शनिवार, 12 दिसंबर 2009

मध्यप्रदेश बना बेस्ट ई-गवर्नेंस स्टेट

मध्यप्रदेश को मिला बेस्ट ई-गवर्नेंस राज्य का प्रतिष्ठापूर्ण अवार्ड
सरमन नगेले

मध्यप्रदेश को अपने ई-गवर्नेंस के क्षेत्र में समग्र प्रदर्षन के आधार पर बेस्ट ई-गवर्नेंस राज्य का सी.एस.आई. ई-गवर्नेंस निहीलेण्ट अवार्ड 2008-09 प्राप्त हुआ। इस प्रतिष्ठापूर्ण अवार्ड के अलावा राज्य सरकार के विभागों की श्रेणी के तहत स्कूल षिक्षा विभाग तथा जिला स्तर पर ई-षासन के क्षेत्र में उत्कृष्टता का प्रदर्षन करने की श्रेणी में सागर जिले को विषेष मान्यता प्रदान करते हुए ई-गवर्नेंस पर 9 अक्टूबर 2009 को पुणें में आयोजित सीएसआई के वार्षिक सम्मेलन में ये अवार्ड मिले। इसी के साथ मध्यप्रदेष ई-गवर्नेंस के माध्यम से सुशासन प्रदान करने में अग्रणी राज्य बन गया है। इस तथ्य को न केवल रेखांकित किया गया है बल्कि गुण-दोष के आधार पर प्रदेश को सी.एस.आई. ई-गवर्नेंस निहीलेण्ट अवार्ड 2008-09 के तीन श्रेणियों के पुरस्कार मिले हैं। राज्य श्रेणी का अवार्ड मध्यप्रदेष के आई.टी. विभाग और मुख्यमंत्री षिवराज सिंह चैहान के सचिव अनुराग जैन को तथा विभाग की श्रेणी के तहत स्कूल षिक्षा विभाग की ओर से बी.आर. नायडू, आयुक्त लोक षिक्षण संचालनालय को तथा जिला श्रेणी के पुरस्कार के अंतर्गत सागर जिले के कलेक्टर हीरालाल त्रिवेदी को टी.सी.एस के चीफ एस महालिंगम और एसआईजी ई-गवर्नेंस के चेयरमेन प्रो. अषोक अग्रवाल ने दिये। अवार्ड प्राप्त करने से पूर्व अनुराग जैन ने प्रदेष में ई-गवर्नेंस के क्षेत्र में हो रहे काम व विभिन्न पहलों पर अपना एक प्रस्तुतिकरण दिया। श्री जैन ने कार्यक्रम में अपना मुख्य भाषण भी दिया। मुख्यमंत्री मप्र षिवराज सिंह चैहान ने इस गौरवपूर्ण पुरस्कार प्राप्त करने के लिए आईटी मंत्री कैलाष विजयवर्गीय, सचिव आईटी अनुराग जैन, ओएसडी आईटी विभाग अनुराग श्रीवास्तव को बधाई दी है।मध्यप्रदेष को मिले बेस्ट ई-गवर्नेंस राज्य का अवार्ड प्रतिष्ठापूर्ण इन मायनों में है, भारत के आई.टी क्षेत्र के प्रोफेषनल, प्रोजेक्ट मैनेजर, सीआईओस्, सीटीओस् और आईटी वेंडर वाले लगभग 30 हजार सदस्यों वाली 1965 में गठित संस्था सीएसआई के 65 चेप्टर भारत में हैं। सीएसआई द्वारा ई-गवर्नेंस अवार्ड पिछले कई वर्षो से दिए जा रहेे हैं। मध्यप्रदेष को अपने ई-गवर्नेंस के क्षेत्र में समग्र प्रदर्षन के आधार पर वर्ष 2008-09 के लिये बेस्ट ई-गवर्नेंस राज्य विजेता घोषित किया गया है। इस दौरान राज्य शासन की पहल विषेष रूप से नीतियों के संबंध में फैसला, बुनियादी सुविधाओं, विभिन्न परियोजनाओं के साथ-साथ, क्षमता निर्माण आदि को न केवल राष्ट्रीय स्तर पर मान्यता मिली है बल्कि उत्तम ई-षासित राज्य के पुरस्कार से नवाजा गया। कम्प्यूटर सोसायटी ऑफ इंडिया द्वारा प्रति वर्ष केन्द्र और राज्यों के विभागों एवं जिलों तथा विभिन्न परियोजनाओं के कार्यों के मूल्यांकन के पश्चात् यह पुरस्कार प्रदान किया जाता है। वर्ष 2008-09 के लिए मध्यप्रदेश के स्कूल शिक्षा विभाग को सर्वोत्तम ई-प्रशासन के लिए सी.एस.