भारत में ओपन गवर्नमेंट प्लेटफॉर्म यानि ओजीपीएल का गोल है सूचना का लोकतंत्रीकरण करना। प्रधानमंत्री के सलाहकार और नेशनल नालेज कमीशन के चेयरमेन सैम पित्रोदा ने भोपाल में एक संवाददाता सम्मेलन के दौरान 7 जून 2012 को यह बात कही।
श्री पित्रोदा भोपाल प्रवास के दौरान मध्यप्रदेश के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान और मध्यप्रदेश के मुख्य सचिव आर. परशुराम से मध्यप्रदेश में नेशनल नालेज कमीशन से जुड़े हुए मुद्दों व उसके विस्तार व उपयोग तथा संभावनाओं के साथ-साथ अन्य मुद्दों पर हुई मीटिंग के बाद राज्य मंत्रालय भोपाल में पत्रकारों से बातचीत कर रहे थे।
राष्ट्रीय ज्ञान आयोग भारत के प्रधानमंत्री की एक उच्चस्तरीय सलाहकार संस्था है, जिसका उद्देश्य भारत को ज्ञानवान समाज बनाना है। राष्ट्रीय ज्ञान आयोग का ध्यान शिक्षा से लेकर ई-प्रशासन तक ज्ञान तंत्र के पाँच प्रमुख क्षेत्रों पर केन्द्रित है। इस आयोग के श्री पित्रोदा अध्यक्ष हैं।
उन्होंने एक सवाल के जवाब में बताया कि सूचनाओं का आपस में आदान-प्रदान करने के लिए भारत सरकार तथा यूएस सरकार ने मिलकर यह पहल आरंभ की है। उन्होंने बताया कि ओजीपीएल से 31 अफ्रीकन देशों को भी जोड़ा जाएगा। उन्होंने कहा कि अमेरिका में शीघ्र ही भारत सरकार तथा अमेरिका सरकार मिलकर संयुक्त रूप से ओजीपीएल को आरंभ करेंगे।
उन्होंने बताया कि ओजीपीएल की कल्पना अमेरिका के राष्ट्रपति बराक ओबामा के राजस्थान प्रवास के बाद भारत तथा यूएस सरकार ने की है।
भारत में ओपन गवर्नमेंट प्लेटफॉर्म (ओजीपीएल) की शुरूआत 30 मार्च 2012 से हो चुकी है। भारत और अमरीका द्वारा संयुक्त रूप से विकसित ओजीपीएल एक सॉफ्टवेयर प्लेटफॉर्म है, जिसका उद्देश्य सरकार के आंकड़ों और दस्तावेजों तक जनता की पहुंच को बढ़ाना है और सरकार के साथ लोगों को जोड़ने की प्रक्रिया को प्रोत्साहित करना है।
यह प्लेटफॉर्म नागरिकों को समेकित आंकड़े प्रदान करके शक्ति का हस्तांतरण करेगा। इस प्लेटफॉर्म का शासन में सुधार, जवाबदेही बढ़ाने और भारत और अमरीका के बीच सहयोग बढ़ाने पर महत्वपूर्ण प्रभाव पड़ेगा।
प्लेटफॉर्म का उद्देश्य सरकारी आंकड़ों और उनकी पहुंच को बढ़ाना है, दुनिया के इच्छुक देशों और शहरों के लिए सरकार की सेवाओं की पहुंच सुधारना है, साथ ही सरकार की पारदर्शिता, जवाबदेही और लोगों की भागीदारी को बढ़ावा देना है।
ओजीपीएल की मुख्य विशेषताएं हैं जैसे - सरकार के विभिन्न विभागों से आंकड़ों, दस्तावेजों तथा प्रक्रियाओं को प्रकाशित करने की क्षमता। डेटा सेटों की स्वीकृति तथा प्रबंधन के लिए आंतरिक रूप से कार्य करने की प्रक्रिया।
राष्ट्रीय प्राथमिकता से संबंधित विषयों डेटा रिच कम्युनिटी स्पेसिस को बनाने की क्षमता।
संघीय, केंद्र, राज्य, जिला, नगर निमग तथा स्थानीय स्तरों से आंकड़े जोड़ने की क्षमता के साथ सरकार के विभिन्न स्तरों पर क्लाउडध्होस्ट आधारित कार्य।
ओपन र्सोस आर्किटेक्चर द्वारा सरकारी आंकड़ों को देखने, तुलना करने तथा उसके इस्तेमाल की नई विशेषताओं तथा अनुप्रयोगों को विकसित करने के लिए सॉफ्टवेयर बनाने वालों को अनुमति देना।
इसकी शुरूआत के साथ ही दोनों पक्ष ओजीपीएल के इस्तेमाल को बढ़ावा देने पर कार्य कर सकेंगे।
