रविवार, 16 अगस्त 2009

Future in Web Journalism

वेब जर्नलिज्म में भविष्य
सरमन नगेले

वर्तमान समय सूचना प्रौद्योगिकी के अकाल्पनिक विस्तार का दौर उत्कृष्टतम समय है । दुनिया के सभी देशों में सूचना क्रांति ने जन्म ले लिया है । तीसरी दुनिया के देशों में सूचना प्रौद्योगिकी को जिस तेजी से अपनाया है वह एक नजर में अविश्वसनीय लगता है । सूचना प्रौद्योगिकी ने दरअसल ऐसा स्वरूप ले लिया है कि जिसके बिना अब जीवन के संचालन की कल्पना नहीं की जा सकती । कम्प्यूटर और इंटरनेट आम जीवन का एक अनिवार्य अंग बन गया है । जीवन अत्यंत सरल हो गया है । जिस गति से हमारी अर्थव्यवस्था बढी है और इसके कई नये आयामों से लोगों का वास्ता पडा है ऐसी स्थिति में यदि सूचना प्रौद्योगिकी का साथ नहीं होता तो भयावह स्थिति की कल्पना करके देखिये । बैंकों में खातों का संधारण से लेकर मोबाइल नंबरों का संधारण और रेल्वे टिकटों की बिक्री से लेकर एटीएम से पैसे निकालने तक सभी ई-सुविधाओं ने जहां आम लोगों के जीवन को आसान कर दिया है। वहीं अनेक क्षेत्रों में काम करने का अवसर भी उपलब्ध कराया है। वेब जर्नलिज्म का उद्भाव आई.टी. से हुआ है।
आम तौर पर ऐसा कहा जाता है कि सूचना का मुक्त प्रसार करने में न्यू मीडिया यानि इंटरनेट मीडिया का महत्वपूर्ण योगदान रहा है। भारत की अनेक वेब आधारित परियोजनाओं ने इसका प्रयोग कर डिजिटल डिवाइड यानि आंकिक विभाजन रोकने में योगदान दिया है।
वैसे वेब जर्नलिज्म मुख्य रूप से न्यूज पोर्टल और समाचार वेबसाइट के माध्यम से तथा इससे जुड़कर की जाती है। सोर्शलनेटवर्किंग साइट्स, ब्लागस, फॉरम, मेलर सेवा, सिटीजन जर्नलिज्म आधारित वेबसाइट भी वेब जर्नलिज्म का हिस्सा है। भारत में फेसबुक, आरकुट और तेजी के साथ अपना विस्तार करने वाला टिवटर धन कमाने व प्रचार-प्रसार का साधन बनता जा रहा है। ब्लाग पर जहां लोग अपनी भावनाओं को व्यक्त करते हैं वहीं टिवटर पर लोग अपनी नई-नई जानकारियां व दैनिक कार्यक्रमों को डालते हैं। भारत सरकार के विदेश राज्यमंत्री तो प्रतिदिन के अपने सभी छोटे बड़े कार्यक्रम नियमित रूप से टिवटर पर डालते हैं। कुछ लोग अपने ब्लाग पोस्ट किए गए आलेख को टिवटर के जरिए प्रचारित भी करते हैं। कुछ जानकार टिवटर का इस्तेमाल खान-पान की वस्तुओं के लिए कर रहे तो कुछ लोग धार्मिक रीति-रिवाज को लेकर कर रहे हैं। टिवटर छोटे-छोटे लोगों के भी काम आ रहा है। इसकी लोकप्रियता मीडिया संस्थान और बड़ी कंपनियों के बीच में बढ़ती जा रही है। कहा जा सकता है कि वेब जर्नलिज्म का दायरा लगातार बढ़ता जा रहा है।
