सोमवार, 15 मार्च 2010

मध्यप्रदेश विधानसभा समीक्षा


12 मार्च 2010
राज्य विधानसभा में अन्य दिनों की अपेक्षा आज सदन की कार्यवाही शांतिपूर्ण ढ़ंग से नहीं चल सकी। सदन से विपक्षी सदस्यों ने जहां दो मर्तबा बर्हिगमन किया, वहीं प्रष्नकाल के दौरान सिवनी जिले के सीएमओ मकबूल खान को नगरीय प्रषासन मंत्री बाबूलाल गौर ने सदन में निलंबित करने की घोषण की। जिला अनूपपूर में लंबित नस्तियों के निराकरण को लेकर नगरीय प्रषासन मंत्री बाबूलाल गौर के जवाब से असंतुष्ट होकर कांग्रेस के सदस्यों ने शोरगुल किया। शुक्रवार 12 मार्च 2010 को सदन की कार्यवाही का प्रष्नोत्तर काल बीस प्रष्न के उत्तर तक ही सिमट कर रह गया। लगभग आठ सदस्यों की विभिन्न विषयों से संबंधित शून्यकाल की सूचनाएं पढ़ी हुई मानी गई।
सदन में आगे की कार्यवाही के तहत मप्र के राघवजी वित्तमंत्री, कैलाष विजयवर्गीय सूचना प्रौद्योगिकी मंत्री, गोपाल भार्गव, पंचायत एवं ग्रामीण विकास मंत्री, कन्हैयालाल अग्रवाल, राज्यमंत्री सामान्य प्रषासन विभाग ने अपने अपने विभागों से संबंधित पत्रों को पटल पर रखा।
तत्पष्चात् नियम 138 एक के अधीन ध्यानाकर्षण के माध्यम से कांग्रेस विधायक चौधरी राकेष सिंह ने ग्वालियर चंबल संभाग के लिए पर्याप्त बिजली न मिलने का मामला उठाया। जिस पर ऊर्जामंत्री ने अपने उत्तर में बताया कि प्रदेष में विद्युत की मांग एवं उपलब्धता के अंतर के परिप्रेक्ष्य में विभिन्न श्रेणी के उपभोक्ताओं को उनकी आवष्यकताओं के अनुरूप विद्युत उपलब्ध कराने के लिए विनियमित विद्युत प्रदाय किया जाना आवष्यक हो जाता है। वर्तमान में मप्र विद्युत नियामक आयोग द्वारा दिये गये दिषा-निर्देषों के अनुरूप प्रदेष में संभागीय मुख्यालयों, जिला मुख्यालयों, तहसील मुख्यालयों एवं ग्रामीण क्षेत्रों को वर्ष में क्रमषः प्रतिदिन औसतन बाईस घण्टे, उन्नीस घण्टे, चौदह घण्टे एवं बारह घण्टे विद्युत प्रदाय उपलब्ध कराये जाने का प्रावधान है। 28 फरवरी 2010 तक वर्ष 2009-10 के दौरान संीाागीय मुख्यालयांे, जिला मुख्यालयों, तहसील मुख्यालयों एवं ग्रामीण क्षेत्रांे को वर्ष में क्रमषः प्रतिदिन तेईस घण्टे पांच मिनिट, इक्कीस घण्टे पांच मिनिट, पंद्रह घण्टे सत्तावन मिनिट एवं बारह घण्टे तीस मिनिट विद्युत प्रदाय उपलब्ध कराया गया है। 28 फरवरी 2010 तक वार्षिक औसतन विद्युत प्रदाय नियामक आयोग के निर्धारित मापदण्ड से अधिक है। उन्होंने कहा कि ग्वालियर चंबल संभाग में किसानों को बिजली दो घंटे भी दिन-रात में नहीं मिल रही है यह कहना उचित नहीं है। विपक्षी सदस्य ऊर्जा मंत्री के जवाब से असंतुष्ट हुए और गर्वगृह मंे जाकर नारेबाजी करते रहे। तथा मांग कर रहे थे कि ऊर्जा मंत्री सात घण्टे बिजली देने की घोषणा करें। स्पीकर ने कार्यवाही को आगे बढ़ाया जिस पर कांग्रेस विधायक उत्तेजित हो गए और सदन से बर्हिगमन कर गए।
