मंगलवार, 31 जुलाई 2018

भोपाल की तीन सबसे बड़ी प्रेस कांफ्रेंस के तीन जीवंत किस्से देश के गृहमंत्री राजनाथ सिंह,सपा सुप्रीमो अखिलेश यादव और कांग्रेस नेता कमलनाथ व ज्योतिरादित्य सिंधिया की प्रेस कांफ्रेंस और मीडिया ...

भोपाल की तीन सबसे बड़ी प्रेस कांफ्रेंस के तीन जीवंत किस्से
देश के गृहमंत्री राजनाथ सिंह,सपा सुप्रीमो अखिलेश यादव और कांग्रेस नेता कमलनाथ व ज्योतिरादित्य सिंधिया 
की प्रेस कांफ्रेंस और मीडिया ... 

प्रजातंत्र की यह खूबी है कि कोई व्यक्ति किसी भी पद पर हो सबसे पहले वह एक नागरिक है और इस नाते से उसे संवैधानिक अधिकार मिले हुए हैं। एक नागरिक को कोई भी अपनी पसंद का पेशा चुनने का अधिकार है। यदि पेशा पत्रकारिता के पवित्र पेशे का हो तो कई जिम्मेदारियां अपने आप बढ़ जाती हैं। कोई भी पत्रकार अकेला नहीं होता। वह पूरे पत्रकार समुदाय का प्रतिनिधित्व करता है। चाहे पत्रकारिता विश्व के किसी भी भूभाग में हो रही हो। कारण यह कि पत्रकारिता के  मूल्य सार्वभौमिक हैं। इसी बात को आगे बढ़ाते हुए मैं तीन छोटी-छोटी घटनाओं का उदाहरण दूंगा जो व्यक्तिगत होते हुए भी सार्वभौमिक स्वरूप की हैं।

देश के हृदय प्रदेश मध्यप्रदेश की राजधानी भोपाल में मध्यप्रदेश विधानसभा चुनाव के मद्देनजर 31 मई से 31 जुलाई 2018 के दरम्यान अब तक की तीन सबसे बड़ी प्रेस कांफ्रेंस संपन्न हुई हैं । मित्रों के स्नेह और पत्रकार जगत की बदौलत तीनों प्रेस कांफ्रेंस में आमंत्रण मिलने के पश्चात जाने का अवसर मिला और साक्षी होते हुए तीनों प्रेस कांफ्रेंस में सवाल किये, जिनका भारतीय जनता पार्टी, कांग्रेस और सपा के यानि तीनों दलों के वरिष्ठतम नेताओं ने यह कहते हुए कि  विस्तार से उत्तर दिये की आपने बहुत महत्वपूर्ण सवाल किये हैं।

दरअसल, इन तीनों पत्रकार वार्ता के संदर्भ में किस्से के रूप में पत्रकार वार्ता के शुरू होने के पहले घटना क्रम पर लिखने की प्रबल इच्छा तब हुई जब हाल की प्रेस कांफ्रेंस के इंग्लिश डेली न्यूज़ पेपर डीबी पोस्ट के वरिष्ठ पत्रकार गगन नायर ने उन क्षणों को अपने कैमरे में कैद किया जब हम नाराजगी भरे लहजे में पत्रकारों के हित में अपनी बात आक्रमक तरीके से कर रहे थे। वह दोनों फोटो गगन ने मुझे मेल पर दे दी। साथियों यह फोटो पत्रकारों के बीच की है जहां वीडियो जर्नलिस्टों के पास खड़े होकर सपा सुप्रीमो और देश के सबसे बड़े प्रदेश उत्तर प्रदेश के सबसे युवा तुर्क मुख्यमंत्री रहे अखिलेश यादव को प्रेस वार्ता शुरू करने के पहले सच का आईना दिखाया।

वैसे लिखने का कोई मन नहीं था क्योंकि लगभग ढाई दशक से पत्रकारिता और डिजिटल मीडिया के पत्रकारिता के पवित्र पेशे में पिछले डेढ दशक से सक्रियता के साथ अपनी बात रखने का अवसर मिला,लेकिन अभी तक लिखने का मन नहीं किया।