ब्लाग और सिटीजन आधारित वेबसाइट के जरिए वेब जर्नलिज्म करने के दौरान लोग धन भी कमा रहे हैं। कुछ लोग अपने ब्लाग और वेबसाइट पर गूगल द्वारा प्रदत्त एडसेंस विज्ञापन के माध्यम से कमाई कर रहे हैं। तो कुछ लोग शादी डॉट कॉम या अन्य बड़े प्रॉडक्ट के विज्ञापन के जरिए कर रहे हैं। वेब जर्नलिज्म में भविष्य शुरू करने वाले लोग भी इसी प्रकार लाभ उठा सकते हैं। कुछ लोग मध्यप्रदेष के मुख्यमंत्री द्वारा सुषासन के लिए शुरू की गई वेबसाइट आइडियाज फार सीएम पर अपना सुझाव प्रेषित कर सम्मानित भी हो सकते हैं। यहां यह बताना न केवल समीचीन होगा बल्कि प्रासांगिक भी है कि हाल ही में भारत में लोकसभा के आम चुनाव संपन्न हुए हैं। इस चुनाव में लगभग सभी राजनैतिक दलों ने वोटरों को लुभाने के लिए सर्वाधिक सहारा इंटरनेट आधारित ब्लाग, वेबसाइट और यूटयूब, ईमेल का लिया है। पष्चिम बंगाल के एक निर्वाचन अधिकारी ने निर्वाचन प्रक्रिया संपन्न कराने के दौरान ब्लाग का उपयोग किया। भारत निर्वाचन आयोग ने न केवल विधानसभा चुनाव में बल्कि लोकसभा चुनाव में इंटरनेट आधारित सुविधाओं का इस्तेमाल आमजन व अधिकारियों के लिए व्यापक पैमाने कारगर ढ़ंग से किया है।
वेब जर्नलिज्म से जुड़े हुए लोगों ने लोकसभा चुनाव में गूगल के माध्यम से राजनैतिक दलों व उम्मीदवारों के विज्ञापनों का प्रसारण कर अच्छी कमाई की है। ये तो फकत कुछ बानगी है जहां तक सवाल वेबजर्नजिल्म में भविष्य का है तो इसका भविष्य बहुत उज्जवल है। आनेवाली पीढ़ी समाचार पत्रों व टीवी चैनलों, आकाषवाणी के बजाय ई-पेपर, वेबसाइट, न्यूज पोर्टल, ईमेल, ब्लाग, सोषलनेटवर्किंग वेबसाइट व ई-कामर्स के साथ-साथ ई आधारित सुविधाओं का उपयोग ज्यादा से ज्यादा निजी जिंदगी व अपने कामकाज में करेगी। एक अध्ययन के मुताबिक क्या नए क्या पुराने और क्या युवातुर्क लगभग सभी राजनेताओं व राजनैतिक पार्टियों के प्रबंधकों को इंटरनेट ने खुब लुभाया। इंटरनेट की दौड़ में कोई पार्टी पीछे नहीं रहीं। वहीं भारतीय उद्यमियों ने भी इंटरनेट पर अपनी अलग जगह बनाई है। तकनीकि विष्व में भारतीय मेधा ने अपना लोहा मनवाते हुए अलग पहचान कायम की है। आडियो, वीडियो वेब, फोटो वेब और फिल्म वेब जर्नलिज्म के अलावा कला, संस्कृति और साहित्य जगत, खेल, व्यापार व षिक्षा तथा ईकॉनोमिक जर्नलिज्म, ई-गवर्नेंस की परियोजनाओं, इनफॉरमेषन टेक्नॉलाजी तथा इनफॉरमेषन कम्यूनिकेषन टेक्नॉलाजी के क्षेत्र में भी वेब जर्नलिज्म के लिए काफी संभावनाएं है। इसको लोग आष्चर्यजनक नजर से देख रहे हैं।
