सोमवार, 21 मार्च 2011

आलोक तोमर जी ने पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी पर लिखने में महारथ हासिल की थी


आलोक तोमर जी ने पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी पर लिखने में महारथ हासिल की थी
वरिष्ठ पत्रकार आलोक तोमर जी ब्रम्हलीन हो गये हैं। ईश्वर उनकी आत्मा को शांति प्रदान करे। चम्बल के बीहड़ों से निकलकर देश की राजधानी दिल्ली में पत्रकारिता जगत में जो मुकाम उन्होंने हासिल किया है। वह वास्तव में अद्भुत है। आलोक तोमर जी के दिवंगत होने के पश्च...ात् उनके व्यक्तित्व व कृतित्व पर समकालीन और वरिष्ठ व कनिष्ठ वे पत्रकार जो उनके पत्रकारीय जीवन के सहयात्री रहे लगातार लिख रहे हैं। उनके लिक्खाड़ होने की तसदीक लगभग सभी पत्रकार कर रहे हैं। लेकिल मैं उनके प्रिंट मीडिया में महारथ हासिल करने के बिन्दुओं को इसीलिये नहीं छू सकूंगा। क्योंकि मैंने उनके साथ काम नहीं किया है। अलबत्ता मैं उनके न्यू मीडिया के धमाकों का जिक्र करना इसलिये समीचीन मानता हॅू क्योंकि उन्होंने जो पारंगता प्रिंट मीडिया में प्राप्त की थी। वह अनवरत् न्यू मीडिया में भी जारी रही।
हाल की उनकी दो बड़ी खबरें न्यू मीडिया के माध्यम से ऐसी सामने आयी हैं जिन्होंने राजनेताओं को और व्यवस्था को हिला कर रख दिया है। एक खबर है उनकी 2जी स्पेक्ट्रम घोटाले की। जिसके लिये उन्होंने लगभग अभियान सा चला रखा है। जिसमें उन्हें सफलता भी प्राप्त हुई है। दूसरी खबर उनकी एनडीए के संयोजक और जनता दल नेता जार्ज फर्नाडिस की सम्पत्ति को लेकर उनकी पत्नी लैला कबीर, बच्चे और अन्य तथा जया जेटली से जुड़ी हुई थी।
श्री तोमर के न्यू मीडिया के पक्ष पर लिखना इसलिये आवश्यक हुआ क्योंकि श्री आलोक तोमर जी और मैं तथा भड़ास4मीडिया के यशवंत सिंह, न्यू मीडिया लेखक वर्तिका नंदा, रेडिफमेल की रेनूका मित्तल, मीडियामंच के लतिकेश शर्मा, आजतक दिल्ली के भूवनेश सेंगर, ईएमएस के सनत जैन और सहारा समय के प्रकाश हिन्दुस्तानी इन्दौर में दो मई 2010 को संपन्न हुये भाषायी पत्रकारिता महोत्सव के अवसर पर ई-मीडिया के बढ़ते कदम सेमीनार में एक साथ मंचाशीन थे। बारी बारी से मंचाशीन पत्रकारों ने अपनी-अपनी बात रखी। उन्होंने ई-मीडिया के बढ़ते कदम पर जो पक्ष रखा था। वह वाकई गजब का था। उन्होंने ऐसा पक्ष रखा जैसे की कोई आईटी विशेषज्ञ सूचनाएं दे रहा हो। वे न केवल सोशल मीडिया से वाकिफ थे। बल्कि वेबस्ट्रीमिंग की जानकारी से लेस थे। साथ ही विभिन्न मीडिया की वेबसाइट फेसबुक और ब्लॉग पर लगातार प्रकट होते थे। अनेक पत्रकारों और उनके शुभचिंतकों के फेसबुक एकाउंट में गतिविधियां और अभिरूचि में उनका नाम डेटलाइन इंडिया के साथ सदैव देखा जा सकता है।
आलोक तोमर जी के बारे में यह कहा जाता था कि देश के पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी पर लिखने में उन्होंने महारथ प्राप्त की है। श्री अटल बिहारी वाजपेयी से उन्होंने राजनीतिक पत्रिका माया के 15 मार्च 1995 के लिये विशेष लंबी बातचीत की थी। उस बातचीत को माया पत्रिका ने प्रकाशित किया गया। बातचीत इतनी प्रभावी थी कि पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी पर केन्द्रित पुस्तक राजनीति की रपटीली राहें में उस को पुनः प्रकाशित किया गया है।