अलबत्ता यह ऐसा संयोग हुआ कि घटनाक्रम ने लिखने पर न केवल विवश किया वरन नवोदित पत्रकारों, उन वरिष्ठ पत्रकारगणों जो तीनों प्रेस कांफ्रेंस में जा नहीं सके साथ ही समाज का वह वर्ग जो पत्रकार वार्ता के घटनाचक्र के बारे में समझ सके इसलिये लिखने का प्रयास किया।

पत्रकारिता के पवित्र पेशे में विषम परिस्थितियों में दायित्व के निर्वहन के लिए पत्रकारों को सदैव तत्पर रहना पड़ता है और रहना भी चाहिए। क्योंकि जनता की बात जनता के बीच पहुंचाने का काम मीडिया बख़ूबी निभाता चला आ रहा है। अब इसमें एक और मीडिया शामिल हो गया है जिसको की सोशल मीडिया के नाम से जाना जाता है।  तेजी के साथ प्रकट हुआ सोशल मीडिया भी जनता की बात और अभिव्यक्ति को पंख लगाने की बख़ूबी जिम्मेदारी निभा रहा है।

दिलचस्प और रेखांकित करने योग्य पहलू का सच जस का तस—
सबसे पहले बात करते हैं सपा सुप्रीमों अखिलेश यादव की 19 जुलाई 2018 को होटल जहांनुमा पैलेस में समय दोपहर 12.00 बजे आयोजित हुई प्रेस कांफ्रेंस की ।

अखिलेश यादव की प्रेस कांफ्रेंस का समय निर्धारित किया गया था 12.00 बजे लेकिन वे लगभग 40 मिनिट लेट आये, जहांनुमा पैलेस के दोनों एंट्रेंस गेट जो इसलिए बंद कर दिये थे कि सपा के कार्यकर्ताओं और नेताओं का भारी हुजुम आ गया था। इस हुजुम से जुझते हुए कुछ पत्रकार बड़ी मुश्किल से होटल के अंदर प्रवेश करते हैं।
पत्रकार वार्ता जैसे ही शुरू होती है सबसे पहले अखिलेश यादव को डपते हुए अंदाज में यह कहा कि यह प्रेस कांफ्रेंस है कि कार्यकर्ता सम्मेलन। पत्रकार खडे है कार्यकर्ता बैठे है और 500 मीटर की दूरी पर गेट लगे हैं पत्रकार आ नहीं पा रहे हैं। खैर अखिलेश यादव ने माफी मांगी और प्रेस वार्ता चालू करने से पहले कहा आपके एक साथी नाराज़ हैं। जब मेरे सवाल करने का वक्त आया तो अखिलेश यादव ने  तुरंत कहा हाँ आप पूँछिये आप नाराज़ हैं।  मेरे सवाल के उत्तर देने से पहले उन्होंने कहा आपके दौनों सवाल महत्वपूर्ण है और विस्तार से ज़बाव दिया।


दूसरी बात है देश के गृहमंत्री राजनाथ सिंह ने 31 मई 2018 को होटल नूर उस सबाह में मोदी सरकार के चार साल पूरे होने के उपलक्ष्य में पत्रकार वार्ता की थी।  जिसका समय सुबह 10.00 बजे निर्धारित किया गया, जबकि वो प्रेस कांफ्रेंस में मध्यप्रदेश के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान के साथ आये लगभग 2 घंटे पश्चात और पत्रकार वार्ता शुरू करने से पहले भव्य तरीके से तैयार हॉल में गृहमंत्री  की प्रतिक्षा में बैठे पत्रकारों के समक्ष जैसे ही  बताया गया की अब  प्रेज़न्टेशन होगा।  सबसे पहले मैंने तत्काल कड़े शब्दों में आपत्ति लेते हुआ कहा आप बहुत लेट हैं सीधे सवाल लो और उनके उत्तर दो।  खैर राजनाथ सिंह  ने न केवल बात मानी बल्कि विलंब से आने पर माफी भी मांगी। गृहमंत्री राजनाथ सिंह से साइबर सुरक्षा और साइबर पुलिस के विषय से जुड़े दो सवाल किये। जिनका उन्होंने समाधानकारक उत्तर भी विस्तार से दिया ।