सैम पित्रोदा ने कहा ग्रामीण क्षेत्रों में कनेक्टिविटी के लिए 30 हजार करोड़ का फंड
भारत में मोबाईल से मतदान हो सकता है
भारत के प्रधानमंत्री के सलाहकार और नेशनल नालेज कमीशन के चेयरमेन, भारत में सूचना प्रौद्योगिकी एवं संचार क्रांति के प्रमुख सूत्रधार सैम पित्रोदा ने कहा है कि भारत में ग्रामीण क्षेत्रों में इंटरनेट और दूरसंचार कनेक्टिविटी के लिए भारत सरकार के पास 30 हजार करोड़ रूपये का यूनिवर्सल सर्विस ओबलिगेशन फंड है। इस फंड का भारत की पंचायतों में इंटरनेट की कनेक्टिविटी उपलब्ध कराने के लिए उपयोग किया जाएगा।
श्री पित्रोदा भोपाल प्रवास के दौरान मध्यप्रदेश के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान और मध्यप्रदेश के मुख्य सचिव आर. परशुराम से मध्यप्रदेश में नेशनल नालेज कमीशन से जुड़े हुए मुद्दों व उसके विस्तार व उपयोग तथा संभावनाओं के साथ-साथ अन्य मुद्दों पर हुई मीटिंग के बाद 7 जून को राज्य मंत्रालय भोपाल में पत्रकारों से बातचीत कर रहे थे।
उन्होंने एक सवाल के जवाब में कहा कि राष्ट्रीय ज्ञान आयोग एनकेसी की सिफारिशों पर भारत में काम हो रहा है। ज्ञान आयोग की लगभग 300 सिफारिशें थी। उल्लेखनीय है कि ज्ञान आयोग द्वारा की गई सिफारिशें- पुस्तकालय, अनुवाद, अंग्रजी भाषा अध्यापन, राष्ट्रीय ज्ञान नेटवर्क, शिक्षा का अधिकार, व्यावसायिक शिक्षा एवं प्रशिक्षण, उच्चतर शिक्षा, राष्ट्रीय विज्ञान और समाज विज्ञान प्रतिष्ठान, ई-अधिकारिता, स्वास्थ्य सूचना नेटवर्क, पोर्टल, मुक्त शैक्षिक पाठ्यविवरण, विधिक शिक्षा, चिकित्सीय शिक्षा, प्रबंध शिक्षा, मुक्त और दूरस्थ शिक्षा, बौद्धिक संपदा अधिकार(आईपीआर), नवाचार, परंपरागत स्वास्थ्य प्रणाली, सरकारी वित्तपोषित अनुसंधान के लिए विधिक तंत्र है।
उन्होंने बताया कि ई-लाइब्रेरी, ट्रांसमिशन, ई-गवर्नेंस, इनोवेशन जैसी अनेक सिफारिशों पर काम हो रहा है। कुछ पर शिक्षा बिल के कारण विलम्ब हो रहा है।
उनसे सवाल किया गया कि आपकी कल्पना है कि भविष्य में मोबाईल के माध्यम से मतदान हो। इस पर उन्होंने जवाब किया कि यह हो सकता है। टेक्नॉलाजी में सब संभव है। उन्होंने कहा कि शिक्षा की गुणवत्ता की समस्या पूरे भारत में है। उन्होंने बताया कि मध्यप्रदेश के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान के आग्रह व आइडियाज पर मध्यप्रदेश आए हैं।
उन्होंने एक सवाल के जवाब में कहा कि उनकी राष्ट्रपति बनने की इच्छा नहीं है। क्योंकि मर्तबा बायपास हो चुका है। और कैंसर जैसे रोग से भी पीड़ित हैं। श्री पित्रोदा ने नालेज सिटी उज्जैन, नेशनल आप्टिकल फायबर नेटवर्क, र्ई-कोर्स एवं कोर्टस आफ टूमारो, भोपाल ग्लोबल इनवायरनमेंट सिटी, सेन्टर फार इनोवेशन की स्थापना के संबंध में संबंधित अधिकारियों के साथ बैठक भी की।
भोपाल ग्लोबल इनवायरनमेंट सिटी बने- मुख्यमंत्री श्री चौहान
मध्यप्रदेश की राजधानी भोपाल को दुनिया में गैस त्रासदी के नाम से जाना जाता है। इसलिए अब भोपाल की पहचान भोपाल ग्लोबल इनवायरनमेंट सिटी के रूप में हो इस विषय पर प्रधानमंत्री के सलाहकार और नेशनल नालेज कमीशन के चेयरमेन सैम पित्रोदा के साथ 7 जून को भोपाल में एक बैठक के दौरान गंभीरता के साथ चर्चा हुई है। यह जानकारी मध्यप्रदेश के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने राज्य मंत्रालय भोपाल में सैम पित्रोदा की उपस्थिति में एक पत्रकारवार्ता के दौरान दी।
