दो दिन तक उसे अखबार के दफतर तक नहीं भेजा जा सका। क्योंकि तब वहां शहर में केवल एक ही फैक्स मषीन थी। और उसे चलाने वाला भी एक ही था। बाद में लगभग तीन दिन बाद उस समाचार का प्रकाषन संभव हो सका। वर्तमान दौर में पत्रकारिता के लिए सूचनाएं और तकनीक दोनों विद्यमान हैं। केवल उसके सदुपयोग की जरूरत है।
सीएनईबी और वरिष्ठ टीवी पत्रकार राजेष बादल ने अपने अनुभव के आधार पर वक्तव्य आरंभ करते हुए कहा कि एक बार वर्ष 1977 में पहली बार भाजपा नेत्री स्वर्गीय विजयाराजे और स्वर्गीय इंदिरा गांधी से बात करने पहुंचा। उस दौर में संप्रेषण हेतु केवल तार सुविधा उपलब्ध थी। मैंने विजयाराजे जी और इंदिरा गांधी जी से बात करने के बाद अपनी रिपोर्ट तार द्वारा प्रेषित की। अखबार के दफतर में इन खबरों को उलट-पुलट रूप में प्राप्त किया गया है। आषय यह है कि उन दिनों संप्रेषण उन्नत नहीं था। अब यह इतनी अधिक उन्नत हो गई है कि इसमें त्रुटियों की संभावना कहीं अधिक बढ़ गई है। चैनलों की दौड़ में हम रूक नहीं सकते। अतः मामूली सी चूक खबर के अर्थ का अनर्थ करती है। इस दिषा में हमें यदि चुनाव आयोग की तकनीकी सहायता प्रमाणिक समाचार के रूप में मिल जाए तो यह एक सार्थक प्रयास होगा। मेरा सुझाव है कि चुनाव अधिकारी के रूप में किसी जिले का कलेक्टर सरकार का पक्ष यह सोचकर ले सकता है कि चुनाव बाद मुझे इसी सरकार के अधीन काम करना है। दूसरे शब्दों में यह अधिकारी किसी भी जीते प्रत्याषी को हरा भी सकता है और जीता भी सकता है। यदि सूचना प्रौद्योगिकी का समुचित उपयोग किया जाए तो इस विसंगति पर नियंत्रण पाया जा सकता है। उन्होंने चुनाव सुधार की बात भी प्रमुखता से कही।
मध्य प्रदेष कांग्रेस कमेटी के मुख्य प्रवक्ता श्री अरविंद मालवीय ने कहा कि चुनाव प्रक्रिया पेपर लेस हो तो ज्यादा अच्छा होगा, क्योंकि इससे न केवल आर्थिक बचत होगी। बल्कि पर्यावरण भी बचेगा। उन्होंने कहा कि राजनीति समाज सेवा का सषक्त माध्यम है और चुनाव इस प्रक्रिया का आवष्यक अंग है। हर्ष का विषय है कि अब राजनीतिक दल सूचना प्रौद्योगिकी का उपयोग करने लगे हैं। पहले तार फिर फैक्स, फिर कम्प्यूटर और बाद में इंटरनेट सहित अन्य उन्नत तकनीक वर्तमान परिपेक्ष्य में विद्यमान है। इस तकनीक के माध्यम से प्रजातंत्र को और अधिक मजबूत बनाया जा सकता है और बिगाड़ा भी जा सकता है। अलग-अलग चैनल के दफतरों में अलग-अलग चुनाव विष्लेषक अपनी निष्ठा अनुसार चुनाव विवेचना करते देखे जा सकते हैं। अब केन्द्र सरकार ने यूनिक आईडी सुविधा प्राप्त की है। ये पर्यावरण की दृष्टि से भी न्यायोचित है।
