बुधवार, 2 सितंबर 2009

सूचना के अधिकार में ई-मेल के माध्यम से भी जानकारी लेने का प्रावधान

शासकीय कामकाज में पारदर्शिता और सूचना के अधिकार के लिए दुनियाभर में विभिन्न रूपों में मांग उठी लेकिन सबसे पहले स्वीडेन देष ने 243 साल पहले सूचना अधिकार लागू किया था। जबकि भारत में सूचना का अधिकार 15 जून 2005 को लागू हुआ है।
यह बात न्यूज पोर्टल एमपीपोस्ट के संपादक सरमन नगेले ने मंगलवार एक सितम्बर को पंडित कुंजीलाल दुबे राष्ट्रीय संसदीय विद्यापीठ द्वारा संसदीय पद्धति एवं प्रक्रिया से संबंधित विषय पर आयोजित दो दिवसीय प्रशिक्षण कार्यशला के समापन अवसर पर कही।
उन्होंने कहा कि आरटीआई के बारे में हिन्दुस्तान के हर नागरिक को मालूम होना चाहिए। इसके लिये सरकारी और अन्य स्तरों पर प्रचार-प्रसार के लिये अभियान चालू होना चाहिए। उन्होंने कहा कि केन्द्र और राज्य सरकारों को सूचना के अधिकार को षिक्षा के पाठ्यक्रम में भी शामिल करना चाहिए।
उन्होंने बताया कि आरटीआई कानून में जनमानस के लिये एक बहुत बड़ा प्रावधान यह है कि कोई भी व्यक्ति आरटीआई से संबंधित जानकारी ईमेल के जरिए भी प्राप्त कर सकता है। इसका प्रावधान आरटीआई में भी है।
उन्होंने बताया कि इंटरनेट के द्वारा जानकारी लेने का यह माध्यम सबसे सस्ता और प्रभावी है इसमें पैसे और समय की बचत के साथ-साथ आवेदनकर्ता के लिए समयसीमा का कोई बंधन नहीं है। न ही किसी सरकारी कार्यालय के चक्कर लगाने की जरूरत है। व्यक्ति अपने घर से किसी भी समय आवेदन कर सकता है। आमजन ने इस माध्यम को अपना लिया तो देष में एक सूचना प्राप्त करने की एक बड़ी क्रांति होगी।
उन्होंने बताया कि भारत में सरकारी स्तर पर कुछ संस्थाओं ने आरटीआई के आनलाइन सर्टिफिकेट ई-कोर्स व ई-लर्निंग कोर्स भी शुरू किए हैं। उन्होंने बताया कि यह अधिनियम जम्मू- कश्मीर राज्य को छोड़कर पूरे भारत में लागू है।
श्री नगेले ने बताया कि इस अधिनियम के दायरे में भारत सरकार के अन्वेषण ब्यूरो और राष्ट्रीय सुरक्षा गार्ड के अलावा एक दर्जन से अधिक विभाग नहीं आते हैं। उन्होंने बताया कि सूचना का मतलब है ईमेल रिकार्डो दस्तावेजो ज्ञापनों विचार सलाह परिपत्र निविदा टिप्पणियां आदि।
इस अवसर पर विधानसभा के अपर सचिव एपी सिंह ने विधानसभा प्रष्नों से संबंधित प्रक्रिया के बारे में बताया। उन्होंने कहा कि प्रष्नकाल क्या होता है प्रष्नों की सूचना कैसे दी जाती तारांकित और अतारांकित प्रश्न क्या होते हैं प्रश्नों की शलाका किसे कहते हैं प्रष्नों का विषय एवं ग्रहता की शर्ते क्या हैं प्रश्नों को रूप भेदन विभाजन या समेकन हस्तांतरण वापसी तथा स्थगन अनुपस्थित सदस्यों की तारांकित प्रश्नों के उत्तर प्रश्न पूछने की रीति प्रश्नोंत्तरी सूची अल्प सूचना प्रश्न अनुपूरक प्रश्न आदि के बारे में भी छात्रों के प्रश्नों के उत्तर व उनकी जिज्ञासाओं का समाधान किया।
31 अगस्त एवं 1 सितम्बर को संसदीय पद्धति एवं प्रक्रिया से संबंधित विषय पर आयोजित दो दिवसीय कार्यषाला में माखनलाल चतुर्वेदी राष्ट्रीय पत्रकारिता एवं संचार विष्वविद्यालय के एमजे बीजे एमएसी इलेक्ट्रानिक मीडिया के छात्र प्रतिभागी थे।
इस अवसर पर पंडित कुंजीलाल दुबे राष्ट्रीय संसदीय विद्यापीठ की संचालक श्रीमति मंजूला शर्मा ने विद्यापीठ द्वारा किये जा रहे कार्यो व इसके उद्देशों पर प्रकाश डाला।