आई. निहीलेंट ई-गर्वनेंस अवार्ड के लिए चुना है। साथ ही जिला स्तर पर ई-षासन के क्षेत्र में उत्कृष्टता का प्रदर्षन करने की श्रेणी में सागर जिले को विषेष मान्यता प्रदान करते हुए चुना गया है। सीएसआई निहीलेण्ट अवार्ड के लिए देषभर से आवेदन आये थे। परिक्षणोंपरांत कम्प्यूटर सोसायटी आॅफ इंडिया की टीम व ज्यूरी के सदस्यों ने मध्यप्रदेष राज्य, स्कूल षिक्षा विभाग एवं सागर जिला को चुना इसके बाद ई-गवर्नेंस के प्रभावी क्रियान्वयन के संबंध में सीएसआई की टीम और ज्यूरी के सदस्यों ने मौका मुआयना किया। साथ ही राज्य शासन के संबंधित अधिकारियों से ई-गवर्नेंस की प्रभावी भूमिका को भी समझा। तत्पष्चात् प्रस्तुतिकरण के लिए सीएसआई द्वारा मध्यप्रदेष के मुख्यमंत्री के व आईटी विभाग के सचिव अनुराग जैन को आमंत्रित किया गया। राज्य के आईटी सचिव के प्रस्तुतिकरण के पष्चात् उत्कृष्ट ई-षासित राज्य के अवार्ड के लिए मध्यप्रदेष को विजेता घोषित किया गया। गौरतलब है कि प्रस्तुतिकरण एवं अंतिम मूल्यांकन 15 और 16 सितम्बर 2009 को संपन्न हुआ। अवार्ड की संपूर्ण प्रक्रिया में लगभग 6 माह का समय लगा। दो अप्रैल से यह प्रक्रिया प्रारंभ हुई जो 16 सितम्बर 2009 को समाप्त हुई। तदोपरांत 2008-09 के सीएसआई निहीलेंट अवार्ड घोषित किये गये। म.प्र. में ई-गवर्नेंस की अवधारणा किस प्रकार आकार ले रही है एक नजर ’’कल्याणकारी राज्य के लिए विकास और सुषासन दो ऐसे क्षेत्र होते हैं जिनके आधार पर उन्नति और प्रगति का मार्ग बनता है, विकास के लिए सुषासन पहली शर्त है। मप्र के मुख्यमंत्री षिवराज सिंह चैहान के नेतृत्व वाली सरकार ने इस मुद्दे पर अपनी संवेदनषीलता प्रदर्षित करते हुए मध्यप्रदेष में नया इतिहास लिखने का संकल्प दोहराया है। सुषासन के लिए सबसे जरूरी है उपलब्ध तकनीकि और प्रौद्योगिकी का सकारात्मक उपयोग। मध्यप्रदेष ने षिव के नेतृत्व में इस दिषा में अपने कदम बढ़ा दिए हैं।’’ वैसे ई-गवर्नेंस मध्यप्रदेष के लिए एक घटनाक्रम है जो पिछड़े राज्यों को एक करने में अपनी भूमिका निभायेगा। आईटी के प्रवर्तनकारी गुणों ने लोगों के जीवन को आसान बना दिया है। अपनी लोकहितैषी सेवाओं के पर्दापण के साथ विभिन्न विभागों की कार्यप्रणाली को भी सहज बनाया है। ई-गवर्नेंस से पारदर्षिता में भी वृद्धि हुई है। जिसके कारण भ्रष्टाचार की संभावनाओं पर धीरे धीरे विराम लग रहा है। ग्रामीण क्षेत्रों में विद्युत सप्लाई के बहाल होने और संचार क्रांति के कारण आईटी ने जनता की आत्म निर्भरता में वृद्धि की है। जहां तक मध्यप्रदेष का सवाल है तो यहां के राज्य मंत्रालय का कम्प्यूटरीकरण के साथ मुख्यमंत्री सचिवालय का कम्प्यूटरीकरण, सीएम की पब्लिक घोषणाओं की माॅनिटरिंग, चुनाव घोषणा पत्र के क्रियान्वयन की माॅनिटरिंग, मुख्यमंत्री स्वेच्छानुदान व राहत कोष की माॅनिटरिंग, मंत्रिपरिषद के निर्णयों के क्रियान्वयन की माॅनिटरिंग, मंत्रालय में प्राप्त पत्रों के अलावा मुख्यंमत्री सचिवालय और मुख्य सचिव सचिवालय के समस्त संदर्भो की व्यवस्था विभागीय माॅनिटरिंग सिस्टम के तहत है। राज्य मंत्रालय का फाइल मूवमेंट माॅनिटरिंग सिस्टम (एफएमएमएस) भी है। मुख्यमंत्री माॅनिटरिंग कार्यक्रम (परफाॅरमेंष मैनेजमेंट