उन्होंने कहा कि श्री पित्रोदा जी उनके आग्रह पर भोपाल पधारे हैं। मुख्यमंत्री ने बताया कि पित्रोदा जी में जज्बा और जूनुन है। उनके ज्ञान और अनुभव का मध्यप्रदेश सरकार लाभ उठाना चाहती है। मुख्यमंत्री ने बताया कि कुछ क्षेत्र हमने चुने हैं उनमें उनका मार्गदर्शन मिलेगा। मुख्यमंत्री ने बताया कि कोटर््स आफ टूमारो यानि मॉडल कोर्ट का काम प्रदेश में तेजी से आगे बढ़ायेंगे।
उन्होंने कहा कि मध्यप्रदेश में ई-गवर्नेंस के क्षेत्र में काफी काम हुआ है। मुख्यमंत्री ने कहा कि नेशनल नालेज सेंटर का राज्य सरकार लाभ उठायेगी। प्रदेश की पंचायतों में ब्रॉडबैंड की कनेक्टिविटी के काम में तेजी लाई जाएगी। उन्होंने कहा कि उज्जैन का नालेज सिटी बनाया जा रहा है। श्री पित्रोदा जी इस सिटी के लिए मेंटर के रूप में गाईड करें। ऐसी उनसे अपेक्षा की गई है। मुख्यमंत्री ने कहा कि इनवायरनमेंट सिटी के विषय पर चर्चा के साथ ही भोपाल ग्रीन सिटी के रूप में मॉडल बने इस पर भी श्री पित्रोदा जी से चर्चा हुई है।
मुख्यमंत्री ने बताया कि प्रदेश में शिक्षा के क्षेत्र में नवाचार हो इस दिशा में काम किया जा रहा है। और भोपाल में बैठकर स्कूलों को जोड़ने में राज्य सरकार प्रयत्नशील है।
नवाचारी प्रयासों से मध्यप्रदेश बनेगा आदर्श प्रदेश- श्री सैम पित्रोदा
प्रधानमंत्री के सलाहकार श्री सैम पित्रोदा ने कहा है कि राजनैतिक इच्छा शक्ति और विकास के क्षेत्र में नवाचारी प्रयासों के लिए तैयार सक्षम अधिकारियों की टीम के चलते आदर्श नागरिक केन्द्रित न्याय व्यवस्था और ई-गर्वनेंस के क्षेत्र में मध्यप्रदेश आदर्श राज्य बनेगा। इसके साथ ही भोपाल विश्व परिदृश्य में आदर्श एनवारनमेंट सिटी‘ और उज्जैन आदर्श नॉलेज सिटी‘ बनेगें। उन्होंने कहा कि विकास के क्षेत्र में आगे बढ़ने के लिए मध्यप्रदेश की इच्छा शक्ति प्रशंसनीय है। मुख्यमंत्री श्री शिवराज सिंह चौहान ने कहा कि मध्यप्रदेश ने इसके लिए कार्ययोजनाएं बनाकर प्रदेश को आदर्श राज्य बनाने की पूरी तैयारी कर ली है। श्री पित्रोदा आज यहां मंत्रालय में मुख्यमंत्री श्री शिवराज सिंह चौहान से प्रदेश के विकास के लिए रचनात्मक कार्यों और परियोजनाओं की संभावनाओं पर चर्चा कर रहे थे।
श्री पित्रोदा ने आधुनिक ई-अदालत, राष्ट्रीय नॉलेज नेटवर्क शिक्षा में नवाचार, भोपाल को विश्वस्तर का पर्यावरण शहर बनाने, पंचायतों में ई-कनेक्टिविटी, नॉलेज सिटी, इन्टरनेट के माध्यम से दूरस्थ क्षेत्रों में शिक्षा देने जैसी नवाचारी परियोजनाओं पर अपने संक्षिप्त प्रस्तुतीकरण में कहा कि मध्यप्रदेश में सूचना प्रौद्योगिकी, उच्च शिक्षा एवं स्कूली शिक्षा के विस्तार की दिशा में सराहनीय प्रयास हुए हैं जिनके आधार पर मध्यप्रदेश पूरे देश में विशिष्ठ स्थान बना सकता है।