रचनाकार अपनी नई-नई रचनाओं, ऑनलाइन कविता प्रतियोगियों आदि के जरिए अपनी प्रतिभा का प्रदर्षन कर वेब जर्नलिज्म जैसे नए क्षेत्र में अपना उचित स्थान हासिल कर सकते हैं। कुछ लोग इसके जरिए धन भी कमा सकते हैं। बहरहाल, इंटरनेट ही एकमात्र ऐसा साधन है जिसके द्वारा सृजनकार अपनी किसी भी रचना या खोज का प्रदर्षन विष्व स्तर पर बिना किसी रोक टोक के मिनटों में कर सकते हैं। वेब जर्नलिज्म के जरिए जनमानस के उत्थान के लिए लोक चेतना तथा सूचना के अधिकार के बारे में लोगों को न केवल जागरूक किया जा सकता है। बल्कि अपडेट भी रख सकते हैं। खेती किसानी व किसानों के हितों में भी काम करने की गुंजाइष इस क्षेत्र में व्यापक है। साइबर क्राइम जर्नलिज्म वेब जर्नलिज्म का ही अंग है। इस क्षेत्र में वेब जर्नलिज्म का दायरा व्यापक है। वेब जर्नलिज्म के जरिए खोजी पत्रकारिता भी की जा सकती है।
भारत में ही नहीं अन्य देषों की प्रजातांत्रिक व्यवस्था में ई-पालियामेंट का प्रवेष शुरू हो चुका है। इस क्षेत्र में भारत के अलावा अन्य देषों की कुछ संस्थाएं ई-पालियामेंट को प्रमोट करने के लिए आगे आयीं हैं। एक शोध के अनुसार देष की लोकसभा राज्य सभा व विभिन्न विधानसभा व विधानमंडलों के साथ-साथ इन सदनाें के कुछेक सदस्यों ने ई-पालियामेंट को अपना लिया है। लिहाजा इस क्षेत्र में भी वेब जर्नलिज्म के लिए अपार संभावनाएं है।
स्वतंत्रता की अभिव्यक्ति का सबसे बड़ा कारगर साधन है वेब जर्नलिज्म। इसके द्वारा न केवल पर्यावरण को सुरक्षित किया जा सकता है बल्कि उसको बचाने में महत्वपूर्ण भूमिका भी निभा सकता है। भारत सरकार के संचार और सूचना प्रौद्योगिकी मंत्रालय के आंकड़ों पर गौर करें तो मई 2009 तक भारत में 64 लाख ब्राडबैंड कनेक्षन उपलब्ध कराये गये हैं। देष के सभी ढ़ाई लाख ग्राम पंचायतों में सन् 2012 तक ब्राडबैंड इंटरनेट की सुविधा उपलब्ध कराई जायेगी। अभी 30 हजार ग्राम पंचायतों को ब्राडबैंड से जोड़ दिया गया है। भारत में निजी इंटरनेट सर्विस प्रोवाइडरों द्वारा भी लाखों की संख्या में इंटरनेट की सुविधा उपलब्ध कराई जा रही है। एक अनुमान के अनुसार भारत में एक इंटरनेट कनेक्षन का लगभग 6 व्यक्ति उपयोग करते हैं। एक रिपोर्ट के अनुसार इंटरनेट से खरीदारी करने में भारत का एषिया में तीसरा स्थान है। दुनियाभर में इंटरनेट उपयोगकर्ताओं की संख्या 2013 तक 2.2 अरब छूने की संभावना है। नतीजतन एक अनुमान के अनुसार भारत दुनिया का तीसरा सबसे बड़ा ऑनलाइन देष हो जाएगा। अभी दुनिया में ब्लागरों के संख्या 13.3 करोड़ के लगभग है। जबकि भारत में 32 लाख लोग ब्लागिंग कर रहे हैं।
भारत ही नहीं विष्व के अनेक हिस्सों में आमजन की निजी जिंदगी का अब इंटरनेट हिस्सा बनता जा रहा है। विभिन्न सरकारें गांव-गांव में इंटरनेट की सुविधा मुहैया कराने के लिए निरंतर आगे आ रही है। भारत के प्रमुख मीडिया हाउस धीरे-धीरे अपने समाचार पत्रों को इंटरनेट पर ला रहे हैं। लगभग सभी समाचार पत्रों ने अपनी न केवल वेबसाइट प्रारंभ की हैं बल्कि उन्होंने अपने समाचार पत्रों के ई-पेपर भी शुरू कर दिए हैं। ई-पेपर मेलर सर्विस के द्वारा भी ग्राहकों को उपलब्ध कराये जा रहे हैं।