विमर्ष पर अपना विषिष्ट वक्तव्य राज्यसभा सदस्य और भाजपा प्रदेष उपाध्यक्ष श्री अनिल माधव दवे ने कहा कि तकनीक और प्रौद्योगिकी का बखेड़ा खड़ा नहीं करना चाहिए। मुझे एक परिचित पूर्व मुख्यमंत्री ने अपने मोबाईल का नंबर लेने के लिए अपना मोबाईल आगे बढ़ाया और कहा कि केवल मुझे दो ही बटन दबाना आते हैं। पूरे विष्व को सूचना प्रौद्योगिकी के भारतीय संवाहकों ने उंचाई तक पहुंचाया। बेहतर हो अद्यतन तकनीक का प्रयोग किया जाए। राजा को सदैव टेक्नोसेवी होना चाहिए, टेक्नोक्रेट नहीं।
विमर्ष का संचालन करते हुए माखलन चतुर्वेदी विष्वविद्यालय के पत्रकारिता विभाग के अध्यक्ष पुष्पेन्द्र पाल सिंह ने कहा कि सूचना प्रौद्योगिकी एक विचार धारा को भी प्रदर्षित करती है। कभी-कभी उसके उपयोगकर्ता विचारधारा से सहमत होते और कभी असहमत। सहमत होने पर प्रौद्योगिकी उन पर सकारात्मक प्रभाव डालती है। और असहमत होने पर उसका प्रभाव नकारात्मक होता है। सूचना प्रौद्योगिकी का सकारात्मक उपयोग आमजन के हित में कैसे किया जाए। इस पर विमर्ष किया जाना चाहिए।
एमपीपोस्ट द्वारा तैयार मध्य प्रदेष में चुनाव प्रक्रिया का वृहद परिदृष्य और राजनीतिक अतीत पर पहले डिजिटल दस्तावेज न्यूज पोर्टल एमपीपोस्ट डॉट ओआरजी पर निषुल्क ऑनलाइन उपलब्ध है।
सभी अतिथियों को एमपीपोस्ट की ओर से स्मृति चिन्ह भेंट किए गए। सभी अतिथियों व उपस्थित पत्रकारों का एमपीपोस्ट के संपादक सरमन नगेले ने आभार व्यक्त किया। सभी अतिथियों का एम.पी. पोस्ट के ब्यूरो चीफ जितेन्द्र सुमन तथा इन्द्रकुमार चौरे ने स्वागत किया।
इस अवसर पर इंडियन एक्सप्रेस के पूर्व ब्यूरो चीफ वरिष्ठ पत्रकार श्री एन.डी. शर्मा, सेन्ट्रल प्रेस क्लब के उपाध्यक्ष और वरिष्ठ पत्रकार विजयदास, चेतना रतलाम के ब्यूरो चीफ दिनेष जोषी, लोकमत समाचार के ब्यूरों चीफ और वरिष्ठ पत्रकार षिवअनुराग पटेरिया, जनसत्ता के ब्यूरो चीफ तथा नेषनल यूनियन आफ जर्नलिस्ट के राष्ट्रीय महासचिव आत्मदीप, राजस्थान पत्रिका के ब्यूरो चीफ रमेष ठाकुर, दैनिक भास्कर के एस. हनुमंत राव, वरिष्ठ पत्रकार व दैनिक नई राह के संपादक रमेष तिवारी, वरिष्ठ पत्रकार पंकज पाठक, स्वतंत्रमत जबलपुर के ब्यूरो चीफ प्रेम पगारे, पांचजन्य के ब्यूरो चीफ अनिल सौमित्र, समय शहडोल के व्यूरो चीफ विनोद श्रीवास्तव, अग्निपथ उज्जैन के ब्यूरो चीफ एन.पी अग्रवाल, क्षीतिज किरण होषंगाबाद के संपादक के.के. सक्सेना, संवादकुज के ब्यूरो चीफ व म.प्र. श्रमजीवी पत्रकार संघ के अध्यक्ष षिषुपाल सिंह तोमर, यू.एन.आई. के विषेष संवाददाता प्रषांत जैन, आकाषवाणी के समाचार संपादक सारिक नूर, वरिष्ठ पत्रकार शब्बीर कादरी, आलोक सिंघई, बीएल दिवाकर, रामजी श्रीवास्तव, राजेष गाबा, डॉ. राधेष्याम शर्मा, आर के पंथारी, आर.एस. अग्रवाल, द संडे इंडियन के ब्यूरो चीफ राजू कुमार, पत्रकार रमेष निगम, अरषद अली, संजय शास्त्री, बीजेपी आईटी सेल म.प्र. के अध्यक्ष अनिल सप्रे, म.प्र. काग्रेस कमेटी सूचना का अधिकार प्रकोष्ठ के अध्यक्ष अजय दुबे, भोपाल शहर के अनेक पत्रकार, फोटो पत्रकार, न्यू मीडिया से जुड़े पत्रकार, गणमान्य नागरिक और माखनलाल चतुर्वेदी पत्रकारिता विष्वविद्यालय के एम.जे. छात्र मौजूद थे।
