मंगलवार, 11 जनवरी 2011

विश्व हिन्दी दिवस 10 जनवरी के अवसर पर विशेष


विश्व हिन्दी दिवस 10 जनवरी के अवसर पर विशेष

हिन्दी पर गर्व करो, और हिन्दी को अभियान दो
इंटरनेट के जरिए विश्व पटल पर राज करती हिन्दी
सरमन नगेले
वह दिन दूर नहीं जब जनमानस वेबसाइट और ई-मेल के पते हिन्दी में उपयोग करने लगेगा। यह सब होगा हिन्दी आधारित ई और एम तंत्र के जरिए। संचार एवं सूचना प्रौद्योगिकी क्षेत्र में लगातार परिवर्तन हो रहे हैं। ये वे परिवर्तन है जिनके चलते भारत का गण दिन प्रतिदिन मजबूत होता जा रहा है। यानि गण को मजबूत करता हिन्दी आधारित एम व ई-तंत्र।
सामाजिक, आर्थिक विकास की क्रांति में हिन्दी आधारित मोबाईल फोन का भी सकारात्मक योगदान है। ई व एम तंत्र न केवल लोगों को नजदीक ले आया है। बल्कि सूचना संपन्न कराने में अहम भूमिका निभा रहा है। इस प्रक्रिया ने सूचना तक पहुंच का लोकतंत्रीकरण किया है। शहरी संपन्न और ग्रामीण वंचित वर्ग के बीच व्याप्त तकनीकी खाई को पाटने के क्षेत्र में यह व्यवस्था सबसे शक्तिशाली तकनीक के रूप में उभरी है।
डब्ल्यू3सी यानि वल्र्ड वाइड वेब की संपन्न हुई इंटरनेशनल कांफ्रेंस में इस बात पर गंभीरता से चर्चा हुई है कि समस्त मोबाईल फोन सभी तरह के फोंट को सपोर्ट करें और यूनिकोड का इस्तेमाल करें। डब्ल्यू3सी और टीडीआईएल ने इस दिशा में काम प्रारंभ कर दिया है। शीघ्र ही अब वेबसाईट और ईमेल के पते हिन्दी में टाईप करने को मिलेंगे।
हिन्दी में ई-प्रशासन के विभिन्न आयाम है। जिसके चलते सुशासन के लिए ई-प्रशासन एक अनिवार्य संस्थागत व्यवस्था बन गई है। भविष्य का समाज सूचना प्रौद्योगिकी से संचालित होगा। इस आदर्श परिस्थिति का पूरा लाभ समाज के सभी सदस्यों को मिले। इसके लिए आवश्यक कदम उठाना और तैयारी करना जरूरी है। ई-प्रशासन के विभिन्न पहलूओं का ज्ञान सबको समान रूप से देने के लिए सरकार के प्रयासों में समाज के सभी सक्षम सदस्यों की भागीदारी जरूरी है। लिहाजा हिन्दी भाषा में ई-प्रशासन की संस्कृति विकसित होना चाहिए। इससे जहॉ भाषायी एकीकरण होगा वहीं ऐसे प्रयासों से सूचना प्रौद्योगिकी के ज्ञान का प्रसार होगा और लोगों तक ई-प्रशासन आधारित विभिन्न नागरिक सेवाओं की जानकारी भी आसानी से पहुंचेगी। वैसे गर्व की बात यह है कि लगभग 80 सालों के पश्चात् स्वतंत्र भारत का पहला भाषायी सर्वेक्षण 21 मई 2007 से शुरू हो चुका है। यह जन को जोड़ने वाली भाषा हिन्दी का ही कमाल है कि अमेरिका के राष्ट्रपति बराक ओबामा ने तो इसके लिए स्टॉफ ही अलग से रख लिया है।