सिस्टम) से मुख्यमंत्री षिवराज सिंह चैहान ने अपने को जोडकर रखा है। वे समय समय पर इस व्यवस्था के अंतर्गत माॅनिटरिंग करते हैं। समाधान आॅनलाईन द्वारा जनषिकायतों का निराकरण भी सतत् रूप से किया जाता है। परख कार्यक्रम के अंतर्गत राज्य सरकार द्वारा ग्रामीण अंचलों में उपलब्ध कराई जा रही मूलभूत सुविधाओं पर न केवल नजर रहती है। बल्कि इसके जरिए मूलभूत आधारित सुविधाओं की व्यवस्था को सुदृढ़ बनाया जाता है। मुख्यमंत्री श्री चैहान इस कार्यक्रम की प्रत्येक माह न केवल समीक्षा करते है बल्कि जिलों में पदस्थ व संबंधित अधिकारियों से रूबरू भी होते हैं। राज्य मंत्रालय के कर्मचारियों से संबंधित मुख्य जानकारी मसलन- पे स्लिप, सरकुलर, पदक्रम सूची, ऋण तथा अग्रिम, विभागीय भविष्य निधि कोष दावे, आवास आवंटन, भारत सरकार को भेजे गए प्रस्ताव, दावा प्रबंधन, व्यक्तिगत सूचना प्रबंधन, जी2जी व जी2ई के अलावा अन्य विषेष फीचर भी इंट्रानेट पोर्टल ीजजचरूध्ध्अंससंइीण्उचण्दपबण्पद पर उपलब्ध है। म.प्र. के लगभग सभी विभाग प्रत्यक्ष या अप्रत्यक्ष रूप से ई-गवर्नेंस के तहत नेटवर्किंग से जुड़ गए हैं। इसके लिए विभिन्न स्तरों पर ई-गवर्नेंस स्टाफ तैयार किए जा रहे हैं। और प्रषिक्षण प्रदान किया जा रहा है। मुख्यमंत्री की मंषा है कि आईटी के लिए हर विभाग का बजट अलग से हो। मुख्यमंत्री इस रणनीति के अंतर्गत विचार कर रहे है कि ग्रामीण क्षेत्रों मे इंटरनेट क्योस्क खोलें जहां से किसान ईमेल के द्वारा उनसे व सेवा प्रदान करने वालों के संपर्क में रहें। ई-गवर्नेंस की दिषा में पारदर्षिता लाने के उद्देष्य से सभी महत्वपूर्ण सरकारी परिपत्र आॅनलाईन पर उपलब्ध हो रहे हैं। जन सुविधा केन्द्र योजना का नाम समाधान एक दिन है। यह राज्य सरकार की सेवा वितरण व्यवस्था को सुधारने के लिए जन केन्द्रित कोषिष है। यह अब जिला दफ्तरों में अलग अलग प्रमाण पत्र एवं दूसरे जरूरी कागजातों के वितरण में सहायता कर रहा है। अभी यह प्रबंध जिला स्तर पर है। भविष्य में इनको खण्ड एवं तहसील स्तर पर बढ़ाने की षिव सरकार की महत्वकांक्षी योजना है। इन केन्द्रों के माध्यम से जनता कई तरह के प्रमाण प्त्र जैसे कि मूल निवासी प्रमाण पत्र, अस्थायी जाति प्रमाण पत्र, विवाह रजिस्ट्रेषन प्रमाण पत्र, जन्म प्रमाण पत्र, दुकान की स्थापना के अंतर्गत पुर्नः नवीनीकरण प्रमाण पत्र, गरीबी रेखा से नीचे की सूची का प्रमाण पत्र, एनओसी, ड्रायविंग लाइसेंस, अस्थायी परिवहन प्रमाण पत्र, अस्थायी बिजली कनेक्षन, रोजगार रजिस्ट्रेषन, कामगारों का पहचान पत्र, कामगारों के क्रियाक्रम में सहायता, मेटरनीटी सहायता, ऐफीडेविट इत्यादि आवेदन पत्र सभी प्रमाण पत्रों के साथ जमा करने पर उसी दिन शाम को चार बजे तक पा सकते हैं। प्रदेष के सभी विधायकों को मूलभूत कम्प्यूटर संचालन प्रषिक्षण देने की व्यवस्था भी है। म.प्र. की ई-गवर्नेंस आधारित महत्वकांक्षी परियोजनाएंनीति - आईटी को बढ़ावा देने के लिए सूचना प्रौद्योगिकी नीति के तहत विषेष सुविधाएं प्रदान करना। अधोसंरचना - आईटी पार्क (एसईजेड- विषेष प्रक्षेत्र जोन), ’’एमपी स्वान’’ एमपी स्टेट वाइड एरिया नेटवर्क ब्राडबैंड कनेक्टीविटी की दिषा में ब्लाक स्तर तक पूरे राज्य में क्रियान्वित की जा रही है।