मध्य प्रदेष में चुनाव प्रक्रिया का वृहद परिदृष्य और राजनीतिक अतीत 2010 को न्यूज पोर्टल एमपीपोस्ट के संपादक सरमन नगेले ने तैयार किया है।
डिजिटल दस्तावेज तीन खण्डों में
ै पहले खंड में विधान सभा चुनाव पर केन्द्रित लगभग हर दृष्टि से संपूर्ण जानकारी, चुनाव परिणामों के साथ ही विधान सभा क्षेत्र की संपूर्ण जानकारी और निर्वाचित विधायक का फोटो सहित जीवन परिचय तथा विष्लेषण है।
दूसरे खंड में लोक सभा चुनाव से संबंधित संदर्भ सामग्री, चुनाव परिणाम नतीजे मध्य प्रदेष से निर्वाचित सांसदों का फोटो सहित जीवन परिचय।
तीसरे खंड में वर्तमान लोक सभा में महिलाओं की स्थिति 15वीं लोक सभा के लिए संपन्न चुनाव पर विष्लेषण, चुनाव के दौरान एग्जिट और ओपिनियन पोल के बारे में व चुनाव संबंधी रिपोर्टिंग के बारे में भारतीय प्रेस परिसर के निर्देष का भी समावेष किया गया है। मध्य प्रदेष के गठन से लेकर अब तक के राजनीतिक अतीत, मध्य प्रदेष के गठन से लेकर अब के मुख्यमंत्रियों का सफरनामा, संविद सरकार और चुनावी राजनीति को समेटा गया है। भारत में निर्वाचन प्रणाली का विकास तथा लोकतांत्रिक प्रणाली का भी समावेष किया गया है।
मध्य प्रदेष में चुनाव प्रक्रिया का वृहद परिदृष्य और राजनीतिक अतीत..
भारत में लोक सभा और विधान सभा प्रभुत्व-सम्पन्न जनता की आकांक्षाओं का प्रतिनिधित्व करती है। सदन का प्रत्येक सदस्य चुनाव प्रक्रिया के माध्यम से जनता के प्रति जवाबदेह है। सरकार की जवाबदेही सुनिष्चित करने के लिए सदन द्वारा इसकी नीतियों, कार्यक्रमों तथा कृत्यों की संवीक्षा की जाती है। यह प्रक्रिया, स्वतंत्रता के बाद से 14वीं लोक सभाओं में जारी रहते हुए अब 15वीं लोक सभा तथा मध्य प्रदेष की 11वीं विधान सभा से लेकर 12वीं विधान सभा में भी विद्यमान है।
मित्रों, इंटरनेट और आईसीटी से मिले अपार प्रोत्साहन और सुदृढ़ अवलम्ब के बल पर ही मैं इस दस्तावेज सीडी को तैयार करने तथा इंटरनेट पर ऑनलाइन उपलब्ध कराने का साहस जुटा सका हूं। यह मध्य प्रदेष का पहला डिजिटल दस्तावेज है जो इतनी वृहद जानकारी प्रस्तुत करता है। यह न्यूज पोर्टल ूूूण्उचचवेजण्वतह पर सुलभ संदर्भ के लिए उपलब्ध रहेगा।
15वीं लोक सभा के संपन्न हुए चुनाव में 70 करोड़ से अधिक योग्य मतदाता ने भाग लिया। और भारत निर्वाचन आयोग ने इसके लिए 7.5 लाख मतदान केन्द्र स्थापित किये। यह विषाल उप-महाद्वीपीय प्रक्रिया दुनिया भर के मीडिया का ध्यान आकर्षित करती रही है।
