सरमन नगेले
प्रधानमंत्री डॉ. मनमोहन सिंह ने नई दिल्ली में लोक सेवा दिवस के अवसर पर प्रशासन में उत्कृष्टता के लिए प्रधानमंत्री पुरस्कार से मध्यप्रदेश के सात अधिकारियों को नवाजा है।
प्रधानमंत्री डॉ. मनमोहन सिंह ने नई दिल्ली में लोक सेवा दिवस के अवसर पर प्रशासन में उत्कृष्टता के लिए प्रधानमंत्री पुरस्कार से मध्यप्रदेश के सात अधिकारियों को नवाजा है।
गौरतलब
है कि वर्ष 2008-09 के लिए जन प्रशासन में विशिष्टता के लिए 21 अप्रैल 2010 को नई दिल्ली में प्रधानमंत्री पुरस्कार प्रदान किए। इन पुरस्कारों की तीन श्रेणियों-व्यक्तिगत, समूह और संगठन के लिए नौ उत्कृष्ट पहलों को चुना गया है। इनमें से व्यक्तिगत श्रेणियों में शामिल हैं- पहला साम्प्रदायिक सौहार्द कायम रखते हुए विभिन्न धर्मों के अतिक्रमण हटाना जिला जबलपुर मध्यप्रदेश, दूसरा नक्सल प्रभावित क्षेत्रों में राष्ट्रीय ग्रामीण रोजगार गारंटी योजना के अंतर्गत समुदायों को शामिल करना जिला बालाघाट, मध्यप्रदेश। समूह श्रेणी में पुरस्कार-अनुसूचित जनजाति और अन्य पारंपरिक वन निवासी अधिनियम, 2006 का कार्यान्वयन मध्यप्रदेश।इन पुरस्कारों के अंतर्गत एक लाख रूपए नकद, एक पदक और एक प्रशस्ति पत्र प्रदान किया गया। समूह के मामले में, कुल पुरस्कार राशि 5 लाख रूपए है जबकि संगठन के मामले में पुरस्कार राशि की सीमा 5 लाख तक है। कुल 9 पुरस्कारों में से 5 व्यक्तिगत, 3 ग्रुप वर्ग और एक संगठन श्रेणी में दिए गए हैं। ये पुरस्कार सिविल नागरिक सेवा दिवस यानी 21 अप्रैल, 2010 को व्यक्तिगत श्रेणी में श्री संजय दुबे, आईएएस (मुख्य कार्यापालन अधिकारी प्रधानमंत्री ग्राम सड़क योजना, मध्य प्रदेश शासन), श्री गुलशन बामरा, आईएएस, (कलेक्टर जबलपुर)। समूह श्रेणी के अंतर्गत श्री ओ. पी. रावत, अपर मुख्य सचिव नर्मदा घाटी विकास प्राधिकरण मध्यप्रदेश शासन। श्री जयदीप गोविंद प्रमुख सचिव, उच्च शिक्षा, तकनीकी शिक्षा एवं प्रशिक्षण विभाग मध्यप्रदेश, श्रीमती रश्मि अरूण शमी, संचालक, उद्यनिकी सह-मिशन संचालक उद्यनिकी, श्री अनिल ओबेराय, अपर प्रधान मुख्य वनसंरक्षक, आईटी वन विभाग मध्यप्रदेश। श्री अशोकउपाध्याय, अपर संचालक आदिमजाति कल्याण विभाग मध्यप्रदेश शासन ने ग्रहण किया। पुरस्कार पाने वाले सभी अधिकारियों को एक-एक लाख रूपये नगद, एक पदक और एक प्रशस्ति पत्र प्रदान किया गया।
वन अधिकार अधिनियम 2006 के उत्कृष्ट क्रियान्वयन में श्री ओ.पी. रावत के नेतृत्व में बनी टीम ने सराहनीय भूमिका निभाई। श्री रावत एवं उनके सहयोगी अधिकारियों ने आदिवासियों और अन्य वनवासियों की वास्ताविक पहचान कर उन्हें पट्टे वितरित करने तथा फर्जी दावों को शत्-प्रतिशत रोकने के लिए संचार एवं सूचना प्रौद्योगिकी का प्रभावी इस्तेमाल कर वैज्ञानिक पद्धति इजाद करने में अद्वितीय प्रषासकीय प्रतिभा का परिचय दिया है।