कम्प्यूटर पर कार्य करने के लिए अंग्रेजी भाषा के ज्ञान की निर्भरता व आवश्यकता अब पूरी तरह हिन्दी के कारण खत्म हो चुकी है। भारत में 22 भाषाएं 1650 बोलियॉं प्रचलन में हैं, पूरे विश्व में चीनी भाषा के बाद हिन्दी सबसे अधिक बोली जाती है। जहां तक सरकारों का सवाल है तो केन्द्र और राज्य सरकारों की वेबसाईट, पासपोर्ट से लगाकर, रेल और अन्य सभी महत्वपूर्ण कार्यो से संबंधित वेबसाईट हिन्दी में भी उपलब्ध है।
बहरहाल वे दिन अब लद चुके हैं जब हम हिसी सायबर कैफे में बैठे-बैठे मातृभाषा हिन्दी की कोई वेबसाईट ढंूढ़ते रह जाते थे। अब इंटरनेट पर हिन्दी की दुनिया दिन प्रतिदिन समृद्ध होती जा रही है। अब हिन्दी प्रेमी घर में बैठे-बैठे हिन्दी में ईमेल, चैटिंग, हिन्दी के समाचार पत्र बॉच सकता है। रचनाओं का आनंद नियमित और पेशेवर स्तम्भ लेखक की तरह इंटरनेट पर मुफ्त जगह (स्पेस) और मुफ्त के औजारों का फायदा उठाकर हिन्दी में स्वयं को अभिव्यक्त कर सकता है, रोजगार, शिक्षा, कैरियर, चिकित्सा, व्यवसायिक, उद्योग, सेंसेक्स, योग, इतिहास आदि किसी भी विषय की जानकारी पलक झपकते ही ले और दे सकता है। समान रूचि वाले सैंकड़ों मित्रों के साथ किसी प्रासंगिक मुद्दे पर सोशल नेटवर्किंग वेबसाईट के माध्यम से एक दूसरे को लाईव देख, सुन सकता है, विचार विमर्श कर सकता है।
हिन्दी सहित स्थानीय भाषाओं में काम करने के लिए सॉफ्टवेयर का अभाव अब खत्म हो चुका है। आजकल किसी भी साक्षर को कम्प्यूटर में हिन्दी में अपना काम निपटाते देखा जा सकता है। हिन्दी कम्प्यूटिंग अब किसी अंग्रेजी जैसी विदेशी भाषा की दासी नहीं रही। केन्द्रीय सूचना एवं प्रौद्योगिकी मंत्रालय भारत सरकार की इकाई सीडैक एवं टीडीआईएल द्वारा एक अरब से भी अधिक बहुभाषी भारतवासियों को एक सूत्र में पिरोने और परस्पर समीप लाने में अहम् भूमिका निभायी जा रही है। भाषा विशेष का कोई भी एक यूनिकोड फोंट अपने पीसी में संधारित कीजिए और सर्फिंग पर सर्फिंग करते चले जाइये।
हिन्दी आधारित वेब तकनीक को देश के बड़े अखबारों ने जल्दी ही अपना लिया। अखबारों को पढ़ने के लिए यद्यपि हिन्दी के पाठक को अलग-अलग फोंट की आवश्यकता होती है परन्तु संबंधित अखबार कि साइट से उक्त फोंट विशेष को चंद मिनटों में ही मुफ्त डाउनलोड और इंस्टाल करने की भी सुविधा रहती है।
कुल मिलाकर सूचना एवं संचार तकनीकी के कारण हिन्दी पर गर्व करो, और हिन्दी को अभियान दो की जरूरत है।
लेखक - न्यूज पोर्टल एमपीपोस्ट डॉट कॉम के संपादक हैं।