एमपीपोस्ट ने 2004-2009 के आम चुनावों तथा 2008 के म.प्र. विधान सभा चुनावों में विभिन्न राजनैतिक दलों के कार्य निष्पादन का विवरण देते हुए यह संदर्भ सीडी तैयार की है। इसके अलावा चुनावों में अनुसूचित जाति और अनुसूचित जनजाति चुनाव क्षेत्रों में उनके कार्य निष्पादन, पिछले सभी चुनावों में मतदान प्रतिषत और पिछले चुनावों के बारे में कई अन्य उपयोगी सूचनाएं शामिल है। संदर्भ सीडी में 15वीं लोक सभा के सदस्यों की पृष्ठभूमि, मध्य प्रदेष के विजयी उम्मीदवारों के फोटो सहित जीवन परिचय, लोक सभा क्षेत्र का नक्षा, तथा संसदीय क्षेत्र का संपूर्ण विवरण एवं अन्य महत्वपूर्ण तथ्य परक सूचनाओं के साथ-साथ महिलाओं की भागीदारी और कार्य निष्पादन के बारे में जानकारी दी गई है। आम चुनाव 2009, राज्यवार चुनाव परिणाम, संसदीय क्षेत्र का विवरण, म.प्र. के विजयी उम्मीदवारों का फोटो सहित जीवन परिचय संजोया गया है।
मध्य प्रदेष में संपन्न हुए 12वीं विधान सभा के चुनाव परिणाम, विजयी उम्मीदवार का फोटो सहित जीवन परिचय, विधान सभा क्षेत्र का नक्षे के साथ संपूर्ण विवरण एवं अनुसूचित जाति, अनुसूचित जनजाति तथा महिला उम्मीदवारों की भागीदारी के अलावा समान्य निवार्चन 2008, जिले की चुनाव संबंधी संपूर्ण जानकारी, जिला और विधान सभा क्षेत्रवार परिणाम, म.प्र. विधान सभा-2008 क्षेत्रवार एवं दलवार प्राप्त मतों का प्रतिषत, म.प्र. विधान सभा-2008 विधान सभा क्षेत्रवार एवं दलवार प्राप्त मतों की संख्या, म.प्र. विधान सभा-2008 जिलेवार विजयी पार्टी एवं प्रतिषत, 1951-2003 तक के मध्य प्रदेष विधान सभा चुनाव परिणाम एक नजर में, 1951-2008 तक के मध्य प्रदेष विधान सभा चुनाव परिणाम पर विश्लेषण भी किया गया है।
मध्य प्रदेश का राजनीतिक अतीत

ऽ भारतीय संसदीय लोकतंत्र के - वर्ष राजनीतिक जीवन (लोकतांत्रिक प्रणाली)
ऽ भारत में निर्वाचन प्रणाली का विकास
ऽ भारत में आम चुनाव
ऽ आम चुनाव 2009 भारत में 15वीं लोक सभा के लिए संपन्न चुनाव पर विश्लेषण
ऽ मध्य प्रदेष का निर्माण
ऽ मध्य प्रदेष के गठन से लेकर अबतक के मुख्यमंत्रियों का सफरनामा
ऽ मध्य प्रदेष के गठन से लेकर अबतक के मुख्यमंत्रियों का कार्यकाल
ऽ मध्य प्रदेष में निम्न अवधि में राष्ट्रपति शासन
ऽ मध्य प्रदेश के गठन से लेकर अबतक के राज्यपाल
ऽ मध्य प्रदेश के गठन से लेकर अबतक के विधान सभा अध्यक्ष
ऽ मध्य प्रदेश के गठन से लेकर अबतक के नेता प्रतिपक्ष
ऽ मध्य प्रदेश के गठन से लेकर अबतक के विधान सभा उपाध्यक्ष
ऽ मध्य प्रदेश के गठन से लेकर अबतक के म.प्र. भाजापाध्यक्ष
ऽ मध्य प्रदेश के गठन से लेकर अबतक के म.प्र. कांग्रेस के अध्यक्ष
ऽ मध्य प्रदेश के गठन से लेकर अबतक के मुख्य सचिव
ऽ संविद सरकार
ऽ प्रथम दशक
ऽ छठवां दशक
ऽ चुनावी राजनीति
ऽ म.प्र. मंत्री परिषद का जातिगत और क्षेत्रवार विवरण
ऽ प्रदेश में उभरता महिला नेतृत्व
ऽ मध्य प्रदेश में जिला पंचायत और महापौर पद के लिए महिला आरक्षण
ऽ वर्तमान लोक सभा में महिलाओं की स्थिति
ऽ मध्य प्रदेश में पंचायतो का दौर
