सोमवार, 1 नवंबर 2010

1 नवम्बर म.प्र. स्थापना दिवस, 54 साल 15 राज्यपाल, 29 मुख्यमंत्री

1956 के 1 नवंबर की मध्यरात्रि में दीपावली की अमावस्या के गहन अंधेरे के बावजूद नये मध्य प्रदेश के निर्माण का उजाला हुआ। भाषावार प्रांतो की रचना के बाद बने मध्य प्रदेश की राजधानी भोपाल के राजभवन में पंडित रविशंकर शुक्ल ने पहले मुख्यमंत्री के रूप में शपथ ली। लगभग 44 वर्ष बाद फिर एक अवसर आया और मध्य प्रदेश से अलग होकर छत्तीसगढ़ राज्य बना। वर्ष 1956 और 2000 की ये तारीखें भारतीय इतिहास और मध्य प्रदेश के इतिहास की ऐसी तारीखें हैं जिनसे समाज और राजनीति के इतिहास के नये दस्तावेज लिखे जाने प्रारंभ हुए। मध्य प्रदेश को अस्तित्व में आये 54 वर्ष पूरे हो गए हैं। इन बरसों में यहां बहुत कुछ घटा है और बदला है और काफी कुछ वैसा का वैसा है जैसा 1 नवम्बर 1956 को था। भारत के इतिहास की अनेक महत्वपूर्ण घटनाएं मध्य प्रदेश के भूभाग पर हुई है, चूंकि किसी राज्य का अस्तित्व में आना एक राजनैतिक घटना है लिहाजा मध्य प्रदेश के अभी तक के राजनैतिक घटनाक्रम की पहली कड़ी के रूप में राज्यपाल और मुख्यमंत्रियों पर गौर करना लाजिमी है। वैसे मध्य प्रदेश की पावन भूमि में विलक्षण प्रतिभाओं ने जन्म लिया है। असाधारण व्यक्तित्व के धनी लोगों ने मध्य प्रदेश की निःस्वार्थ सेवा की है। महान व्यक्ति अपने सदगुणों और मानवता को समर्पित कार्यो से सदियों जीवित रहते हैं। मध्य प्रदेश का राजनैतिक इतिहास वस्तुतः राज्य के प्रथम राज्यपाल डा. पट्टाभि सीतारमैया, श्री एच.व्ही. पाटस्कर, श्री के.सी. रेड्डी, श्री एस.एन. सिंह, श्री एन.एन. वान्चू, श्री सी.एम. पूनाचा, श्री बी. डी. शर्मा, प्रो. के.एम. चाण्डी, श्रीमती सरला ग्रेवाल, कुंवर महमूद अली खॉ, श्री मो.शफी कुरैशी, डा. भाई महावीर, श्री रामप्रकाश गुप्त, डा. बलराम जाखड़, श्री रामेश्वर ठाकुर एवं राजपथ के सहयात्री और राज्य के शिखर व्यक्तित्व प्रथम मुख्यमंत्री श्री रविशंकर शुक्ल, श्री भगवंतराव मंडलोई, डॉ0 कैलाश नाथ काटजू, श्री द्वारका प्रसाद मिश्र, श्री गोविन्दनारायण सिंह, श्री राजा नरेशचन्द्र सिंह, श्री श्यामा चरण शुक्ल, श्री प्रकाश चन्द्र सेठी, श्री कैलाश जोशी, श्री वीरेन्द्र कुमार सखलेचा, श्री सुन्दर लाल पटवा, श्री अर्जुन सिंह, श्री मोतीलाल वोरा, श्री दिग्विजय सिंह, सुश्री उमा भारती, श्री बाबूलाल गौर, श्री शिवराज सिंह चौहान जैसे विद्वान राजनीतिज्ञों के कृतित्व से समृद्ध हुआ है। गौरतलब है कि दिग्विजय सिंह, अर्जुन सिंह व कैलाशनाथ काटजू के अलावा शिवराज सिंह चौहान प्रदेश के ऐसे मुख्यमंत्री हैं जिन्होंने अपना कार्यकाल पूरा किया। इनके अलवा कोई मुख्यमंत्री नहीं है जिसे पूरे पांच साल राज करने का अवसर मिला हो। सुंदरलाल पटवा, श्यामाचरण शुक्ल तथा मोतीलाल वोरा एक से अधिक बार मुख्यमंत्री रहे लेकिन कोई भी अपना कार्यकाल पूरा नहीं कर सका। 1 नंवबर 1956 को नया म.प्र. बना और प्रथम मुख्यमंत्री हुए पं. रविशंकर शुक्ल। दो माह बाद ही उनका निधन हो गया और डॉ. कैलाशनाथ काटजू ने मुख्यमंत्री का पद संभाला। वे पूरे पांच साल मुख्यमंत्री रहे, लेकिन 1962 का चुनाव वे हार गए इसलिए फिर नए मुख्यमंत्री की तलाश शुरू हुई।