श्री पित्रोदा ने कहा कि ई-अदालत परियोजना में सूचना प्रौद्योगिकी के उपयोग से लंबित प्रकरणों की संख्या में काफी कमी आ सकती है। फिलहाल 11 लाख प्रकरण लंबित हैं इनमें से 9 लाख अपराधिक और बाकी दीवानी मामलों के हैं। उन्होंने कहा कि प्रदेश में स्थापित सूचना प्रौद्योगिकी आधारित सामुदायिक सेवा केन्द्रों जैसे प्रयासों से यह कार्य आसान हो जायेगा। अदालतों में ई-आर्डर, ई-सम्मन, ई-लायेब्रेरी जैसी व्यवस्थाएं स्थापित करने के अलावा और पुलिस, अस्पताल, जेल जैसी संस्थाओं को भी जोड़ा जायेगा। विशेषज्ञों को वीडियो कांफ्रेसिंग के माध्यम से गवाही और उपस्थिति मान्य की जायेगी। इस प्रकार नागरिक केन्द्रित न्याय व्यवस्था देने में मध्यप्रदेश एक आदर्श उदाहरण प्रस्तुत करेगा। उन्होंने इस पूरी परियोजनाओं को दो साल में पूरी करने के लिए जरूरी संरचना पर भी चर्चा की। मुख्यमंत्री ने कहा कि इस कार्य को तेजी से आगे बढ़ाया जायेगा।
ई-गर्वनेंस के क्षेत्र में नवाचारी प्रयासों की चर्चा करते हुए श्री पित्रोदा ने कहा कि विश्वविद्यालयों, शोध संस्थाओं और उद्योग समूहों को एक ही नॉलेज नेटवर्क से जोड़ना मध्यप्रदेश के लिए लाभकारी होगा। उन्होंने कहा कि सभी ग्राम पंचायतों में जल्दी ही ई-कनेक्टिविटी सुविधा हो जायेगी। उन्होंने कहा कि मध्यप्रदेश के लिए शिक्षा, स्वास्थ्य और ग्रामीण विकास प्राथमिकता के क्षेत्र हैं। नॉलेज सिटी के संबंध में उन्होंने कहा कि नॉलेज सिटी का उद्देश्य आर्थिक समृद्धि लाना, रोजगार के अवसर उपलब्ध कराना, नये ज्ञान की रचना करना और नवाचारी तरीकों से विश्वस्तर पर उपलब्ध के ज्ञान संसाधान से जुड़ना। उन्होंने कहा कि भविष्य के लिए ज्ञान आधारित अर्थव्यवस्था और नॉलेज ईको सिस्टम की स्थापना जरूरी है।
श्री पित्रोदा ने कहा कि भोपाल शहर में जीव विज्ञान, वनस्पति विज्ञान, पारंपारिक ऊर्जा स्रोत और प्राकृतिक संपदा के कारण विश्वस्तर पर एनवायरमेंट सिटी‘ बनने की अपार संभावना है। उन्होंने कहा कि देश के किसी भी शहर में 40 किलोमीटर के अंदर दो विश्व धरोहर उपलब्ध नहीं है। मुख्यमंत्री ने बताया कि राज्य सरकार ने अंतर्राष्ट्रीय बौद्धिष्ट विश्वविद्यालय स्थापित करने का भी निर्णय लिया है और विश्व धरोहर सांची के पास जमीन अरक्षित कर दी है। श्री सैम पित्रोदा ने इस विचार की प्रशंसा की।
श्री पित्रोदा ने कहा कि नवाचारिक प्रयसों के लिए नेतृत्व जरूरी है जो प्रदेश में उपलब्ध है। उन्होंने कहा कि नवाचारी प्रयासों के लिए वेंचर केपिटल‘ स्थापित करने का भी प्रस्ताव है। इसके अलावा चयनित स्कूलों में तोड़-फोड़-जोड़‘ अवधारणा वाले केन्द्रों को भी स्थापित किया जायेगा ताकि स्कूली बच्चे खराब हो चुकी वस्तुओं जैसे माउस, मोबाईल को तोड़-फोड़ कर उनके काम करने के तरीके और उनके निर्माण की आधारभूत वैज्ञानिक अवधारणा को सीखें। उन्होंने कहा कि नॉलेज सिटी की स्थापना पांच साल में पूरी हो सकती है। मुख्यमंत्री ने कहा कि इस दिशा में तत्काल प्रभाव से काम शुरू किया जायेगा। श्री पित्रोदा ने कहा कि राजस्थान में इंटरनेट के माध्यम से ग्रामीण क्षेत्र के चुनिंदा शिक्षा केन्द्रों में गणित पढ़ाने के प्रयोग को मध्यप्रदेश के चुनिंदा क्षेत्रों में भी लागू किया जायेगा और इसी प्रकार मध्यप्रदेश से अंग्रेजी विषय पढ़ाने की शुरूआत होगी जिसे अन्य प्रदेशों से भी क्रियान्वित किया जायेगा। मुख्यमंत्री ने कहा कि दूरस्थ गांवों में रहने वाले बच्चों के लिए यह लाभदायक होगा।