ऽ मध्य प्रदेश से आठवीं बार का सांसद
ऽ मध्य प्रदेष विधान सभा में एक अषासकीय संकल्प पारित हुआ जिसमें लोक सभा और राज्यों की विधान सभाओं के चुनाव एक साथ कराने की वकालत की गई।
मध्य प्रदेश से संबंधित प्रमुख राजनीतिक घटनाक्रम और समीक्षात्मक टिप्पणी प्रत्येक माह अपडेट करेंगे।

मुख्यमंत्री म.प्र. षिवराज सिंह की वेबसाईट को भारत सरकार का वेब रत्न अवार्ड

मध्यप्रदेष के मुख्यमंत्री षिवराज सिंह चौहान द्वारा हिन्दुस्तान की अपने तरीके की अनोखी वेबसाईट डब्ल्यू डब्ल्यू डब्ल्यू डॉट आइडियाज फॉर सीएम डॉट इन को भारत सरकार के सूचना प्रौद्योगिकी विभाग ने वेब रत्न अवार्ड 2009 के लिए चयनित किया है।
भारत सरकार के सूचना प्रौद्योगिकी विभाग की एनआईसी शाखा ने नेषनल पोर्टल के अंतर्गत इसी साल से वेब रत्न अवार्ड देने की प्रक्रिया प्रारंभ की है। एमपीपोस्ट को मिली जानकारी के अनुसार भारत में ई-षासन का जबरदस्त बढ़ावा मिला है। ई-षासन में अनुकरणीय पहल को तथा वर्ल्ड वाइड वेब के प्रयोग को मान्यता प्रदान करने के लिए वेब रत्न अवार्ड 2009 आरंभ किया गया है।
नामांकन का नामांकन जांच समिति द्वारा मूल्यांकन किया गया। ज्यूरी के विषेषज्ञ सदस्यों ने मुख्यमंत्री म.प्र. षिवराज सिंह चौहान की वेबसाईट को अवार्ड के लिए चुना है। अवार्ड प्रदान करने का यह पहला कार्यक्रम है। यह अवार्ड 19 अप्रैल 2010 को विज्ञान भवन नई दिल्ली में शाम 5.00 बजे केन्द्रीय संचार और सूचना प्रौद्योगिकी मंत्री थिरू. ए. राजा द्वारा प्रदान किया जाएगा। इस अवसर पर संचार और सूचना प्रौद्योगिकी राज्यमंत्री सचिन पायलट भी मौजूद रहेंगे। मुख्यमंत्री म.प्र. षिवराज सिंह चौहान ने विजयी टीम के सदस्यों को बधाई और शुभकामनाएं दी हैं।
वेबसाईट आइडियाज फॉर सीएम 19 जनवरी 2009 से प्रारंभ हुई है। तब से लेकर अब तक लगभग 2925 लोगों ने अपने सुझाव और विचार भेजे हैं। प्राप्त सुझावों में से 322 पंजीकृत हुए जिनमें से 280 का निराकरण किया गया और दस सुझावों का क्रियान्वयन के लिए चयन किया गया है। जिन लोगों के सुझाव चयनित किए गए हैं। उन सभी लोगों को अप्रैल माह के अंत एक कार्यक्रम में मुख्यमंत्री मप्र षिवराज सिंह चौहान सम्मानित करेंगे। इस अनोखी वेबसाईट की परिकल्पना मुख्यमंत्री के प्रमुख सचिव इकबाल सिंह बैंस की है। मुख्यमंत्री की मंषा के अनुरूप इस वेबसाईट को मूर्त रूप दिया है सुषासन एवं नीति विष्लेषण स्कूल ने।
मुख्यमंत्री षिवराज सिंह चौहान ने सरकार के कार्यकलापों में लोगों की वैचारिक सहभागिता बढ़ाने की आवष्यकता सदैव अनुभव की है। प्रदेष के विकास की जो कल्पना उन्होंने की है उसे आपसी सहयोग के बिना मूर्त रूप देना संभव नहीं है। इसीलिए उन्होंने आइडियाज फॉर सीएम के माध्यम से जनमानस से बहुमूल्य सुझावों को आमंत्रित करने की परंपरा प्रारंभ की है।