1990 के बाद के दौर को राजनैतिक स्थिरता का दौर कहा जा सकता है। 1990 के विधानसभा चुनाव में भारतीय जनता पार्टी को बहुमत मिला और उनकी सरकार में सुंदरलाल पटवा मुख्यमंत्री बने। वे 1992 तक मुख्यमंत्री पद पर रहे। 1992 में उनकी सरकार को बर्खास्त कर दिया गया। 1993 विधानसभा चुनाव में कांग्रेस पुनः सŸाा में आई और पहली बार विधायकों के बहुमत के आधार पर दिग्विजय सिंह मुख्यमंत्री बनाए गए। उन्होंने अपना एक नहीं दो कार्यकाल लगातार पूरा किया। मध्यप्रदेश की प्रथम महिला एवं प्रथम पिछड़े वर्ग की और प्रथम सन्यासिन सुश्री उमा भारती ने 8 दिसम्बर 2003 को 26 वें मुख्यमंत्री पद की शपथ ली। व्यक्तिशः वे पंद्रहवीं मुख्यमत्री थीं जो आठ माह पंद्रह दिन ही इस पद पर रहीं। 23 अगस्त 2004 को मजदूर से मुख्यमंत्री तक का सफर तय करते हुये बाबूलाल गौर ने 27 वें मुख्यमंत्री पद की शपथ ली। श्री गौर 29 नवंबर 2005 तक मुख्यमंत्री रहे। म.प्र. के युवा तुर्क नेता शिवराज सिंह चौहान ने 29 नवंबर 2005 को राज्य के 28 वें मुख्यमंत्री के रूप में शपथ ली थी। श्री चौहान ने पुनः 12.12.2008 को 29वें मुख्यमंत्री के रूप में शपथ ली। श्री चौहान व्यक्तिशः मध्यप्रदेश के स़त्रहवें मुख्यमंत्री हैं। सीएम यानि हमेशा कॉमनमेन की भूमिका में दिखने वाले शिवराज सिंह चौहान ऐसे गैरकांगे्रसी मुख्यमंत्री हैं। जिन्होंने न केवल पहला कार्यकाल किसान से मुख्यमंत्री तक का राजनैतिक सफलीभूत सफरनामा तय किया, वरन् दूसरा कार्यकाल भी तय कर रहे हैं। कुल मिलाकर बीते 54 सालों में मध्य प्रदेश व यहां के बाशिंदों ने 15 राज्यपाल और 29 मुख्यमंत्रियों को व उनके कार्यकाल को देखा है। (लेखक ने म.प्र. के राज्यपाल और मुख्यमंत्रियों पर डिजिटल दस्तावेज का सृजन किया है।)

मेरे बारे में

सरमन नगेले
संपादक
ई-समाचार पत्र
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पत्रकारिता - साधनों की शुध्दता के साथ लोकहित के उद्देश्य से सत्य उध्दाटित करने की रचनात्मक प्रक्रिया।
पत्रकार - एक चिंतक, योध्दा और सत्य का रक्षक।
सफलता - उत्कृष्ट होना और बने रहना सफल होने से ज्यादा चुनौतीपूर्ण है।
जन्म - 10 जून 1969 को बुंदेलखण्ड के झांसी शहर के स्व. श्री एम.एल. नगेले एवं श्रीमती शकुन नगेले के मध्यम परिवार में। शिक्षा - हिन्दी में स्नातक,
कैशोर्य की देहरी लांघते ही मध्यप्रदेश की राजधानी भोपाल में पदार्पण।
जीवन यात्रा - रचनात्मक एवं राजनीतिक लेखन की ओर छात्रावस्था से ही रूझान रहा।
म.प्र. के राज्यपाल एवं मुख्यमंत्री सीडी संस्करण प्रथम एवं द्वितीय। सामाजिक-आर्थिक विषयों पर लेखन की दृष्टि से भारत सरकार ने अंडमान निकोबार द्वीप समूह, केरल, तामिलनाडू जैसे राज्यों का अध्ययन भ्रमण कराया। इस यात्रा तथा मधयप्रदेश के महाकौशल क्षेत्र की सामाजिक आर्थिक अधोसंरचना का अधययन भ्रमण के दौरान सृजित हुई।