 तीसरी बात मध्यप्रदेश कांग्रेस के अध्यक्ष कमलनाथ और मध्यप्रदेश कांग्रेस चुनाव अभियान समिति के अध्यक्ष ज्योतिरादित्य सिंधिया की मध्य प्रदेश कांग्रेस कार्यालय भोपाल में 5 जून 2018 को प्रेस कांफ्रेंस हुई जिसमें उनके कार्यकर्ता भारी संख्या में प्रेस कांफ्रेंस सभागार में घुस आये। पत्रकार वार्ता जैसे ही शुरू होती है सबसे पहले मैंने नाराजगी भरे अंदाज में यह कहा कि यह प्रेस कांफ्रेंस है कार्यकर्ता सम्मेलन। पत्रकार खडे है कार्यकर्ता बैठे है। आपको ये पसंद है।  खैर प्रेस कांफ्रेंस शुरू हुई। और हमारी तरफ मुख़ातिब होते हुए कहा हाँ अब आप पूँछिये हमारे
प्रश्न का ज्योतिरादित्य सिंधिया ने भी विस्तार से उत्तर दिया।
https://www.youtube.com/watch?v=5Ahtdn7QEZk

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मेरे बारे में

सरमन नगेले
संपादक
ई-समाचार पत्र
http://www.mppost.org/
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पत्रकारिता - साधनों की शुध्दता के साथ लोकहित के उद्देश्य से सत्य उध्दाटित करने की रचनात्मक प्रक्रिया।
पत्रकार - एक चिंतक, योध्दा और सत्य का रक्षक।
सफलता - उत्कृष्ट होना और बने रहना सफल होने से ज्यादा चुनौतीपूर्ण है।
जन्म - 10 जून 1969 को बुंदेलखण्ड के झांसी शहर के स्व. श्री एम.एल. नगेले एवं श्रीमती शकुन नगेले के मध्यम परिवार में। शिक्षा - हिन्दी में स्नातक,
कैशोर्य की देहरी लांघते ही मध्यप्रदेश की राजधानी भोपाल में पदार्पण।
जीवन यात्रा - रचनात्मक एवं राजनीतिक लेखन की ओर छात्रावस्था से ही रूझान रहा।
म.प्र. के राज्यपाल एवं मुख्यमंत्री सीडी संस्करण प्रथम एवं द्वितीय। सामाजिक-आर्थिक विषयों पर लेखन की दृष्टि से भारत सरकार ने अंडमान निकोबार द्वीप समूह, केरल, तामिलनाडू जैसे राज्यों का अध्ययन भ्रमण कराया। इस यात्रा तथा मधयप्रदेश के महाकौशल क्षेत्र की सामाजिक आर्थिक अधोसंरचना का अधययन भ्रमण के दौरान सृजित हुई।
''माया'' राष्ट्रीय राजनैतिक पत्रिका में कुछ मापदण्ड निर्धारित कर मध्यप्रदेश के टाँप टेन एम.एल.ए. चयनित कर विधायकों पर केन्द्रित विशेषांक का सृजन। अब तक के मप्र विधानसभा के अध्यक्षों पर केन्द्रित सीडी का सृजन। सिंहास्थ 2004 पर केन्द्रित सीडी का सृजन। आईटी स्टेटस इन मध्यप्रदेश, आईटी फॉर डव्लेपमेंट, ई@मध्यप्रदेश विशेषांक का संपादन। मध्यप्रदेश में ई-सेवाएं एक नजर में। प्रवासी भारतीय दिवस 7-9 जनवरी, 2008 पर विशेषांक का संपादन।