दुनिया की सबसे मषहूर वीडियो की वेबसाइट यूटयूब अब हिन्दी में भी आ गई है। गूगल ने जीमेल, आरकुट जैसी वेबसाइट की हिन्दी और बाकी भाषाओं के अच्छे प्रभाव के बाद अब गांव गांव में अपनी हिन्दी वेबसाइट के माध्यम से पैठ बनाने की दृष्टि से यूटयूब हिन्दी में आरंभ किया है। कुल मिलाकर एक अनुमान है कि भारत के इंटरनेट अंग्रेजी यूजर्स ठहराव की स्थिति में हैं। बड़ी कंपनियों के कर्ता-धर्ताओं को यह आभास हो गया है कि आमजन तक वास्तव में यदि पहुंचना है तो उसका एकमात्र विकल्प हिन्दी और क्षेत्रीय भाषा है। इसलिए लगभग सभी भारतीय एवं अन्य विदेषी कंपनियों ने इंटरनेट आधारित अपनी सभी सुविधाओं को अंग्रेजी के साथ साथ हिन्दी व क्षेत्रीय भाषाओं में विस्तार करने का क्रम तेजी के साथ आरंभ कर दिया है।
वेबजर्नलिज्म के कोर्स भी विभिन्न विष्वविद्यालयों ने प्रारंभ किए हैं इंडियन इंस्टीटयूट ऑफ जर्नलिज्म एण्ड न्यू मीडिया, बैंगलोर, एषियन कॉलेज ऑफ जर्नलिज्म, चैन्नई, लंदन स्कूल ऑफ जर्नलिज्म के अलावा कुछ भारत की एवं विदेष की संस्थाएं ऑनलाइन कोर्स भी संचालित करती हैं। माखनलाल चतुर्वेदी राष्ट्रीय पत्रकारिता विष्वविद्यालय में बेचलर ऑफ जर्नलिज्म बीजे तथा मास्टर ऑफ जर्नलिज्म एमजे की डिग्री हासिल करने के दौरान वेबजर्नलिज्म का एक संपूर्ण पेपर भी कराया जाता है। वेबजर्नलिज्म में भारत के अलावा विदेषों में भी भविष्य है। वेबजर्नलिज्म करने वालो के लिए भारत और भारत के बाहर कई संस्थाओं ने प्रतिष्ठित अवार्ड भी प्रारंभ किए हैं।
वेब जर्नलिज्म में एडिटिंग की दृष्टि से वेब और इसकी संभावनाओं के कई पहलुओं को समझना होगा। लेखन और रिपोर्टिंग स्वतंत्र पत्रकार के रूप में भी वेब जर्नलिज्म के माध्यम से की जा सकती है। जानकारी इक्कठा करने तथा लिखने की क्षमता, विष्लेषणात्मक कौषल, रचनात्मकता के साथ-साथ आई.टी. का आधारभूत ज्ञान भी होना आवष्यक है। सीमित संसाधनों और कम अनुभवी पत्रकार भी वेब जर्नलिज्म में अपना कैरियर शुरू कर सकते हैं। वेब पत्रकारिता का भविष्य है। यह पत्रकारिता का एक्सटेंषन है। एक जानकारी के अनुसार भारत में अब लगभग सभी प्रमुख समाचार पत्रों व न्यूज चैनलों, न्यूज पोर्टलों में वेब एडिटर, वेब करस्पोंडेंट, वेब कैमरा मेन की नियुक्तियां अलग से होने लगी हैं। इस तरह का सिलसिला सरकारी विभागों में भी प्रक्रियागत है।
वैसे ई-गवर्नेंस को लेकर वैष्विक स्तर पर 2007 में शोध किए गए हैं। इसके अलावा संयुक्त राष्ट्र का ई-षासन सर्वेक्षण 2008 प्रतिवेदन भी आया है। शोध और प्रतिवेदन में कुछ महत्वपूर्ण बातें ई-षासन को लेकर की गई हैं। राष्ट्रीय ज्ञान आयोग ने भी ई-गवर्नेंस के बारे में सिफारिषें की हैं।