इस अवसर पर नेशनल इनोवेशन काउंसिल के सदस्य श्री आर. गोपालकृष्णन, मुख्य सचिव श्री आर. परशुराम, मुख्यमंत्री के प्रमुख सचिव श्री मनोज श्रीवास्तव, सचिव श्री एस.के. मिश्रा, सचिव श्री हरिरंजन राव उपस्थित थे।
श्री पित्रोदा भोपाल प्रवास के दौरान मध्यप्रदेश के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान और मध्यप्रदेश के मुख्य सचिव आर. परशुराम से मध्यप्रदेश में नेशनल नालेज कमीशन से जुड़े हुए मुद्दों व उसके विस्तार व उपयोग तथा संभावनाओं के साथ-साथ अन्य मुद्दों पर हुई मीटिंग के बाद राज्य मंत्रालय भोपाल में पत्रकारों से बातचीत कर रहे थे।
राष्ट्रीय ज्ञान आयोग भारत के प्रधानमंत्री की एक उच्चस्तरीय सलाहकार संस्था है, जिसका उद्देश्य भारत को ज्ञानवान समाज बनाना है। राष्ट्रीय ज्ञान आयोग का ध्यान शिक्षा से लेकर ई-प्रशासन तक ज्ञान तंत्र के पाँच प्रमुख क्षेत्रों पर केन्द्रित है। इस आयोग के श्री पित्रोदा अध्यक्ष हैं।
उन्होंने एक सवाल के जवाब में बताया कि सूचनाओं का आपस में आदान-प्रदान करने के लिए भारत सरकार तथा यूएस सरकार ने मिलकर यह पहल आरंभ की है। उन्होंने बताया कि ओजीपीएल से 31 अफ्रीकन देशों को भी जोड़ा जाएगा। उन्होंने कहा कि अमेरिका में शीघ्र ही भारत सरकार तथा अमेरिका सरकार मिलकर संयुक्त रूप से ओजीपीएल को आरंभ करेंगे।
उन्होंने बताया कि ओजीपीएल की कल्पना अमेरिका के राष्ट्रपति बराक ओबामा के राजस्थान प्रवास के बाद भारत तथा यूएस सरकार ने की है।
भारत में ओपन गवर्नमेंट प्लेटफॉर्म (ओजीपीएल) की शुरूआत 30 मार्च 2012 से हो चुकी है। भारत और अमरीका द्वारा संयुक्त रूप से विकसित ओजीपीएल एक सॉफ्टवेयर प्लेटफॉर्म है, जिसका उद्देश्य सरकार के आंकड़ों और दस्तावेजों तक जनता की पहुंच को बढ़ाना है और सरकार के साथ लोगों को जोड़ने की प्रक्रिया को प्रोत्साहित करना है।
यह प्लेटफॉर्म नागरिकों को समेकित आंकड़े प्रदान करके शक्ति का हस्तांतरण करेगा। इस प्लेटफॉर्म का शासन में सुधार, जवाबदेही बढ़ाने और भारत और अमरीका के बीच सहयोग बढ़ाने पर महत्वपूर्ण प्रभाव पड़ेगा।
प्लेटफॉर्म का उद्देश्य सरकारी आंकड़ों और उनकी पहुंच को बढ़ाना है, दुनिया के इच्छुक देशों और शहरों के लिए सरकार की सेवाओं की पहुंच सुधारना है, साथ ही सरकार की पारदर्शिता, जवाबदेही और लोगों की भागीदारी को बढ़ावा देना है।
ओजीपीएल की मुख्य विशेषताएं हैं जैसे - सरकार के विभिन्न विभागों से आंकड़ों, दस्तावेजों तथा प्रक्रियाओं को प्रकाशित करने की क्षमता। डेटा सेटों की स्वीकृति तथा प्रबंधन के लिए आंतरिक रूप से कार्य करने की प्रक्रिया।
राष्ट्रीय प्राथमिकता से संबंधित विषयों डेटा रिच कम्युनिटी स्पेसिस को बनाने की क्षमता।
संघीय, केंद्र, राज्य, जिला, नगर निमग तथा स्थानीय स्तरों से आंकड़े जोड़ने की क्षमता के साथ सरकार के विभिन्न स्तरों पर क्लाउडध्होस्ट आधारित कार्य।
ओपन र्सोस आर्किटेक्चर द्वारा सरकारी आंकड़ों को देखने, तुलना करने तथा उसके इस्तेमाल की नई विशेषताओं तथा अनुप्रयोगों को विकसित करने के लिए सॉफ्टवेयर बनाने वालों को अनुमति देना।
इसकी शुरूआत के साथ ही दोनों पक्ष ओजीपीएल के इस्तेमाल को बढ़ावा देने पर कार्य कर सकेंगे।
सैम पित्रोदा ने कहा ग्रामीण क्षेत्रों में कनेक्टिविटी के लिए 30 हजार करोड़ का फंड
भारत में मोबाईल से मतदान हो सकता है