मेरे बारे में

सरमन नगेले
संपादक
ई-समाचार पत्र
http://www.mppost.org/
http://www.mppost.com
पत्रकारिता - साधनों की शुध्दता के साथ लोकहित के उद्देश्य से सत्य उध्दाटित करने की रचनात्मक प्रक्रिया।
पत्रकार - एक चिंतक, योध्दा और सत्य का रक्षक।
सफलता - उत्कृष्ट होना और बने रहना सफल होने से ज्यादा चुनौतीपूर्ण है।
जन्म - 10 जून 1969 को बुंदेलखण्ड के झांसी शहर के स्व. श्री एम.एल. नगेले एवं श्रीमती शकुन नगेले के मध्यम परिवार में। शिक्षा - हिन्दी में स्नातक,
कैशोर्य की देहरी लांघते ही मध्यप्रदेश की राजधानी भोपाल में पदार्पण।
जीवन यात्रा - रचनात्मक एवं राजनीतिक लेखन की ओर छात्रावस्था से ही रूझान रहा।
म.प्र. के राज्यपाल एवं मुख्यमंत्री सीडी संस्करण प्रथम एवं द्वितीय। सामाजिक-आर्थिक विषयों पर लेखन की दृष्टि से भारत सरकार ने अंडमान निकोबार द्वीप समूह, केरल, तामिलनाडू जैसे राज्यों का अध्ययन भ्रमण कराया। इस यात्रा तथा मधयप्रदेश के महाकौशल क्षेत्र की सामाजिक आर्थिक अधोसंरचना का अधययन भ्रमण के दौरान सृजित हुई।
''माया'' राष्ट्रीय राजनैतिक पत्रिका में कुछ मापदण्ड निर्धारित कर मध्यप्रदेश के टाँप टेन एम.एल.ए. चयनित कर विधायकों पर केन्द्रित विशेषांक का सृजन। अब तक के मप्र विधानसभा के अध्यक्षों पर केन्द्रित सीडी का सृजन। सिंहास्थ 2004 पर केन्द्रित सीडी का सृजन। आईटी स्टेटस इन मध्यप्रदेश, आईटी फॉर डव्लेपमेंट, ई@मध्यप्रदेश विशेषांक का संपादन। मध्यप्रदेश में ई-सेवाएं एक नजर में। प्रवासी भारतीय दिवस 7-9 जनवरी, 2008 पर विशेषांक का संपादन।
लगभग दो दशक से पत्रकारिता में सक्रिय - इंटरनेट मीडिया एक नये स्वरूप में सामने आ रहा है। हिन्दी भाषी राज्यों में इंटरनेट पत्रकारिता का शैशवकाल है। भारत में इंटरनेट पत्रकारिता की संभावनाओं को देखते हुए http://www.mppost.org/ पर मध्यप्रदेश का पहला इंटरनेट हिन्दी समाचार पत्र एक जनवरी 2005 से शुरू किया।
चंडीगढ़, दिल्ली, हरियाणा, छत्तीसगढ़, केरल, महाराष्ट्र, उड़ीसा, असाम, पंजाब, तमिलनाडू, कर्नाटक, उत्तरप्रदेश, पश्चिम बंगाल और गुजरात की आई.टी. नीतियों का अध्ययन, इंटरनेट पत्रकारिता से जुड़े लोगों, संस्थाओं प्रमुख, आई.टी. कंपनियों, विशेषज्ञों से सतत् संवाद। इंटरनेट पर आयोजित अंर्तराष्ट्रीय सेमीनार डब्ल्यू3सी में मध्यप्रदेश की ओर से प्रतिनिधित्व किया। साऊथ एषिया की सबसे बड़ी आई.टी. प्रर्दशनी एवं सेमीनार जीटेक्स इंडिया में भाग लिया। साऊथ एशिया के सबसे बड़े संचार एवं आई.टी. इवेंट कर्न्वजेंस इंडिया- 2006 में शामिल हुए। प्रवासी भारतीय दिवस में विशेष रूप से मीडिया प्रतिनिधि के रूप में भाग लिया। म.प्र. सरकार द्वारा आयोजित आई.टी. समिट में हिस्सा लिया।
पत्रकारिता -
बीबीसी- वेबदुनिया द्वारा आयोजित ऑन लाइन पत्रकारिता कार्यशाला में भागीदारी। राष्ट्रीय सहारा, दिल्ली, अक्षर भारत, दिल्ली, राज्य की नई दुनिया, भोपाल जैसे प्रतिष्ठित समाचार पत्रों में संवाददाता के रूप में कार्य। म.प्र. के प्रमुख दैनिक नवीन दुनिया जबलपुर के भोपाल ब्यूरो प्रमुख के रूप में संबध्द रहे। महाकौशल के प्रमुख सांध्य दैनिक सीटाइम्स के भोपाल ब्यूरो प्रमुख के रूप में संबध्द रहे। राष्ट्रीय राजनैतिक पत्रिका ''माया'' के मध्यप्रदेश विशेष संवाददाता के रूप में संबध्द रहे। दूरदर्शन, आकाशवाणी के लिये संवाद लेखन, विधानसभा कार्यवाही की समीक्षात्मक रिर्पोट लेखन। भोपाल दूरदर्शन से प्रसारित लाइव फोन इन कार्यक्रम शुभ-शाम में 17 अगस्त 2009 को विषय विशेषज्ञ के रूप में वेब जर्नलिज्म में भविष्य का प्रसारण।
संप्रति -
संपादक - एमपीपोस्ट इंटरनेट समाचार एवं विचार सेवा और वेबसाइट http://www.mppost.org/
ब्लाग - http://journocrat.blogspot.com/
समन्वयक, सेन्ट्रल प्रेस क्लब, भोपाल। उपाध्यक्ष, ब्यूरो चीफ एसोशिएशन, भोपाल। संस्थापक, सदस्य एवं संचालक राजधानी पत्रकार गृह निर्माण सहकारी संस्था मर्यादित, भोपाल, सदस्य- मध्यप्रदेश जर्नलिस्ट यूनियन (जम्प)। आजीवन सदस्य, मध्यप्रदेश विधानसभा पुस्तकालय, भोपाल। सदस्य, इंटरनेट आधारित सेवा सॉल्यूषन एक्सचेंज। अनेक राष्ट्रीय एवं प्रांतीय सामाजिक एवं रचनात्मक संगोष्ठियों में हिस्सा लिया।
पत्राचार का पता
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