23 सवालों पर आधारित साक्षात्कार काफी देर तक चला। साक्षात्कार की भूमिका आलोक जी ने इस प्रकार लिखी - ’’नई दिल्ली के रायसीना रोड़ का 6 नं. बंगला। श्री अटल बिहारी वाजपेयी कमरे में अकेले थे और कनपटी से गमछा लगाए बैठे थे। थोड़ी देर पहले ही वे दॉंत निकलवाकर आए थे और बहुत रूक-रूककर बोल रहे थे। लेकिन जब बात शुरू हुई तो वे अपना दर्द भूल गए। जीवन-जगत के उनके सरोकारों से लेकर राजनीति तक पर ’माया’ 15 मार्च, 1995 के लिए आलोक तोमर से उनकी लंबी बातचीत हुई। प्रस्तुत है बातचीत का पहला सवाल- आपको पता है कि लोग आपको बड़ा आदमी मानते हैं? जवाब- ठीक है, मेरा कुछ नाम है, कुछ लोग पसंद भी करते हैं, लेकिन मैं कितना बड़ा आदमी हॅू, हॅू भी या नहीं, इस पर मैं क्या कहॅू।
आखिरी सवाल- फिर से अयोध्या ही केंद्रीय मुद्दा होगा? जवाब- कांग्रेस सरकार को घेरने के लिए हमारे पास बहुत सारे अस्त्र हैं। बेरोजगारी है, महॅंगाई है, राष्ट्रीय और अन्तर्राष्ट्रीय सुरक्षा का सवाल है, जो सबसे ज्यादा गंभीरहै। संकेत है कि भारतीय जनता पार्टी को एक गंभीर और निष्कलुष विकल्प के तौर पर मतदाता की मान्यता मिल रही है। ठीक है, सारे दल सत्ता की प्रतियोगिता में शामिल हैं। लेकिन उस तरह के हमारे अनुभव अच्छे नहीं हुए, जहॉं सत्ता पहले मिल जाती है और दल बाद में बनते हैं। अभी तो हम अपने दम पर चुनाव लड़ेंगे और फिर जब सरकार बनाने की बात आएगी तो गुण-दोष के आधार पर पार्टी जो फैसला करेगी वह जब होगा तब देखा जाएगा। मेरी श्री आलोक तोमर जी को श्रद्धांजलि। - सरमन नगेले

मेरे बारे में

सरमन नगेले
संपादक
ई-समाचार पत्र
http://www.mppost.org/
http://www.mppost.com
पत्रकारिता - साधनों की शुध्दता के साथ लोकहित के उद्देश्य से सत्य उध्दाटित करने की रचनात्मक प्रक्रिया।
पत्रकार - एक चिंतक, योध्दा और सत्य का रक्षक।
सफलता - उत्कृष्ट होना और बने रहना सफल होने से ज्यादा चुनौतीपूर्ण है।
जन्म - 10 जून 1969 को बुंदेलखण्ड के झांसी शहर के स्व. श्री एम.एल. नगेले एवं श्रीमती शकुन नगेले के मध्यम परिवार में। शिक्षा - हिन्दी में स्नातक,
कैशोर्य की देहरी लांघते ही मध्यप्रदेश की राजधानी भोपाल में पदार्पण।
जीवन यात्रा - रचनात्मक एवं राजनीतिक लेखन की ओर छात्रावस्था से ही रूझान रहा।
म.प्र. के राज्यपाल एवं मुख्यमंत्री सीडी संस्करण प्रथम एवं द्वितीय। सामाजिक-आर्थिक विषयों पर लेखन की दृष्टि से भारत सरकार ने अंडमान निकोबार द्वीप समूह, केरल, तामिलनाडू जैसे राज्यों का अध्ययन भ्रमण कराया। इस यात्रा तथा मधयप्रदेश के महाकौशल क्षेत्र की सामाजिक आर्थिक अधोसंरचना का अधययन भ्रमण के दौरान सृजित हुई।