, स्टेट डाटा सेंटर, इन्दौर, सागर, ग्वालियर, षिवपुरी और गुना जिलों में ई-डिस्ट्रिक परियोजना, भोपाल एवं इन्दौर शहर इंटरनेट की सुविधा से यानि वायफाय सुविधायुक्त होंगे, स्टेट सर्विस डिलेवरी गेटवे। सूचना प्रौद्योगिकी पार्क की स्थापना - प्रदेश में निवेश को आकर्षित करने हेतु विभाग द्वारा भोपाल, ग्वालियर एवं जबलपुर सूचना प्रौद्योगिकी पार्क की स्थापना के लिए प्रयास किये जा रहे है। ग्वालियर में विभाग द्वारा असाईड योजना की सहायता से लगभग 1 लाख वर्गफुट स्थान का निर्माण किया जा रहा जिसे आई.टी. कंपनियों को लीज पर दिया जायेगा । इसके अतिरिक्त साॅफ्टवेयर टेक्नालाजी पार्क आॅफ इंडिया द्वारा 3 एकड़ भूमि पर इन्क्यूबेशन सेन्टर एवं अर्थ स्टेशन बनाया जा रहा है । ई-डिस्ट्रिक्ट - भारत सरकार द्वारा नेशनल ई-गवर्नेन्स परियोजना के तहत प्रदेश में ई-डिस्ट्रिक्ट परियोजना लागू करने का निर्णय है। योजना के क्रियान्वयन के प्रथम चरण में ग्वालियर, गुना, शिवपुरी, इन्दौर तथा सागर जिलांे का चयन किया गया है। मॅैप-आईटी को इस योजना की नोडल एजेन्सी नियुक्त किया गया है। मेसर्स विप्रो लिमिटेड को इस परियोजना के लिए सलाहकार नियुक्त किया गया है। आवश्यकताओं का आकलन पूरा कर साफ्टवेयर का निर्माण पूर्ण हो चुका है । राज्य मंत्रालय में स्थापित लेन अपग्रेड- मंत्रालय में स्थापित लेन को अपग्रेड किया जाकर गीगाबाईट लेन की स्थापना की गई है।स्टेट वाइड एरिया नेटवर्क की स्थापना,- भारत शासन द्वारा मध्यप्रदेश के लिए स्टेट वाईड एरिया नेटवर्क ;ैॅ।छद्ध अधोसंरचना हेतु राशि स्वीकृत की गई है। इस परियोजना के अंतर्गत मध्यप्रदेष में 340 च्वपदजे व िच्तमेमदबम (च्व्च्) केन्द्रों की स्थापना की जा रही है। परियोजना के लिए नियुक्त भागीदार ट्यूलिप आई.टी. सर्विस द्वारा लगभग 100 पाॅप भवनों पर अधोसरंचना निर्माण एवं वायरलेस टाॅवर खड़े करने का कार्य किया जा चुका है ।सर्विसेस - जी2जी, के अंतर्गत मंत्रालय का कम्प्यूटरीकरण, समाधान आॅनलाइन के अलावा मंत्रालय से संबंधित ई-गवर्नेंस की परियोजनाएं। जी2सी- काॅमन सर्विस सेन्टर की स्थापना - प्रदेश में सूचना प्रौद्योगिकी के लाभों को आम नागरिकों तक पहुॅचाने के लिए प्रदेश में 9232 काॅमन सर्विस सेन्टर की स्थापना की जायेगी। ई-गुमठियों के जरिए 16 हजार से अधिक बेरोजगारों को रोजगार उपलब्ध होगा। इन केन्द्रों द्वारा ई-प्रषासन को सुनिष्चित करते हुए आम नागरिकों को काॅमन सर्विस सेन्टर के माध्यम से उच्च स्तरीय विडियो, विभिन्न डाटा, ई-गवर्नेन्स सेवाऐं, षिक्षा, स्वास्थ्य, मनोरंजन आदि की जानकारी उपलब्ध कराई जावेगी। इसके अंतर्गत म.प्र. राज्य इलेक्ट्राॅनिक्स विकास निगम द्वारा एक पारदर्शी निविदा प्रक्रिया के माध्यम से भारत सरकार के दिशा निर्देशानुसार परियोजना के संचालन हेतु निजी भागीदार संस्थाओं का चयन किया गया है। यह संस्थाऐं हैं 3प प्दविजमबी (होशंगाबाद संभाग), ।