मुख्यमंत्री म.प्र. को सीधे भेजे जाने वाली वेबसाईट आइडियाज फॉर सीएम के जरिए प्राप्त सुझावों व अन्य गतिविधियों की मॉनिटरिंग मुख्यमंत्री के प्रमुख सचिव इकबाल सिंह बैंस, मुख्यमंत्री के सचिव व सूचना प्रौद्योगिकी सचिव अनुराग जैन सतत् रूप से करते हैं। प्रदेष के वन विभाग को मोबाईल गवर्नेंस के लिए भी वेब रत्न अवार्ड मिलेगा। एम गवर्नेंस मंत्रा फॉर वन एण्ड वाइड लाईफ में फायर एलर्ट सिस्टम, वाइड लाईफ, आर्थिक और जीआईएस टेक्नॉलॉजी का इस्तेमाल किया गया है। इसके अलावा नेषनल पोर्टल पर राज्य से अधिक से अधिक तथ्य भेजे जाने के लिए भी मध्यप्रदेष के एनआईसी को भी वेब रत्न अवार्ड से नवाजा जाएगा।
सामान्य प्रषासन विभाग म.प्र. के प्रमुख सचिव सुदेष कुमार, सुषासन एवं नीति विष्लेषण स्कूल के महानिदेषक प्रो. एचपी दीक्षित, संचालक अखिलेष अर्गल, आइडियाज फॉर सीएम को मिलने वाला अवार्ड प्राप्त करेंगे। जबकि अपर प्रधान मुख्य वनसंरक्षक आईटी वन विभाग मध्यप्रदेष अनिल ओबेराय वन विभाग को मिलने वाला अवार्ड प्राप्त करेंगे। नेषनल पोर्टल के स्टेट समन्वयक कंटेंट अपलोडिंग तथा एनआईसी के टेक्नीकल डायरेक्टर संजय हार्डिकर व म.प्र. के राज्य सूचना विज्ञान अधिकारी एम विनायक राव एनआईसी मध्यप्रदेष की ओर से अवार्ड प्राप्त करेंगे।

मेरे बारे में

सरमन नगेले
संपादक
ई-समाचार पत्र
http://www.mppost.org/
http://www.mppost.com
पत्रकारिता - साधनों की शुध्दता के साथ लोकहित के उद्देश्य से सत्य उध्दाटित करने की रचनात्मक प्रक्रिया।
पत्रकार - एक चिंतक, योध्दा और सत्य का रक्षक।
सफलता - उत्कृष्ट होना और बने रहना सफल होने से ज्यादा चुनौतीपूर्ण है।
जन्म - 10 जून 1969 को बुंदेलखण्ड के झांसी शहर के स्व. श्री एम.एल. नगेले एवं श्रीमती शकुन नगेले के मध्यम परिवार में। शिक्षा - हिन्दी में स्नातक,
कैशोर्य की देहरी लांघते ही मध्यप्रदेश की राजधानी भोपाल में पदार्पण।
जीवन यात्रा - रचनात्मक एवं राजनीतिक लेखन की ओर छात्रावस्था से ही रूझान रहा।
म.प्र. के राज्यपाल एवं मुख्यमंत्री सीडी संस्करण प्रथम एवं द्वितीय। सामाजिक-आर्थिक विषयों पर लेखन की दृष्टि से भारत सरकार ने अंडमान निकोबार द्वीप समूह, केरल, तामिलनाडू जैसे राज्यों का अध्ययन भ्रमण कराया। इस यात्रा तथा मधयप्रदेश के महाकौशल क्षेत्र की सामाजिक आर्थिक अधोसंरचना का अधययन भ्रमण के दौरान सृजित हुई।
''माया'' राष्ट्रीय राजनैतिक पत्रिका में कुछ मापदण्ड निर्धारित कर मध्यप्रदेश के टाँप टेन एम.एल.ए. चयनित कर विधायकों पर केन्द्रित विशेषांक का सृजन। अब तक के मप्र विधानसभा के अध्यक्षों पर केन्द्रित सीडी का सृजन। सिंहास्थ 2004 पर केन्द्रित सीडी का सृजन। आईटी स्टेटस इन मध्यप्रदेश, आईटी फॉर डव्लेपमेंट, ई@मध्यप्रदेश विशेषांक का संपादन। मध्यप्रदेश में ई-सेवाएं एक नजर में। प्रवासी भारतीय दिवस 7-9 जनवरी, 2008 पर विशेषांक का संपादन।