मेरे बारे में

सरमन नगेले
संपादक
ई-समाचार पत्र
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http://www.mppost.com
पत्रकारिता - साधनों की शुध्दता के साथ लोकहित के उद्देश्य से सत्य उध्दाटित करने की रचनात्मक प्रक्रिया।
पत्रकार - एक चिंतक, योध्दा और सत्य का रक्षक।
सफलता - उत्कृष्ट होना और बने रहना सफल होने से ज्यादा चुनौतीपूर्ण है।
जन्म - 10 जून 1969 को बुंदेलखण्ड के झांसी शहर के स्व. श्री एम.एल. नगेले एवं श्रीमती शकुन नगेले के मध्यम परिवार में। शिक्षा - हिन्दी में स्नातक,
कैशोर्य की देहरी लांघते ही मध्यप्रदेश की राजधानी भोपाल में पदार्पण।
जीवन यात्रा - रचनात्मक एवं राजनीतिक लेखन की ओर छात्रावस्था से ही रूझान रहा।
म.प्र. के राज्यपाल एवं मुख्यमंत्री सीडी संस्करण प्रथम एवं द्वितीय। सामाजिक-आर्थिक विषयों पर लेखन की दृष्टि से भारत सरकार ने अंडमान निकोबार द्वीप समूह, केरल, तामिलनाडू जैसे राज्यों का अध्ययन भ्रमण कराया। इस यात्रा तथा मधयप्रदेश के महाकौशल क्षेत्र की सामाजिक आर्थिक अधोसंरचना का अधययन भ्रमण के दौरान सृजित हुई।
''माया'' राष्ट्रीय राजनैतिक पत्रिका में कुछ मापदण्ड निर्धारित कर मध्यप्रदेश के टाँप टेन एम.एल.ए. चयनित कर विधायकों पर केन्द्रित विशेषांक का सृजन। अब तक के मप्र विधानसभा के अध्यक्षों पर केन्द्रित सीडी का सृजन। सिंहास्थ 2004 पर केन्द्रित सीडी का सृजन। आईटी स्टेटस इन मध्यप्रदेश, आईटी फॉर डव्लेपमेंट, ई@मध्यप्रदेश विशेषांक का संपादन। मध्यप्रदेश में ई-सेवाएं एक नजर में। प्रवासी भारतीय दिवस 7-9 जनवरी, 2008 पर विशेषांक का संपादन।
लगभग दो दशक से पत्रकारिता में सक्रिय - इंटरनेट मीडिया एक नये स्वरूप में सामने आ रहा है। हिन्दी भाषी राज्यों में इंटरनेट पत्रकारिता का शैशवकाल है। भारत में इंटरनेट पत्रकारिता की संभावनाओं को देखते हुए http://www.mppost.org/ पर मध्यप्रदेश का पहला इंटरनेट हिन्दी समाचार पत्र एक जनवरी 2005 से शुरू किया।
चंडीगढ़, दिल्ली, हरियाणा, छत्तीसगढ़, केरल, महाराष्ट्र, उड़ीसा, असाम, पंजाब, तमिलनाडू, कर्नाटक, उत्तरप्रदेश, पश्चिम बंगाल और गुजरात की आई.टी. नीतियों का अध्ययन, इंटरनेट पत्रकारिता से जुड़े लोगों, संस्थाओं प्रमुख, आई.टी. कंपनियों, विशेषज्ञों से सतत् संवाद। इंटरनेट पर आयोजित अंर्तराष्ट्रीय सेमीनार डब्ल्यू3सी में मध्यप्रदेश की ओर से प्रतिनिधित्व किया। साऊथ एषिया की सबसे बड़ी आई.टी. प्रर्दशनी एवं सेमीनार जीटेक्स इंडिया में भाग लिया। साऊथ एशिया के सबसे बड़े संचार एवं आई.टी. इवेंट कर्न्वजेंस इंडिया- 2006 में शामिल हुए। प्रवासी भारतीय दिवस में विशेष रूप से मीडिया प्रतिनिधि के रूप में भाग लिया। म.प्र. सरकार द्वारा आयोजित आई.टी. समिट में हिस्सा लिया।
पत्रकारिता -
बीबीसी- वेबदुनिया द्वारा आयोजित ऑन लाइन पत्रकारिता कार्यशाला में भागीदारी। राष्ट्रीय सहारा, दिल्ली, अक्षर भारत, दिल्ली, राज्य की नई दुनिया, भोपाल जैसे प्रतिष्ठित समाचार पत्रों में संवाददाता के रूप में कार्य। म.प्र. के प्रमुख दैनिक नवीन दुनिया जबलपुर के भोपाल ब्यूरो प्रमुख के रूप में संबध्द रहे। महाकौशल के प्रमुख सांध्य दैनिक सीटाइम्स के भोपाल ब्यूरो प्रमुख के रूप में संबध्द रहे। राष्ट्रीय राजनैतिक पत्रिका ''माया'' के मध्यप्रदेश विशेष संवाददाता के रूप में संबध्द रहे। दूरदर्शन, आकाशवाणी के लिये संवाद लेखन, विधानसभा कार्यवाही की समीक्षात्मक रिर्पोट लेखन। भोपाल दूरदर्शन से प्रसारित लाइव फोन इन कार्यक्रम शुभ-शाम में 17 अगस्त 2009 को विषय विशेषज्ञ के रूप में वेब जर्नलिज्म में भविष्य का प्रसारण।
संप्रति -
संपादक - एमपीपोस्ट इंटरनेट समाचार एवं विचार सेवा और वेबसाइट http://www.mppost.org/
ब्लाग - http://journocrat.blogspot.com/
समन्वयक, सेन्ट्रल प्रेस क्लब, भोपाल। उपाध्यक्ष, ब्यूरो चीफ एसोशिएशन, भोपाल। संस्थापक, सदस्य एवं संचालक राजधानी पत्रकार गृह निर्माण सहकारी संस्था मर्यादित, भोपाल, सदस्य- मध्यप्रदेश जर्नलिस्ट यूनियन (जम्प)। आजीवन सदस्य, मध्यप्रदेश विधानसभा पुस्तकालय, भोपाल। सदस्य, इंटरनेट आधारित सेवा सॉल्यूषन एक्सचेंज। अनेक राष्ट्रीय एवं प्रांतीय सामाजिक एवं रचनात्मक संगोष्ठियों में हिस्सा लिया।
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