लगभग दो दशक से पत्रकारिता में सक्रिय - इंटरनेट मीडिया एक नये स्वरूप में सामने आ रहा है। हिन्दी भाषी राज्यों में इंटरनेट पत्रकारिता का शैशवकाल है। भारत में इंटरनेट पत्रकारिता की संभावनाओं को देखते हुए http://www.mppost.org/ पर मध्यप्रदेश का पहला इंटरनेट हिन्दी समाचार पत्र एक जनवरी 2005 से शुरू किया।
चंडीगढ़, दिल्ली, हरियाणा, छत्तीसगढ़, केरल, महाराष्ट्र, उड़ीसा, असाम, पंजाब, तमिलनाडू, कर्नाटक, उत्तरप्रदेश, पश्चिम बंगाल और गुजरात की आई.टी. नीतियों का अध्ययन, इंटरनेट पत्रकारिता से जुड़े लोगों, संस्थाओं प्रमुख, आई.टी. कंपनियों, विशेषज्ञों से सतत् संवाद। इंटरनेट पर आयोजित अंर्तराष्ट्रीय सेमीनार डब्ल्यू3सी में मध्यप्रदेश की ओर से प्रतिनिधित्व किया। साऊथ एषिया की सबसे बड़ी आई.टी. प्रर्दशनी एवं सेमीनार जीटेक्स इंडिया में भाग लिया। साऊथ एशिया के सबसे बड़े संचार एवं आई.टी. इवेंट कर्न्वजेंस इंडिया- 2006 में शामिल हुए। प्रवासी भारतीय दिवस में विशेष रूप से मीडिया प्रतिनिधि के रूप में भाग लिया। म.प्र. सरकार द्वारा आयोजित आई.टी. समिट में हिस्सा लिया।
पत्रकारिता -
बीबीसी- वेबदुनिया द्वारा आयोजित ऑन लाइन पत्रकारिता कार्यशाला में भागीदारी। राष्ट्रीय सहारा, दिल्ली, अक्षर भारत, दिल्ली, राज्य की नई दुनिया, भोपाल जैसे प्रतिष्ठित समाचार पत्रों में संवाददाता के रूप में कार्य। म.प्र. के प्रमुख दैनिक नवीन दुनिया जबलपुर के भोपाल ब्यूरो प्रमुख के रूप में संबध्द रहे। महाकौशल के प्रमुख सांध्य दैनिक सीटाइम्स के भोपाल ब्यूरो प्रमुख के रूप में संबध्द रहे। राष्ट्रीय राजनैतिक पत्रिका ''माया'' के मध्यप्रदेश विशेष संवाददाता के रूप में संबध्द रहे। दूरदर्शन, आकाशवाणी के लिये संवाद लेखन, विधानसभा कार्यवाही की समीक्षात्मक रिर्पोट लेखन। भोपाल दूरदर्शन से प्रसारित लाइव फोन इन कार्यक्रम शुभ-शाम में 17 अगस्त 2009 को विषय विशेषज्ञ के रूप में वेब जर्नलिज्म में भविष्य का प्रसारण।
संप्रति -
संपादक - एमपीपोस्ट इंटरनेट समाचार एवं विचार सेवा और वेबसाइट http://www.mppost.org/
ब्लाग - http://journocrat.blogspot.com/
समन्वयक, सेन्ट्रल प्रेस क्लब, भोपाल। उपाध्यक्ष, ब्यूरो चीफ एसोशिएशन, भोपाल। संस्थापक, सदस्य एवं संचालक राजधानी पत्रकार गृह निर्माण सहकारी संस्था मर्यादित, भोपाल, सदस्य- मध्यप्रदेश जर्नलिस्ट यूनियन (जम्प)। आजीवन सदस्य, मध्यप्रदेश विधानसभा पुस्तकालय, भोपाल। सदस्य, इंटरनेट आधारित सेवा सॉल्यूषन एक्सचेंज। अनेक राष्ट्रीय एवं प्रांतीय सामाजिक एवं रचनात्मक संगोष्ठियों में हिस्सा लिया।
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