भारत के प्रधानमंत्री के सलाहकार और नेशनल नालेज कमीशन के चेयरमेन, भारत में सूचना प्रौद्योगिकी एवं संचार क्रांति के प्रमुख सूत्रधार सैम पित्रोदा ने कहा है कि भारत में ग्रामीण क्षेत्रों में इंटरनेट और दूरसंचार कनेक्टिविटी के लिए भारत सरकार के पास 30 हजार करोड़ रूपये का यूनिवर्सल सर्विस ओबलिगेशन फंड है। इस फंड का भारत की पंचायतों में इंटरनेट की कनेक्टिविटी उपलब्ध कराने के लिए उपयोग किया जाएगा।
श्री पित्रोदा भोपाल प्रवास के दौरान मध्यप्रदेश के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान और मध्यप्रदेश के मुख्य सचिव आर. परशुराम से मध्यप्रदेश में नेशनल नालेज कमीशन से जुड़े हुए मुद्दों व उसके विस्तार व उपयोग तथा संभावनाओं के साथ-साथ अन्य मुद्दों पर हुई मीटिंग के बाद 7 जून को राज्य मंत्रालय भोपाल में पत्रकारों से बातचीत कर रहे थे।
उन्होंने एक सवाल के जवाब में कहा कि राष्ट्रीय ज्ञान आयोग एनकेसी की सिफारिशों पर भारत में काम हो रहा है। ज्ञान आयोग की लगभग 300 सिफारिशें थी। उल्लेखनीय है कि ज्ञान आयोग द्वारा की गई सिफारिशें- पुस्तकालय, अनुवाद, अंग्रजी भाषा अध्यापन, राष्ट्रीय ज्ञान नेटवर्क, शिक्षा का अधिकार, व्यावसायिक शिक्षा एवं प्रशिक्षण, उच्चतर शिक्षा, राष्ट्रीय विज्ञान और समाज विज्ञान प्रतिष्ठान, ई-अधिकारिता, स्वास्थ्य सूचना नेटवर्क, पोर्टल, मुक्त शैक्षिक पाठ्यविवरण, विधिक शिक्षा, चिकित्सीय शिक्षा, प्रबंध शिक्षा, मुक्त और दूरस्थ शिक्षा, बौद्धिक संपदा अधिकार(आईपीआर), नवाचार, परंपरागत स्वास्थ्य प्रणाली, सरकारी वित्तपोषित अनुसंधान के लिए विधिक तंत्र है।
उन्होंने बताया कि ई-लाइब्रेरी, ट्रांसमिशन, ई-गवर्नेंस, इनोवेशन जैसी अनेक सिफारिशों पर काम हो रहा है। कुछ पर शिक्षा बिल के कारण विलम्ब हो रहा है।
उनसे सवाल किया गया कि आपकी कल्पना है कि भविष्य में मोबाईल के माध्यम से मतदान हो। इस पर उन्होंने जवाब किया कि यह हो सकता है। टेक्नॉलाजी में सब संभव है। उन्होंने कहा कि शिक्षा की गुणवत्ता की समस्या पूरे भारत में है। उन्होंने बताया कि मध्यप्रदेश के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान के आग्रह व आइडियाज पर मध्यप्रदेश आए हैं।
उन्होंने एक सवाल के जवाब में कहा कि उनकी राष्ट्रपति बनने की इच्छा नहीं है। क्योंकि मर्तबा बायपास हो चुका है। और कैंसर जैसे रोग से भी पीड़ित हैं। श्री पित्रोदा ने नालेज सिटी उज्जैन, नेशनल आप्टिकल फायबर नेटवर्क, र्ई-कोर्स एवं कोर्टस आफ टूमारो, भोपाल ग्लोबल इनवायरनमेंट सिटी, सेन्टर फार इनोवेशन की स्थापना के संबंध में संबंधित अधिकारियों के साथ बैठक भी की।
भोपाल ग्लोबल इनवायरनमेंट सिटी बने- मुख्यमंत्री श्री चौहान
मध्यप्रदेश की राजधानी भोपाल को दुनिया में गैस त्रासदी के नाम से जाना जाता है। इसलिए अब भोपाल की पहचान भोपाल ग्लोबल इनवायरनमेंट सिटी के रूप में हो इस विषय पर प्रधानमंत्री के सलाहकार और नेशनल नालेज कमीशन के चेयरमेन सैम पित्रोदा के साथ 7 जून को भोपाल में एक बैठक के दौरान गंभीरता के साथ चर्चा हुई है। यह जानकारी मध्यप्रदेश के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने राज्य मंत्रालय भोपाल में सैम पित्रोदा की उपस्थिति में एक पत्रकारवार्ता के दौरान दी।