कुल मिलाकर बातचीत का लब्बोलुआब यह है कि वेब जर्नलिज्म का भविष्य उज्जवल है। वेब जर्नलिज्म का प्रयोग स्वच्छ व्यवस्था, विष्वास और उत्तरदायित्व, नागरिक कल्याण, लोकतंत्र, राष्ट्र के आर्थिक विकास व सूचना के आदान-प्रदान में व संवाद प्रेषण के साथ व्यवस्था एवं नागरिकों के बीच विभिन्न व्यवस्था एवं सेवाओं के एकीकृत करने, एक संस्था के भीतर तथा सिस्टम के भीतर विभिन्न स्तरों पर सूचनाओं का आदान-प्रदान करने में किया जाए। तो वेब जर्नलिज्म की न केवल सार्थकता सिध्द होगी वरन् एक मील का पत्थर गढ़ेगा।
वेब जर्नलिज्म नागरिकों के सषक्तिकरण के लिए सूचनाएँ प्रदान कर सकती है, सरकार में उसकी सहभागिता संभव बना सकती है और आर्थिक एवं सामाजिक अवसर का लाभ उठाने के लिए उन्हें सक्षम भी बना सकती है।
अंत में मैं यह कहना चाहूंगा कि वेब जर्नलिज्म का संबंध सिर्फ इलेक्ट्रॉनिक और सूचना टेक्नॉलाजी व इंटरनेट से नहीं है बल्कि यह व्यवस्था के सुधारों को साकार करने का एक शानदार अवसर भी उपलब्ध कराता है।
सरमन नगेले
एफ-45/2, साऊथ टी.टी. नगर, भोपाल
फोन नं0 2779562
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ईमेल - mppostnewsviews@gmail.com

मेरे बारे में

सरमन नगेले
संपादक
ई-समाचार पत्र
http://www.mppost.org/
http://www.mppost.com
पत्रकारिता - साधनों की शुध्दता के साथ लोकहित के उद्देश्य से सत्य उध्दाटित करने की रचनात्मक प्रक्रिया।
पत्रकार - एक चिंतक, योध्दा और सत्य का रक्षक।
सफलता - उत्कृष्ट होना और बने रहना सफल होने से ज्यादा चुनौतीपूर्ण है।
जन्म - 10 जून 1969 को बुंदेलखण्ड के झांसी शहर के स्व. श्री एम.एल. नगेले एवं श्रीमती शकुन नगेले के मध्यम परिवार में। शिक्षा - हिन्दी में स्नातक,
कैशोर्य की देहरी लांघते ही मध्यप्रदेश की राजधानी भोपाल में पदार्पण।
जीवन यात्रा - रचनात्मक एवं राजनीतिक लेखन की ओर छात्रावस्था से ही रूझान रहा।
म.प्र. के राज्यपाल एवं मुख्यमंत्री सीडी संस्करण प्रथम एवं द्वितीय। सामाजिक-आर्थिक विषयों पर लेखन की दृष्टि से भारत सरकार ने अंडमान निकोबार द्वीप समूह, केरल, तामिलनाडू जैसे राज्यों का अध्ययन भ्रमण कराया। इस यात्रा तथा मधयप्रदेश के महाकौशल क्षेत्र की सामाजिक आर्थिक अधोसंरचना का अधययन भ्रमण के दौरान सृजित हुई।
''माया'' राष्ट्रीय राजनैतिक पत्रिका में कुछ मापदण्ड निर्धारित कर मध्यप्रदेश के टाँप टेन एम.एल.ए. चयनित कर विधायकों पर केन्द्रित विशेषांक का सृजन। अब तक के मप्र विधानसभा के अध्यक्षों पर केन्द्रित सीडी का सृजन। सिंहास्थ 2004 पर केन्द्रित सीडी का सृजन। आईटी स्टेटस इन मध्यप्रदेश, आईटी फॉर डव्लेपमेंट, ई@मध्यप्रदेश विशेषांक का संपादन। मध्यप्रदेश में ई-सेवाएं एक नजर में। प्रवासी भारतीय दिवस 7-9 जनवरी, 2008 पर विशेषांक का संपादन।