प्ैम्ब्ज् (चंबल, सागर एवं रीवा संभाग), ब्डै ब्वउचनजमते (ग्वालियर एवं भोपाल संभाग), छप्ब्ज् (इन्दौर एवं उज्जैन संभाग), त्मसपंदबम ब्वउउनदपबंजपवदे (जबलपुर संभाग)। इन संस्थाओं द्वारा काॅमन सर्विसेस सेन्टर की स्थापना के लिए कार्यवाही प्रारंभ की गई है। अभी तक प्रदेश में 5700 से अधिक सी.एस.सी. की स्थापना की जा चुकी हैं । एमपी आॅनलाइन, समाधान एक दिन, काॅल सेंटर, किसानों के लिए एमपीकृषि डाॅट ओआरजी, मीडिया व आमजन के लिए जनसंपर्क संचालनालय द्वारा संचालित एमपीइंफो डाॅट ओआरजी के अलावा अन्य माध्यमों से सेवाएं उपलब्ध कराना, परिवहन विभाग में ई-सेवाएं, छात्रों की सुविधा के लिए एमपीआॅनलाईन डाॅट जीओवी डाॅट इन पर व्यवसायिक परीक्षा मंडल के साथ साथ अन्य परीक्षा के फार्म आॅन लाइन, काॅमर्सियल टेक्स राज्य सरकार इंटरनेट के माध्यम से प्राप्त करती है। उचवदसपदम नामक पोर्टल का विकास- सदूर क्षेत्रों में नागरिकों को शासकीय सेवा प्रदान करने के लिए कार्यालयों में उपस्थित होने की अनिवार्यता को समाप्त करने हेतु ूूूण्उचवदसपदमण्हवअण्पद नामक पोर्टल विकसित किया गया है। वेबसाईट के माध्यम से व्यावसायिक परीक्षा मंडल द्वारा समय-समय पर आयोजित की जाने वाली परीक्षाओं के फार्म जारी किये गये है। नागरिकों को सूचना गुमटियों के माध्यम से फार्म एवं शासकीय जानकारी उपलब्ध कराई जा रही है तथा मध्य क्षेत्र विद्युत वितरण कंपनी के बिजली के बिलों का भुगतान राष्ट्रीय उद्यानों में प्रवेश के लिए आॅन लाईन बुकिंग तथा जीवन बीमा निगम की पाॅलिसियों की किश्तों का भुगतान की सुविधा भी पोर्टल पर उपलब्ध कराई गई है। फिलहाल पोर्टल पर 55 सेवायें उपलब्ध हैं एवं अभी तक 11 लाख नागरिकों को सेवायें प्रदान की जा चुकी हैं । इसमें शिक्षा से संबंधित अधिकांश सेवायें है जिसमें इन्दौर विश्वविद्यालय/माखनलाल चतुर्वेदी विश्वविधालय/जीवाजी विश्वविद्यालय/ ओपन स्कूल/माध्यमिक शिक्षा मंडल री-टोटलिंग एवं री-वेल्यूएशन एवं राजीव गांधी प्रौद्योगिकी विश्वविद्यालय की सेवायें सम्मिलित है। इसके अतिरिक्त टेलीफोन के बिल का भुगतान भी किया जा सकता है। एमपी आॅन लाईन के 866 कियोस्क कार्यरत है तथा 1000 काॅमन सर्विस सेन्टर इस सेवा से जुडे है।काॅल सेन्टर - भोपाल में राज्य के लिए काॅल सेन्टर स्थापित किया गया है। इस काॅल सेन्टर में नागरिक दूरभाष क्रमांक 155343 लगाकर योजनाओं की जानकारी प्राप्त कर सकेंगे एवं शिकायत दर्ज करा सकेंगे । फिलहाल स्कूल शिक्षा विभाग से संबंधित जानकारी प्राप्त की जा सकती है एवं शिकायत दर्ज कराई जा सकती है। स्कूल शिक्षा विभाग के अलावा राजस्व, लोक स्वास्थ्य परिवार कल्याण, लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी, महिला एवं बाल विकास, खाद्य एवं नागरिक आपूर्ति तथा वन विभाग से संबंधित सेवायें प्रक्रियागत हैं। जी2बी - ई-टेंडरिंग, वेट, एमपीट्रांस्पोर्ट की इंटरनेट सेवाएं, वन विभाग में आईटी को अपनाया गया। ई-टेण्डर - राज्य शासन द्वारा शासकीय निविदाओं में इलेक्ट्रानिक टेंडरिंग व्यवस्था लागू करने का निर्णय लिया गया है। प्रदेश के कार्य विभागों के क्रय संबंधी कार्यो हेतु ई-टेण्डर परियोजना प्रारंभ की गई है। मेसर्स विप्रो द्वारा इस परियोजना का क्रियान्वयन किया गया है। योजना का कार्य