अपर मुख्य सचिव नर्मदा घाटी विकास प्राधिकरण, श्री ओ.पी. रावत ने अवार्ड मिलने पर खुशी जाहिर करते हुए बताया कि टीम भावना को प्रोत्साहित करने से लोगो को न केवल प्रेरणा मिलती है। वरन् इससे देश एवं प्रदेश के सर्वांगीण विकास में मदद भी मिलती है। यह पुरस्कार सिविल सेवाओं के अधिकारियों के लिए सर्वोच्च है। प्रधानमंत्री पुरस्कार मध्यप्रदेश के विकास और प्रशासनिक अधिकारियों में टीम भावना के साथ काम करने तथा स्वस्थ्य प्रतिस्पर्धा से जुड़ने में सहायक होगा। देश व प्रदेश के विकास और जन कल्याण में इसी भावना से अधिकारी लग जाएं। यह भावना तब सुदृढ़ होती है जब पुरस्कार प्राप्त करने वाली टीम में काम करने वाले लोगों को शामिल किया जाए। पूरे देश में भारतीय प्रशासनिक या केन्द्रीय सेवाओं के अधिकारियों के अलावा राज्य प्रशासनिक सेवा के श्री अशोक उपाध्याय पहले अधिकारी हैं जिन्हें यह पुरस्कार मिला है। यह पहला अवसर है जब किसी राज्य प्रशासनिक सेवा के अधिकारी को प्रधानमंत्री पुरस्कार प्राप्त करने वाली टीम में शामिल किया गया है। पहली मर्तबा प्रधानमंत्री पुरस्कार मिलने से मध्यप्रदेश का आदिम जाति कल्याण विभाग गौरवांवित महसूस कर रहा है। यह अवार्ड मिलने से अन्य विभाग में भी काम करने की टीम भावना जाग रही है।
मध्यप्रदेश में वन अधिकार अधिनियम 2006 के क्रियान्वयन के शानदार काम को देखने के लिए महाराष्ट्र और गुजरात के अधिकारियों की टीम ने मध्यप्रदेश का दौरा किया था। राज्य में करीब 94 प्रतिषत कार्य पूर्ण हो चुका है।
प्रधानमंत्री डॉ. मनमोहन सिंह ने पाँचवें लोक सेवा दिवस के अवसर पर उन सभी लोगों को बधाई दी है जिन्होंने उत्कृष्टता के लिए पुरस्कार प्राप्त किया है। उन्होंने अन्य लोक सेवकों के लिए अनुसरण के लिए एक उदाहरण रखा है। अवार्ड प्राप्त करने वालों का कार्य हमारा देश के लोगों के लिए अन्य लोगों को प्रेरणा देगा।
यह वार्षिक समारोह हमारे प्रशासनिक कैलेन्डर में अब एक खास स्थान रखता है। यह समारोह राष्ट्रीय चिन्ता के महत्तवपूर्ण मुद्दों पर अनुभव को बांटने और विचारों के आदान-प्रदान के लिए एक साथ आने के लिए विभिन्न सेवाओं के अधिकारियों और विभिन्न राज्यों के अधिकारियों को एक अनोखा अवसर प्रदान करता है। उन्होंने उम्मीद जताई कि इस सम्मेलन के विचार-विमर्श एक-दूसरे से सीखने और काम करके सीखने की भावना के साथ किए जाएँगे और इसका परिणाम न केवल हमारी नीतियों के बेहतर क्रियान्वयन में बल्कि संशोधित नीति निर्माण में भी देखने को मिलेगा।
प्रधानमंत्री ने कहा कि सूचना प्रौधोगिकी के उपकरणों का दोहन करने के लिए और क्रियान्वयन में इच्छित लाभार्थियों को शामिल करने के लिए नवीन तरीकों और साधनों को तैयार करने की जिम्मेदारी प्रशासनिक अधिकारियों पर है ताकि क्षरण की षिकायतों, भ्रष्टाचार की शिकायतों और पारदर्शिता की कमी की शिकायतों का समाधान हो सके । वास्तव में यह सेवाओं के निष्पादन में सभी कार्यक्रमों और स्कीमों पर लागू होता है। प्रभावी विकेन्द्रित और सामाजिक रूप से उपयुक्त विकास के लिए पंचायती राज प्रणाली की क्षमताओं को पूर्ण रूप से प्रयोग करने के लिए हरसंभव प्रयास किया जाना चाहिए।