लगभग दो दशक से पत्रकारिता में सक्रिय - इंटरनेट मीडिया एक नये स्वरूप में सामने आ रहा है। हिन्दी भाषी राज्यों में इंटरनेट पत्रकारिता का शैशवकाल है। भारत में इंटरनेट पत्रकारिता की संभावनाओं को देखते हुए http://www.mppost.org/ पर मध्यप्रदेश का पहला इंटरनेट हिन्दी समाचार पत्र एक जनवरी 2005 से शुरू किया।
चंडीगढ़, दिल्ली, हरियाणा, छत्तीसगढ़, केरल, महाराष्ट्र, उड़ीसा, असाम, पंजाब, तमिलनाडू, कर्नाटक, उत्तरप्रदेश, पश्चिम बंगाल और गुजरात की आई.टी. नीतियों का अध्ययन, इंटरनेट पत्रकारिता से जुड़े लोगों, संस्थाओं प्रमुख, आई.टी. कंपनियों, विशेषज्ञों से सतत् संवाद। इंटरनेट पर आयोजित अंर्तराष्ट्रीय सेमीनार डब्ल्यू3सी में मध्यप्रदेश की ओर से प्रतिनिधित्व किया। साऊथ एषिया की सबसे बड़ी आई.टी. प्रर्दशनी एवं सेमीनार जीटेक्स इंडिया में भाग लिया। साऊथ एशिया के सबसे बड़े संचार एवं आई.टी. इवेंट कर्न्वजेंस इंडिया- 2006 में शामिल हुए। प्रवासी भारतीय दिवस में विशेष रूप से मीडिया प्रतिनिधि के रूप में भाग लिया। म.प्र. सरकार द्वारा आयोजित आई.टी. समिट में हिस्सा लिया।
पत्रकारिता -
बीबीसी- वेबदुनिया द्वारा आयोजित ऑन लाइन पत्रकारिता कार्यशाला में भागीदारी। राष्ट्रीय सहारा, दिल्ली, अक्षर भारत, दिल्ली, राज्य की नई दुनिया, भोपाल जैसे प्रतिष्ठित समाचार पत्रों में संवाददाता के रूप में कार्य। म.प्र. के प्रमुख दैनिक नवीन दुनिया जबलपुर के भोपाल ब्यूरो प्रमुख के रूप में संबध्द रहे। महाकौशल के प्रमुख सांध्य दैनिक सीटाइम्स के भोपाल ब्यूरो प्रमुख के रूप में संबध्द रहे। राष्ट्रीय राजनैतिक पत्रिका ''माया'' के मध्यप्रदेश विशेष संवाददाता के रूप में संबध्द रहे। दूरदर्शन, आकाशवाणी के लिये संवाद लेखन, विधानसभा कार्यवाही की समीक्षात्मक रिर्पोट लेखन। भोपाल दूरदर्शन से प्रसारित लाइव फोन इन कार्यक्रम शुभ-शाम में 17 अगस्त 2009 को विषय विशेषज्ञ के रूप में वेब जर्नलिज्म में भविष्य का प्रसारण।
संप्रति -
संपादक - एमपीपोस्ट इंटरनेट समाचार एवं विचार सेवा और वेबसाइट http://www.mppost.org/
ब्लाग - http://journocrat.blogspot.com/
समन्वयक, सेन्ट्रल प्रेस क्लब, भोपाल। उपाध्यक्ष, ब्यूरो चीफ एसोशिएशन, भोपाल। संस्थापक, सदस्य एवं संचालक राजधानी पत्रकार गृह निर्माण सहकारी संस्था मर्यादित, भोपाल, सदस्य- मध्यप्रदेश जर्नलिस्ट यूनियन (जम्प)। आजीवन सदस्य, मध्यप्रदेश विधानसभा पुस्तकालय, भोपाल। सदस्य, इंटरनेट आधारित सेवा सॉल्यूषन एक्सचेंज। अनेक राष्ट्रीय एवं प्रांतीय सामाजिक एवं रचनात्मक संगोष्ठियों में हिस्सा लिया।
पत्राचार का पता
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