ठव्व्ज् (बिल्ड, ओन, आॅपरेट एवं ट्रान्सफर)़ के आधार पर किया गया है एवं इसमें राज्य शासन पर कोई व्यय भार नहीं आ रहा है। सभी शासकीय विभागों के क्रय कार्य ई-टेण्डरिंग के माध्यम से करने हेतु वेबसाईट उपलब्ध है। इस प्रणाली के माध्यम से रूपये 170892.27 लाख की राशि के 374 नर्मदा घाटी विकास /लोक निर्माण विभाग/सिचाई विभाग/लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी विभाग/ग्रामीण सडक प्राधिकरण के टेण्डर जारी किये जा चुके है।अवार्ड - मध्यप्रदेष के वित्त विभाग को कोषालयो में कम्प्यूटराईजेषन में उत्कृष्ट कार्य करने पर भारत सरकार का गोल्डन आईकाॅन पुरस्कार, आईटी क्षेत्र का प्रतिष्ठित मंथन अवार्ड, सागर जिले को बेस्ट ई-गवर्नेंस डिस्ट्रिक का पुरस्कार, आईटी के उपयोग के लिए इंडिया टेक एक्सीलेंस अवार्ड 2006, मध्यप्रदेष को ई-गवर्नेंस श्रेष्ठ प्रोजेक्ट लागू करने के लिए तीन सीएसआई निहीलेण्ट अवार्ड 2006-07 एवं 2007-08, समाधान आॅन लाईन पहल लिम्का बुक आॅफ रिकार्ड में। भारत सरकार के आईटी मंत्रालय ने प्रदेष के वन व बिजली विभाग को नेषनल ई-गवर्नेंस अवार्ड प्रदान किए हैं। देष की आईटी जगत की प्रतिष्ठित पत्रिका डाटा क्वेस्ट ने भी राज्य के वन विभाग व कृषि विभाग को 23 मार्च 2009 को ई-गवर्नेंस चैंपियन अवार्ड से नवाजा है। हालही में बेस्ट ई-गवर्नेस स्टेट का सी.एस.आई. निहीलेण्ट ई-गवर्नेंस अवार्ड 2008-09 मिला है। कुल मिलाकर मुख्यमंत्री षिवराज सिंह चैहान के संकल्प को अब ठोस आकार मिल रहा है। स्वर्णिम मध्यप्रदेष की नींव आईटी क्षेत्र में की गई पहल से और मजबूत हो रही है।
(लेखक - न्यूज पोर्टल एमपीपोस्ट डाॅट ओआरजी के संपादक हैं।)

मध्यप्रदेश के खाते में साउथ एषिया के चार ई-गवर्नेंस अवार्ड

केन्द्रीय आईटी मंत्री सचिन पायलट 19 दिसम्बर को पुरस्कृत करेंगे मध्यप्रदेश में ई-गवर्नेंस के क्षेत्र में न केवल नए-नए प्रयोग हो रहे हैं बल्कि उनके सकारात्मक परिणाम भी सामने आ रहे हैं। इनफारमेषन कम्यूनिकेषन टेक्नालाजी (आईसीटी) को प्रोत्साहित करने के लिए साउथ एषिया का दिया जाने वाला प्रतिष्ठित ई-गर्वनेंस मंथन अवार्ड 2009 का इस मर्तबा विजेता मध्यप्रदेष बना है। मध्यप्रदेश सरकार के चार विभागों को उनके कामकाज व गुण-दोष के आधार पर ई-गवर्नेंस अवार्ड विजेता घोषित किया गया है। इसी के साथ राज्य के चार विभाग ई-गवर्नेंस के माध्यम से सुषासन प्रदान करने में अग्रणी बन गए हैं। इस तथ्य को न केवल अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर रेखांकित किया गया है बल्कि मान्यता प्रदान करते हुए मंथन अवार्ड 2009 से नवाजा भी जा रहा है।
भारत सरकार के संचार एवं सूचना प्रौद्योगिकी मंत्रालय के सहयोग से डिजिटल इंपावरमेंट फांउडेषन द्वारा विकास के लिए डिजिटल को शामिल किए जाने विषय पर 18 एवं 19 दिसम्बर 2009 को नई दिल्ली में अंतर्राष्ट्रीय सम्मेलन का आयोजन किया जा रहा है। इस सम्मेलन का शुभारंभ 18 दिसम्बर 2009 को केन्द्रीय संचार एवं सूचना प्रौद्योगिकी मंत्री ए राजा के मुख्य आतिथ्य में होगा। सम्मेलन के दौरान जनमानस में पहुंच के लिए आईसीटी मेला का भी आयोजन किया जा रहा है।