एक अन्य ध्यानाकर्षण के जरिए भाजपा विधायक बृजमोहन धूत ने देवास जिले के खारपा में खाद्यान्न वितरण न होने का मामला उठाया। जिस पर खाद्य, नागरिक आपूर्ति एवं उपभोक्ता संरक्षण राज्यमंत्री पारस जैन ने अपने उत्तर में बताया कि यह कहना सही नहीं है कि कन्नौद तहसील के पास खारपा में राषन वितरण प्रणाली अधिकारियों एवं कर्मचारियों की मिली भगत से समय पर पूरा राषन नहीं मिल रहा है। वस्तुस्थिति यह है कि जिले के अधिकारियों द्वारा प्रतिमाह सार्वजनिक वितरण प्रणाली की सामग्रियों का आबंटन खारपा की उचित मूल्य की दुकान को दिया जा रहा है। ध्यानाकर्षण सूचना में उल्लेखित प्रकरण के संबंध में वस्तुस्थिति यह है कि अनुभागीय अधिकारी कन्नौद को सेवा सहकारी संस्था खारपा के सेल्समेन द्वारा गेहूं एवं शक्कर कम तौलने की मौखिक षिकायत प्राप्त होने पर तहसीलदार कन्नौद को जांच कराने के लिए निर्देष दिए गए।
सरपंच द्वारा की गई षिकायत की जांच ग्रामवासिायें एवं सरपंच के साथ तहसीलदार कन्नौंद द्वारा किए जाने पर जांच समय सेवा सहकारी संस्था खारपा की दुकान बन्द पाई गई।
विभागीय अधिकारियों द्वारा तत्परता से कार्यवाही की गई है एवं उनकी कोई मिलीभगत नहीं है।
इधर, कांग्रेस विधायक गोविन्द सिंह राजपूत ने सागर जिले में अमानक स्तर की खाद की बिक्री होने का मामला उठाया। जिस पर किसान कल्याण तथा कृषि विकास राज्यमंत्री विजेन्द्र प्रताप सिंह ने कांग्रेस विधायक गोविंद सिंह राजपूत के ध्यानाकर्षण सूचना के उत्तर में बताया कि यह कहना सही नहीं है कि सागर जिले के किसानों को खेती की पैदावार बढ़ाने के लिए अमानक स्तर के उर्वरक का उपयोग करना पड़ रहा है, बल्कि मानक स्तर के उर्वरकों का उपयोग कर के ही फसल का उत्पादन बढ़ाया जा रहा है। जिले में सूचना दिनांक से विगत चार वर्षाे में गुण नियंत्रण की दृष्टि से संस्थाओं, निजी विक्रेताओं से रासायनिक उर्वरक एवं कीटनाषक दवा के सेम्पल लिए जाकर उन्हें परीक्षण के लिए गुण नियंत्रण प्रयोगषाला को भेजा गया। प्रयोगषाला से परीक्षण उपरांत अधिकांष नमूनों के परिणाम मानक स्तर के पाये गये हैं। विगत चार वर्षो में जिले में उर्वरक के 575 नमूने विष्लेषित कराने पर अमानक पाये गये 81 नमूनों का विक्रय प्रतिबंधित करते हुये 27 विक्रय अनुज्ञप्ति निलंबित, 3 निरस्त एवं एक विक्रेता के विरूद्ध माननीय न्यायालय में प्रकरण पंजीबद्ध कराया गया है। इसी प्रकार से कीटनाषक के 190 नमूने विष्लेषित कराने पर अमानक पाये गये 20 नमूनों का विक्रय प्रतिबंधित करते हुए एक विक्रय अनुज्ञप्ति निलंबित एवं 16 विक्रेताओं के विरूद्ध माननीय न्यायालय में प्रकरण पंजीबद्ध कराये गये है।
उर्वरक नमूना अमानक स्तर का पाये जाने पर संबंधित कंपनी को उक्त उर्वरक पर अनुदान प्राप्त करने की पात्रता न होने के कारण अनुषंसा नहीं की जाती है।
जिले में फसलों की स्थिति अच्छी है, किसानों को आर्थिक हानि एवं कृषि पैदावार कम होने संबंधी कोई सूचना प्राप्त नहीं हुई है, कृषि विभाग के अधिकारियों ने अपना कर्तव्य का विधिवत् पालन किया है, उनके द्वारा किसी भी प्रकार से उर्वरक निर्माता कंपनियों को अनुचित लाभ नहीं पहुंचाया गया है। जिले के किसानों मंे असंतोष व्याप्त होने जैसी स्थिति नहीं है। मंत्री के जवाब से असंतुष्ट होकर कांग्रेस विधायक गर्वग्रह में पहुंच गए और नारेबाजी करते रहे, यह मामला पूरे प्रदेष का है इसी बीच विधानसभ के उपाध्यक्ष हरवंष सिंह ने आसंदी से निर्देष दिये कि यह मामला गंभीर है इसकी जांच कराकर सक्षम कार्यावाही करें। लेकिन कांग्रेस के सदस्य नहीं माने और असंतुष्ट होकर सदन से बर्हिगमन कर गए।