लगभग दो दशक से पत्रकारिता में सक्रिय - इंटरनेट मीडिया एक नये स्वरूप में सामने आ रहा है। हिन्दी भाषी राज्यों में इंटरनेट पत्रकारिता का शैशवकाल है। भारत में इंटरनेट पत्रकारिता की संभावनाओं को देखते हुए http://www.mppost.org/ पर मध्यप्रदेश का पहला इंटरनेट हिन्दी समाचार पत्र एक जनवरी 2005 से शुरू किया।
चंडीगढ़, दिल्ली, हरियाणा, छत्तीसगढ़, केरल, महाराष्ट्र, उड़ीसा, असाम, पंजाब, तमिलनाडू, कर्नाटक, उत्तरप्रदेश, पश्चिम बंगाल और गुजरात की आई.टी. नीतियों का अध्ययन, इंटरनेट पत्रकारिता से जुड़े लोगों, संस्थाओं प्रमुख, आई.टी. कंपनियों, विशेषज्ञों से सतत् संवाद। इंटरनेट पर आयोजित अंर्तराष्ट्रीय सेमीनार डब्ल्यू3सी में मध्यप्रदेश की ओर से प्रतिनिधित्व किया। साऊथ एषिया की सबसे बड़ी आई.टी. प्रर्दशनी एवं सेमीनार जीटेक्स इंडिया में भाग लिया। साऊथ एशिया के सबसे बड़े संचार एवं आई.टी. इवेंट कर्न्वजेंस इंडिया- 2006 में शामिल हुए। प्रवासी भारतीय दिवस में विशेष रूप से मीडिया प्रतिनिधि के रूप में भाग लिया। म.प्र. सरकार द्वारा आयोजित आई.टी. समिट में हिस्सा लिया।
पत्रकारिता -
बीबीसी- वेबदुनिया द्वारा आयोजित ऑन लाइन पत्रकारिता कार्यशाला में भागीदारी। राष्ट्रीय सहारा, दिल्ली, अक्षर भारत, दिल्ली, राज्य की नई दुनिया, भोपाल जैसे प्रतिष्ठित समाचार पत्रों में संवाददाता के रूप में कार्य। म.प्र. के प्रमुख दैनिक नवीन दुनिया जबलपुर के भोपाल ब्यूरो प्रमुख के रूप में संबध्द रहे। महाकौशल के प्रमुख सांध्य दैनिक सीटाइम्स के भोपाल ब्यूरो प्रमुख के रूप में संबध्द रहे। राष्ट्रीय राजनैतिक पत्रिका ''माया'' के मध्यप्रदेश विशेष संवाददाता के रूप में संबध्द रहे। दूरदर्शन, आकाशवाणी के लिये संवाद लेखन, विधानसभा कार्यवाही की समीक्षात्मक रिर्पोट लेखन। भोपाल दूरदर्शन से प्रसारित लाइव फोन इन कार्यक्रम शुभ-शाम में 17 अगस्त 2009 को विषय विशेषज्ञ के रूप में वेब जर्नलिज्म में भविष्य का प्रसारण।
संप्रति -
संपादक - एमपीपोस्ट इंटरनेट समाचार एवं विचार सेवा और वेबसाइट http://www.mppost.org/
ब्लाग - http://journocrat.blogspot.com/
समन्वयक, सेन्ट्रल प्रेस क्लब, भोपाल। उपाध्यक्ष, ब्यूरो चीफ एसोशिएशन, भोपाल। संस्थापक, सदस्य एवं संचालक राजधानी पत्रकार गृह निर्माण सहकारी संस्था मर्यादित, भोपाल, सदस्य- मध्यप्रदेश जर्नलिस्ट यूनियन (जम्प)। आजीवन सदस्य, मध्यप्रदेश विधानसभा पुस्तकालय, भोपाल। सदस्य, इंटरनेट आधारित सेवा सॉल्यूषन एक्सचेंज। अनेक राष्ट्रीय एवं प्रांतीय सामाजिक एवं रचनात्मक संगोष्ठियों में हिस्सा लिया।
पत्राचार का पता
एफ-45/2,
साऊथ टी.टी. नगर, भोपाल म.प्र.
462 003. दूरभाष - (91)-755-2779562 (निवास)
098260-17170 (मोबाईल)