उन्होंने कहा कि श्री पित्रोदा जी उनके आग्रह पर भोपाल पधारे हैं। मुख्यमंत्री ने बताया कि पित्रोदा जी में जज्बा और जूनुन है। उनके ज्ञान और अनुभव का मध्यप्रदेश सरकार लाभ उठाना चाहती है। मुख्यमंत्री ने बताया कि कुछ क्षेत्र हमने चुने हैं उनमें उनका मार्गदर्शन मिलेगा। मुख्यमंत्री ने बताया कि कोटर््स आफ टूमारो यानि मॉडल कोर्ट का काम प्रदेश में तेजी से आगे बढ़ायेंगे।
उन्होंने कहा कि मध्यप्रदेश में ई-गवर्नेंस के क्षेत्र में काफी काम हुआ है। मुख्यमंत्री ने कहा कि नेशनल नालेज सेंटर का राज्य सरकार लाभ उठायेगी। प्रदेश की पंचायतों में ब्रॉडबैंड की कनेक्टिविटी के काम में तेजी लाई जाएगी। उन्होंने कहा कि उज्जैन का नालेज सिटी बनाया जा रहा है। श्री पित्रोदा जी इस सिटी के लिए मेंटर के रूप में गाईड करें। ऐसी उनसे अपेक्षा की गई है। मुख्यमंत्री ने कहा कि इनवायरनमेंट सिटी के विषय पर चर्चा के साथ ही भोपाल ग्रीन सिटी के रूप में मॉडल बने इस पर भी श्री पित्रोदा जी से चर्चा हुई है।
मुख्यमंत्री ने बताया कि प्रदेश में शिक्षा के क्षेत्र में नवाचार हो इस दिशा में काम किया जा रहा है। और भोपाल में बैठकर स्कूलों को जोड़ने में राज्य सरकार प्रयत्नशील है।
नवाचारी प्रयासों से मध्यप्रदेश बनेगा आदर्श प्रदेश- श्री सैम पित्रोदा
प्रधानमंत्री के सलाहकार श्री सैम पित्रोदा ने कहा है कि राजनैतिक इच्छा शक्ति और विकास के क्षेत्र में नवाचारी प्रयासों के लिए तैयार सक्षम अधिकारियों की टीम के चलते आदर्श नागरिक केन्द्रित न्याय व्यवस्था और ई-गर्वनेंस के क्षेत्र में मध्यप्रदेश आदर्श राज्य बनेगा। इसके साथ ही भोपाल विश्व परिदृश्य में आदर्श एनवारनमेंट सिटी‘ और उज्जैन आदर्श नॉलेज सिटी‘ बनेगें। उन्होंने कहा कि विकास के क्षेत्र में आगे बढ़ने के लिए मध्यप्रदेश की इच्छा शक्ति प्रशंसनीय है। मुख्यमंत्री श्री शिवराज सिंह चौहान ने कहा कि मध्यप्रदेश ने इसके लिए कार्ययोजनाएं बनाकर प्रदेश को आदर्श राज्य बनाने की पूरी तैयारी कर ली है। श्री पित्रोदा आज यहां मंत्रालय में मुख्यमंत्री श्री शिवराज सिंह चौहान से प्रदेश के विकास के लिए रचनात्मक कार्यों और परियोजनाओं की संभावनाओं पर चर्चा कर रहे थे।
श्री पित्रोदा ने आधुनिक ई-अदालत, राष्ट्रीय नॉलेज नेटवर्क शिक्षा में नवाचार, भोपाल को विश्वस्तर का पर्यावरण शहर बनाने, पंचायतों में ई-कनेक्टिविटी, नॉलेज सिटी, इन्टरनेट के माध्यम से दूरस्थ क्षेत्रों में शिक्षा देने जैसी नवाचारी परियोजनाओं पर अपने संक्षिप्त प्रस्तुतीकरण में कहा कि मध्यप्रदेश में सूचना प्रौद्योगिकी, उच्च शिक्षा एवं स्कूली शिक्षा के विस्तार की दिशा में सराहनीय प्रयास हुए हैं जिनके आधार पर मध्यप्रदेश पूरे देश में विशिष्ठ स्थान बना सकता है।