एक अन्य ध्यानाकर्षण सूचना के माध्यम से कांग्रेस विधायक प्रियव्रत सिंह ने राजगढ़ जिले के माचलपुर से जौरापुर मार्ग पूर्ण न होने का मामला उठाया। इस पर लोक निर्माण मंत्री नागेन्द्र सिंह ने अपने जवाब में बताया कि यह सत्य है कि राजगढ़ जिले में 11-9-2008 को मुख्यमंत्री द्वारा माचलपुर कस्बे में प्रवास के दौरान घोषणा की गई थी कि छह माह में जीरापुर माचलपुर मार्ग पूर्ण करवा दिया जायेगा। पचौर-छापीहेड़ा-जीरापुर-माचलपुर (राजस्थान सीमा तक) की कुल लंबाई 86.70 किलोमीटर है। उल्लेखित जीरापुर-माचलपुर मार्ग लंबाई 13.80 कि.मी. इस मार्ग का हिस्सा है।
पचौर-छापीहेड़ा-जीरापुर-माचलपुर मार्ग राजमार्ग क्रमांक - 41 ए है। यह मार्ग एषियन विकास बैंक द्वारा पोषित की जाने वाली एमपीएसआरएसपी-3 अंतर्गत प्रस्तावित है।
कांग्रेस विधायक श्रीमती सुलोचना रावत ने प्रदेष में आदिवासी छात्र-छात्राओं को छात्रवृत्ति वितरण में अनियमितता होने का मामला उठाया। जिस पर आदिम जाति कल्याणमंत्री कुंवर विजय शाह ने बताया कि आदिम जाति कल्याण विभाग द्वारा प्रदेष में अनुसूचित जनजाति वर्ग के लिये 1262 छात्रावास एवं 930 आश्रम संचालित किये जा रहे हैं, जिनमें 104094 सीट स्वीकृत होकर अनुसूचित जनजाति वर्ग के छात्र छात्राओं को आवास सुविधा उपलब्ध कराई जा रही है। इसी प्रकार अनुसूचित जाति वर्ग के लिये 1030 छात्रावास एवं 248 आश्रम संचालित किये जा रहे हैं, जिनमें क्रमषः 37898 एवं 10546 सीट स्वीकृत होकर आवास सुविधा उपलब्ध करायी जा रही है।
इन संस्थाओं में निवास करने वाले छात्रों को प्रतिमाह षिष्यवृत्ति दिये जाने का प्रावधान है। षिष्यवृत्ति का भुगतान छात्र-छात्राओं की संख्या एवं शाला में उपस्थिति के आधार पर प्रतिमाह अग्रिम भुगतान किये जाने का प्रावधान है।
छात्रावास आश्रम का विभाग के विभिन्न अधिकारी यथा मंडल संयोजक, क्षेत्र संयोजक, प्राचार्य, विकासखण्ड षिक्षा अधिकारी, सहायक परियोजना प्रषासक, सहायक संचालक, जिला संयोजक सहायक आयुक्त, परियोजना प्रषासक, संभागीय उपायुक्त, कलेक्टर एवं उनके द्वारा नियुक्त अधिकारियों तथा जनप्रतिनिधियों द्वारा भी समय-समय पर निरीक्षण किया जाता है।
मंत्री ने सदन को बताया कि षिष्यवृत्ति भुगतान में भ्रष्टाचार को लेकर आम जन शासन के प्रति रोष एवं आक्रोष व्याप्त नहीं है।
ध्यानाकर्षण के तहत कांग्रेस विधायक श्रीमती इमरती देवी ने डबरा नगर पालिका अध्यक्ष को दोषी पाये जाने के बावजूद कार्यवाही न होने का मामला उठाया। जिस पर नगरीय प्रषासन एवं विकास मंत्री बाबूलाल गौर ने अपने जवाब में सदन को बताया कि यह सही है कि नगरपालिका अध्यक्ष डबरा के पूर्व कार्यकाल में निर्यातकार, अस्थाई दखल एवं बाजार वसूली में हुये भ्रष्टाचार की जांचोपरांत विभाग द्वारा उन्हें कारण बताओं जारी किया जाकर नियमानुसार आगामी कार्यवाही प्रचलित है। यह कार्यवाही अर्द्व न्यायिक स्वरूप की है एवं जब तक कार्यवाही पूर्ण नहीं हो जाती है तथा दोषसिद्धि प्रमाणित नहीं हो जाती, पद से हटाये जाने का प्रष्न उपस्थित नहीं होता।