''माया'' राष्ट्रीय राजनैतिक पत्रिका में कुछ मापदण्ड निर्धारित कर मध्यप्रदेश के टाँप टेन एम.एल.ए. चयनित कर विधायकों पर केन्द्रित विशेषांक का सृजन। अब तक के मप्र विधानसभा के अध्यक्षों पर केन्द्रित सीडी का सृजन। सिंहास्थ 2004 पर केन्द्रित सीडी का सृजन। आईटी स्टेटस इन मध्यप्रदेश, आईटी फॉर डव्लेपमेंट, ई@मध्यप्रदेश विशेषांक का संपादन। मध्यप्रदेश में ई-सेवाएं एक नजर में। प्रवासी भारतीय दिवस 7-9 जनवरी, 2008 पर विशेषांक का संपादन।
लगभग दो दशक से पत्रकारिता में सक्रिय - इंटरनेट मीडिया एक नये स्वरूप में सामने आ रहा है। हिन्दी भाषी राज्यों में इंटरनेट पत्रकारिता का शैशवकाल है। भारत में इंटरनेट पत्रकारिता की संभावनाओं को देखते हुए http://www.mppost.org/ पर मध्यप्रदेश का पहला इंटरनेट हिन्दी समाचार पत्र एक जनवरी 2005 से शुरू किया।
चंडीगढ़, दिल्ली, हरियाणा, छत्तीसगढ़, केरल, महाराष्ट्र, उड़ीसा, असाम, पंजाब, तमिलनाडू, कर्नाटक, उत्तरप्रदेश, पश्चिम बंगाल और गुजरात की आई.टी. नीतियों का अध्ययन, इंटरनेट पत्रकारिता से जुड़े लोगों, संस्थाओं प्रमुख, आई.टी. कंपनियों, विशेषज्ञों से सतत् संवाद। इंटरनेट पर आयोजित अंर्तराष्ट्रीय सेमीनार डब्ल्यू3सी में मध्यप्रदेश की ओर से प्रतिनिधित्व किया। साऊथ एषिया की सबसे बड़ी आई.टी. प्रर्दशनी एवं सेमीनार जीटेक्स इंडिया में भाग लिया। साऊथ एशिया के सबसे बड़े संचार एवं आई.टी. इवेंट कर्न्वजेंस इंडिया- 2006 में शामिल हुए। प्रवासी भारतीय दिवस में विशेष रूप से मीडिया प्रतिनिधि के रूप में भाग लिया। म.प्र. सरकार द्वारा आयोजित आई.टी. समिट में हिस्सा लिया।
पत्रकारिता -
बीबीसी- वेबदुनिया द्वारा आयोजित ऑन लाइन पत्रकारिता कार्यशाला में भागीदारी। राष्ट्रीय सहारा, दिल्ली, अक्षर भारत, दिल्ली, राज्य की नई दुनिया, भोपाल जैसे प्रतिष्ठित समाचार पत्रों में संवाददाता के रूप में कार्य। म.प्र. के प्रमुख दैनिक नवीन दुनिया जबलपुर के भोपाल ब्यूरो प्रमुख के रूप में संबध्द रहे। महाकौशल के प्रमुख सांध्य दैनिक सीटाइम्स के भोपाल ब्यूरो प्रमुख के रूप में संबध्द रहे। राष्ट्रीय राजनैतिक पत्रिका ''माया'' के मध्यप्रदेश विशेष संवाददाता के रूप में संबध्द रहे। दूरदर्शन, आकाशवाणी के लिये संवाद लेखन, विधानसभा कार्यवाही की समीक्षात्मक रिर्पोट लेखन। भोपाल दूरदर्शन से प्रसारित लाइव फोन इन कार्यक्रम शुभ-शाम में 17 अगस्त 2009 को विषय विशेषज्ञ के रूप में वेब जर्नलिज्म में भविष्य का प्रसारण।
संप्रति -
संपादक - एमपीपोस्ट इंटरनेट समाचार एवं विचार सेवा और वेबसाइट http://www.mppost.org/
ब्लाग - http://journocrat.blogspot.com/
समन्वयक, सेन्ट्रल प्रेस क्लब, भोपाल। उपाध्यक्ष, ब्यूरो चीफ एसोशिएशन, भोपाल। संस्थापक, सदस्य एवं संचालक राजधानी पत्रकार गृह निर्माण सहकारी संस्था मर्यादित, भोपाल, सदस्य- मध्यप्रदेश जर्नलिस्ट यूनियन (जम्प)। आजीवन सदस्य, मध्यप्रदेश विधानसभा पुस्तकालय, भोपाल। सदस्य, इंटरनेट आधारित सेवा सॉल्यूषन एक्सचेंज। अनेक राष्ट्रीय एवं प्रांतीय सामाजिक एवं रचनात्मक संगोष्ठियों में हिस्सा लिया।
पत्राचार का पता
एफ-45/2,
साऊथ टी.टी. नगर, भोपाल म.प्र.
462 003. दूरभाष - (91)-755-2779562 (निवास)
098260-17170 (मोबाईल)