श्री पित्रोदा ने कहा कि ई-अदालत परियोजना में सूचना प्रौद्योगिकी के उपयोग से लंबित प्रकरणों की संख्या में काफी कमी आ सकती है। फिलहाल 11 लाख प्रकरण लंबित हैं इनमें से 9 लाख अपराधिक और बाकी दीवानी मामलों के हैं। उन्होंने कहा कि प्रदेश में स्थापित सूचना प्रौद्योगिकी आधारित सामुदायिक सेवा केन्द्रों जैसे प्रयासों से यह कार्य आसान हो जायेगा। अदालतों में ई-आर्डर, ई-सम्मन, ई-लायेब्रेरी जैसी व्यवस्थाएं स्थापित करने के अलावा और पुलिस, अस्पताल, जेल जैसी संस्थाओं को भी जोड़ा जायेगा। विशेषज्ञों को वीडियो कांफ्रेसिंग के माध्यम से गवाही और उपस्थिति मान्य की जायेगी। इस प्रकार नागरिक केन्द्रित न्याय व्यवस्था देने में मध्यप्रदेश एक आदर्श उदाहरण प्रस्तुत करेगा। उन्होंने इस पूरी परियोजनाओं को दो साल में पूरी करने के लिए जरूरी संरचना पर भी चर्चा की। मुख्यमंत्री ने कहा कि इस कार्य को तेजी से आगे बढ़ाया जायेगा।
ई-गर्वनेंस के क्षेत्र में नवाचारी प्रयासों की चर्चा करते हुए श्री पित्रोदा ने कहा कि विश्वविद्यालयों, शोध संस्थाओं और उद्योग समूहों को एक ही नॉलेज नेटवर्क से जोड़ना मध्यप्रदेश के लिए लाभकारी होगा। उन्होंने कहा कि सभी ग्राम पंचायतों में जल्दी ही ई-कनेक्टिविटी सुविधा हो जायेगी। उन्होंने कहा कि मध्यप्रदेश के लिए शिक्षा, स्वास्थ्य और ग्रामीण विकास प्राथमिकता के क्षेत्र हैं। नॉलेज सिटी के संबंध में उन्होंने कहा कि नॉलेज सिटी का उद्देश्य आर्थिक समृद्धि लाना, रोजगार के अवसर उपलब्ध कराना, नये ज्ञान की रचना करना और नवाचारी तरीकों से विश्वस्तर पर उपलब्ध के ज्ञान संसाधान से जुड़ना। उन्होंने कहा कि भविष्य के लिए ज्ञान आधारित अर्थव्यवस्था और नॉलेज ईको सिस्टम की स्थापना जरूरी है।
श्री पित्रोदा ने कहा कि भोपाल शहर में जीव विज्ञान, वनस्पति विज्ञान, पारंपारिक ऊर्जा स्रोत और प्राकृतिक संपदा के कारण विश्वस्तर पर एनवायरमेंट सिटी‘ बनने की अपार संभावना है। उन्होंने कहा कि देश के किसी भी शहर में 40 किलोमीटर के अंदर दो विश्व धरोहर उपलब्ध नहीं है। मुख्यमंत्री ने बताया कि राज्य सरकार ने अंतर्राष्ट्रीय बौद्धिष्ट विश्वविद्यालय स्थापित करने का भी निर्णय लिया है और विश्व धरोहर सांची के पास जमीन अरक्षित कर दी है। श्री सैम पित्रोदा ने इस विचार की प्रशंसा की।
श्री पित्रोदा ने कहा कि नवाचारिक प्रयसों के लिए नेतृत्व जरूरी है जो प्रदेश में उपलब्ध है। उन्होंने कहा कि नवाचारी प्रयासों के लिए वेंचर केपिटल‘ स्थापित करने का भी प्रस्ताव है। इसके अलावा चयनित स्कूलों में तोड़-फोड़-जोड़‘ अवधारणा वाले केन्द्रों को भी स्थापित किया जायेगा ताकि स्कूली बच्चे खराब हो चुकी वस्तुओं जैसे माउस, मोबाईल को तोड़-फोड़ कर उनके काम करने के तरीके और उनके निर्माण की आधारभूत वैज्ञानिक अवधारणा को सीखें। उन्होंने कहा कि नॉलेज सिटी की स्थापना पांच साल में पूरी हो सकती है। मुख्यमंत्री ने कहा कि इस दिशा में तत्काल प्रभाव से काम शुरू किया जायेगा। श्री पित्रोदा ने कहा कि राजस्थान में इंटरनेट के माध्यम से ग्रामीण क्षेत्र के चुनिंदा शिक्षा केन्द्रों में गणित पढ़ाने के प्रयोग को मध्यप्रदेश के चुनिंदा क्षेत्रों में भी लागू किया जायेगा और इसी प्रकार मध्यप्रदेश से अंग्रेजी विषय पढ़ाने की शुरूआत होगी जिसे अन्य प्रदेशों से भी क्रियान्वित किया जायेगा। मुख्यमंत्री ने कहा कि दूरस्थ गांवों में रहने वाले बच्चों के लिए यह लाभदायक होगा।
इस अवसर पर नेशनल इनोवेशन काउंसिल के सदस्य श्री आर. गोपालकृष्णन, मुख्य सचिव श्री आर. परशुराम, मुख्यमंत्री के प्रमुख सचिव श्री मनोज श्रीवास्तव, सचिव श्री एस.के. मिश्रा, सचिव श्री हरिरंजन राव उपस्थित थे।