एक अन्य ध्यानाकर्षण सूचना के द्वारा भाजपा विधायक यषपाल सिंह सिसोदिया ने उज्जैन संभाग में चल रहे उद्योगों से प्रदूषण होने का मामला उठाया। जिस पर आवास एवं पर्यावरण मंत्री जयंत मलैया ने भाजपा विधायक यषपाल सिंह सिसोदिया के ध्यानाकर्षण के उत्तर में कहा कि मध्यप्रदेष में लगभग 6000 लघु श्रेणी के व 600 वृहद-मध्यम श्रेणी के उद्योग स्थापित हैं। मप्र प्रदूषण बोर्ड द्वारा इनमें से सभी जल एवं वायु प्रदूषणकारी श्रेणी के उद्योगों में जल एवं वायु प्रदूषणरोधी व्यवस्थायें स्थापित कराई गई हैं। उपचारित निस्त्राव को सामान्यतः उद्योग परिसर में ही उपयोग करने की व्यवस्था रहती है। उद्योगों की जलवायु गुणवत्ता मप्र प्रदूषण बोर्ड के क्षेत्रीय कार्यालयों के माध्यम से सतत् प्रक्रिया के अंतर्गत आवष्यकतानुसार मापी जाती है।
ध्यानाकर्षण में विषेषकर उज्जैन संभाग के जिन उद्योगों का मानक से अधिक उत्सर्जन या निस्त्राव करने का लेख किया गया है उनके संबंध वस्तुस्थिति के अनुसार उद्योगों द्वारा सभी मानकों का उल्लंघन नहीं किया गया है। बोर्ड द्वारा समझाईष दी गई है।
आज सदन में पंद्रह ध्यानाकर्षणों को लिया गया था। जिनमें से आठ पर चर्चा हो सकी, सात सदस्यों अजय अर्जुन सिंह, आरीफ अकील, डॉ. गोविन्द सिंह, पारस सखलेचा, अजय यादव, लखन घनघोरिया और मदन कुषवाह की ध्यानाकर्षण की सूचनाएं तथा संबंधित मंत्रियों के उत्तर पढ़े हुए माने गए। ऐसी व्यवस्था स्पीकर ईष्वरदास रोहाणी ने दी। विधानसभाध्यक्ष ईष्वरदास रोहाणी ने सदन को बताया कि प्रतिवेदन तथा याचिकाओं की प्रस्तुति प्रस्तुत हुई मानी गयीं। राज्य विधानसभा में आज भोजन अवकाष नहीं हुआ। लोक निर्माण विभाग, स्कूल षिक्षा, विधि और विधायी कार्य विभाग की अनुदान मांगों को सदन ने चर्चा के उपरांत पारित कर दिया। चर्चा की शुरूआत कांग्रेस विधायक महेन्द्र सिंह कालूखेड़ा ने प्रारंभ की। भाजपा विधायक गिरिजा शंकर शर्मा, प्रेमनारायण ठाकुर, ताराचंद बबरिया, कांग्रेस विधायक दिलीप सिंह गुर्जर एवं मदन कुषवाह ने भाग लिया।
सदन में श्रीकांत दुबे सदस्य द्वारा पन्ना को सतना रेललाइन से जोड़े जाने का तथा अन्य सदस्यों के अषासकीय संकल्प भी पारित किए गए।

मेरे बारे में

सरमन नगेले
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म.प्र. के राज्यपाल एवं मुख्यमंत्री सीडी संस्करण प्रथम एवं द्वितीय। सामाजिक-आर्थिक विषयों पर लेखन की दृष्टि से भारत सरकार ने अंडमान निकोबार द्वीप समूह, केरल, तामिलनाडू जैसे राज्यों का अध्ययन भ्रमण कराया। इस यात्रा तथा मधयप्रदेश के महाकौशल क्षेत्र की सामाजिक आर्थिक अधोसंरचना का अधययन भ्रमण के दौरान सृजित हुई।
''माया'' राष्ट्रीय राजनैतिक पत्रिका में कुछ मापदण्ड निर्धारित कर मध्यप्रदेश के टाँप टेन एम.एल.ए. चयनित कर विधायकों पर केन्द्रित विशेषांक का सृजन। अब तक के मप्र विधानसभा के अध्यक्षों पर केन्द्रित सीडी का सृजन। सिंहास्थ 2004 पर केन्द्रित सीडी का सृजन। आईटी स्टेटस इन मध्यप्रदेश, आईटी फॉर डव्लेपमेंट, ई@मध्यप्रदेश विशेषांक का संपादन। मध्यप्रदेश में ई-सेवाएं एक नजर में। प्रवासी भारतीय दिवस 7-9 जनवरी, 2008 पर विशेषांक का संपादन।
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