मंथन अवार्ड के सहयोगी व आॅनलाइन मीडिया पार्टनर एमपीपोस्ट के अनुसार ई-गर्वनेंस के लिये दिया जाने वाला साउथ एषिया का प्रतिष्ठित मंथन अवार्ड 19 दिसम्बर 2009 को नई दिल्ली में 30 राज्यों व आठ देषों के लगभग एक हजार प्रतिभागियों व चेंपियन तथा इनफारमेषन कम्यूनिकेषन टेक्नालाजी (आईसीटी) के विषेषज्ञों की मौजूदगी में सम्मेलन के दूसरे दिन समापन अवसर के मुख्य अतिथि केन्द्रीय सूचना प्रोद्योगिकी एवं संचार राज्य मंत्री सचिन पायलट प्रदान करेंगे।
ई-गर्वनेंस के चार अवार्ड मध्यप्रदेष के खाते में आने पर राज्य के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चैहान व आईटी मंत्री कैलाश विजयवर्गीय तथा आई.टी. विभाग के सचिव व मुख्यमंत्री के सचिव अनुराग जैन ने विजेता विभागों की टीम को बधाई दी है।
गौरतलब है कि मुख्यमंत्री म.प्र. षिवराज सिंह चैहान के नेतृत्व में प्रदेष में ई-गर्वनेन्स के क्षेत्र में लगातार नये-नये प्रयास और प्रयोग हो रहे है मुख्यमंत्री श्री चैहान की मंषा है कि आमजन को सुविधायें सरलता से और तुरंत बिना किसी बाधा के कैसे मिले, इस दिषा में म.प्र. का आईटी विभाग निरंतर प्रयास कर रहा है। उल्लेखनीय है कि हाल ही में मध्यप्रदेष को नाॅस्काम सीएनबीसी आईटी अवार्ड व बेस्ट ई-गर्वनेन्स स्टेट का सीएसआई निहीलेंट अवार्ड भी मिला है। मंथन अवार्ड ई-गवर्नेंस के क्षेत्र में सभी स्तरों पर विकास के लिये दिया जाता है।
अवार्ड ज्यूरी म.प्र. में आईटी के संदर्भ में अपनाये गये कार्यशील एवं सम्पूर्णत्मक दृष्टिकोण और म.प्र. में विकास की नीति के साथ आईटी की संलग्नता से न केवल काफी प्रभावित हुई। बल्कि बिजली विभाग की परियोजना आॅटोमेटिक मीटर रीडिंग (एएमआर) को बेस्ट ज्यूरी अवार्ड विजेता घोषित किया गया है। मध्यप्रदेष के उच्च षिक्षा विभाग के ई-संवाद व स्कूल षिक्षा विभाग के एमपीस्टेट एज्यूकेषन पोर्टल को तथा वन प्रबंधन में मोबाईल गवर्नेंस पर आधारित फायर एलर्ट सिस्टम को समग्र प्रदर्षन के आधार पर साउथ एषिया का मंथन अवार्ड 2009 विजेता घोषित किया गया है।
म.प्र. के आईटी विभाग व मुख्यमंत्री के सचिव अनुराग जैन विकास के लिए डिजिटल को शामिल किए जाने विषय पर 18 एवं 19 दिसम्बर 2009 को नई दिल्ली में आयोजित अंतर्राष्ट्रीय सम्मेलन में मध्यप्रदेष सरकार द्वारा ई-गवर्नेंस के क्षेत्र में किए जा रहे कार्यो व अभिनव प्रयोगों पर राज्य सरकार की ओर से अपना प्रस्तुतीकरण देंगे। श्री जैन एक सत्र के काॅ-चेयर व माॅडरेटर भी रहेंगे।
मध्यप्रदेष के स्कूल षिक्षा विभाग की ओर से मनोज झलानी, उच्च षिक्षा विभाग की ओर से संजय झा, वन विभाग की ओर से अपर प्रधान मुख्य वन संरक्षक अनिल ओबेराय, बिजली विभाग की ओर से एन के जैन और वरिष्ठ अधिकारी अवार्ड प्राप्त करेंगे।
मध्यप्रदेष सरकार मंथन अवार्ड का पार्टनर स्टेट भी है। इस आयोजन में मध्यप्रदेष सरकार अपने चार पवेलियन विभिन्न विषयों पर लगा रहा है। जिनमें मध्यप्रदेष में ई-गवर्नेंस के क्षेत्र में हो रहे कार्यो का प्रदर्षन किया जाएगा।

मेरे बारे में

सरमन नगेले
संपादक
ई-समाचार पत्र
http://www.mppost.org/
http://www.mppost.com