''माया'' राष्ट्रीय राजनैतिक पत्रिका में कुछ मापदण्ड निर्धारित कर मध्यप्रदेश के टाँप टेन एम.एल.ए. चयनित कर विधायकों पर केन्द्रित विशेषांक का सृजन। अब तक के मप्र विधानसभा के अध्यक्षों पर केन्द्रित सीडी का सृजन। सिंहास्थ 2004 पर केन्द्रित सीडी का सृजन। आईटी स्टेटस इन मध्यप्रदेश, आईटी फॉर डव्लेपमेंट, ई@मध्यप्रदेश विशेषांक का संपादन। मध्यप्रदेश में ई-सेवाएं एक नजर में। प्रवासी भारतीय दिवस 7-9 जनवरी, 2008 पर विशेषांक का संपादन।
लगभग दो दशक से पत्रकारिता में सक्रिय - इंटरनेट मीडिया एक नये स्वरूप में सामने आ रहा है। हिन्दी भाषी राज्यों में इंटरनेट पत्रकारिता का शैशवकाल है। भारत में इंटरनेट पत्रकारिता की संभावनाओं को देखते हुए http://www.mppost.org/ पर मध्यप्रदेश का पहला इंटरनेट हिन्दी समाचार पत्र एक जनवरी 2005 से शुरू किया।
चंडीगढ़, दिल्ली, हरियाणा, छत्तीसगढ़, केरल, महाराष्ट्र, उड़ीसा, असाम, पंजाब, तमिलनाडू, कर्नाटक, उत्तरप्रदेश, पश्चिम बंगाल और गुजरात की आई.टी. नीतियों का अध्ययन, इंटरनेट पत्रकारिता से जुड़े लोगों, संस्थाओं प्रमुख, आई.टी. कंपनियों, विशेषज्ञों से सतत् संवाद। इंटरनेट पर आयोजित अंर्तराष्ट्रीय सेमीनार डब्ल्यू3सी में मध्यप्रदेश की ओर से प्रतिनिधित्व किया। साऊथ एषिया की सबसे बड़ी आई.टी. प्रर्दशनी एवं सेमीनार जीटेक्स इंडिया में भाग लिया। साऊथ एशिया के सबसे बड़े संचार एवं आई.टी. इवेंट कर्न्वजेंस इंडिया- 2006 में शामिल हुए। प्रवासी भारतीय दिवस में विशेष रूप से मीडिया प्रतिनिधि के रूप में भाग लिया। म.प्र. सरकार द्वारा आयोजित आई.टी. समिट में हिस्सा लिया।
पत्रकारिता -
बीबीसी- वेबदुनिया द्वारा आयोजित ऑन लाइन पत्रकारिता कार्यशाला में भागीदारी। राष्ट्रीय सहारा, दिल्ली, अक्षर भारत, दिल्ली, राज्य की नई दुनिया, भोपाल जैसे प्रतिष्ठित समाचार पत्रों में संवाददाता के रूप में कार्य। म.प्र. के प्रमुख दैनिक नवीन दुनिया जबलपुर के भोपाल ब्यूरो प्रमुख के रूप में संबध्द रहे। महाकौशल के प्रमुख सांध्य दैनिक सीटाइम्स के भोपाल ब्यूरो प्रमुख के रूप में संबध्द रहे। राष्ट्रीय राजनैतिक पत्रिका ''माया'' के मध्यप्रदेश विशेष संवाददाता के रूप में संबध्द रहे। दूरदर्शन, आकाशवाणी के लिये संवाद लेखन, विधानसभा कार्यवाही की समीक्षात्मक रिर्पोट लेखन। भोपाल दूरदर्शन से प्रसारित लाइव फोन इन कार्यक्रम शुभ-शाम में 17 अगस्त 2009 को विषय विशेषज्ञ के रूप में वेब जर्नलिज्म में भविष्य का प्रसारण।
संप्रति -
संपादक - एमपीपोस्ट इंटरनेट समाचार एवं विचार सेवा और वेबसाइट http://www.mppost.org/
ब्लाग - http://journocrat.blogspot.com/
समन्वयक, सेन्ट्रल प्रेस क्लब, भोपाल। उपाध्यक्ष, ब्यूरो चीफ एसोशिएशन, भोपाल। संस्थापक, सदस्य एवं संचालक राजधानी पत्रकार गृह निर्माण सहकारी संस्था मर्यादित, भोपाल, सदस्य- मध्यप्रदेश जर्नलिस्ट यूनियन (जम्प)। आजीवन सदस्य, मध्यप्रदेश विधानसभा पुस्तकालय, भोपाल। सदस्य, इंटरनेट आधारित सेवा सॉल्यूषन एक्सचेंज। अनेक राष्ट्रीय एवं प्रांतीय सामाजिक एवं रचनात्मक संगोष्ठियों में हिस्सा लिया।
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