पत्रकारिता - साधनों की शुध्दता के साथ लोकहित के उद्देश्य से सत्य उध्दाटित करने की रचनात्मक प्रक्रिया।
पत्रकार - एक चिंतक, योध्दा और सत्य का रक्षक।
सफलता - उत्कृष्ट होना और बने रहना सफल होने से ज्यादा चुनौतीपूर्ण है।
जन्म - 10 जून 1969 को बुंदेलखण्ड के झांसी शहर के स्व. श्री एम.एल. नगेले एवं श्रीमती शकुन नगेले के मध्यम परिवार में। शिक्षा - हिन्दी में स्नातक,
कैशोर्य की देहरी लांघते ही मध्यप्रदेश की राजधानी भोपाल में पदार्पण।
जीवन यात्रा - रचनात्मक एवं राजनीतिक लेखन की ओर छात्रावस्था से ही रूझान रहा।
म.प्र. के राज्यपाल एवं मुख्यमंत्री सीडी संस्करण प्रथम एवं द्वितीय। सामाजिक-आर्थिक विषयों पर लेखन की दृष्टि से भारत सरकार ने अंडमान निकोबार द्वीप समूह, केरल, तामिलनाडू जैसे राज्यों का अध्ययन भ्रमण कराया। इस यात्रा तथा मधयप्रदेश के महाकौशल क्षेत्र की सामाजिक आर्थिक अधोसंरचना का अधययन भ्रमण के दौरान सृजित हुई।
''माया'' राष्ट्रीय राजनैतिक पत्रिका में कुछ मापदण्ड निर्धारित कर मध्यप्रदेश के टाँप टेन एम.एल.ए. चयनित कर विधायकों पर केन्द्रित विशेषांक का सृजन। अब तक के मप्र विधानसभा के अध्यक्षों पर केन्द्रित सीडी का सृजन। सिंहास्थ 2004 पर केन्द्रित सीडी का सृजन। आईटी स्टेटस इन मध्यप्रदेश, आईटी फॉर डव्लेपमेंट, ई@मध्यप्रदेश विशेषांक का संपादन। मध्यप्रदेश में ई-सेवाएं एक नजर में। प्रवासी भारतीय दिवस 7-9 जनवरी, 2008 पर विशेषांक का संपादन।
लगभग दो दशक से पत्रकारिता में सक्रिय - इंटरनेट मीडिया एक नये स्वरूप में सामने आ रहा है। हिन्दी भाषी राज्यों में इंटरनेट पत्रकारिता का शैशवकाल है। भारत में इंटरनेट पत्रकारिता की संभावनाओं को देखते हुए http://www.mppost.org/ पर मध्यप्रदेश का पहला इंटरनेट हिन्दी समाचार पत्र एक जनवरी 2005 से शुरू किया।
चंडीगढ़, दिल्ली, हरियाणा, छत्तीसगढ़, केरल, महाराष्ट्र, उड़ीसा, असाम, पंजाब, तमिलनाडू, कर्नाटक, उत्तरप्रदेश, पश्चिम बंगाल और गुजरात की आई.टी. नीतियों का अध्ययन, इंटरनेट पत्रकारिता से जुड़े लोगों, संस्थाओं प्रमुख, आई.टी. कंपनियों, विशेषज्ञों से सतत् संवाद। इंटरनेट पर आयोजित अंर्तराष्ट्रीय सेमीनार डब्ल्यू3सी में मध्यप्रदेश की ओर से प्रतिनिधित्व किया। साऊथ एषिया की सबसे बड़ी आई.टी. प्रर्दशनी एवं सेमीनार जीटेक्स इंडिया में भाग लिया। साऊथ एशिया के सबसे बड़े संचार एवं आई.टी. इवेंट कर्न्वजेंस इंडिया- 2006 में शामिल हुए। प्रवासी भारतीय दिवस में विशेष रूप से मीडिया प्रतिनिधि के रूप में भाग लिया। म.प्र. सरकार द्वारा आयोजित आई.टी. समिट में हिस्सा लिया।
पत्रकारिता -
बीबीसी- वेबदुनिया द्वारा आयोजित ऑन लाइन पत्रकारिता कार्यशाला में भागीदारी। राष्ट्रीय सहारा, दिल्ली, अक्षर भारत, दिल्ली, राज्य की नई दुनिया, भोपाल जैसे प्रतिष्ठित समाचार पत्रों में संवाददाता के रूप में कार्य। म.प्र. के प्रमुख दैनिक नवीन दुनिया जबलपुर के भोपाल ब्यूरो प्रमुख के रूप में संबध्द रहे। महाकौशल के प्रमुख सांध्य दैनिक सीटाइम्स के भोपाल ब्यूरो प्रमुख के रूप में संबध्द रहे। राष्ट्रीय राजनैतिक पत्रिका ''माया'' के मध्यप्रदेश विशेष संवाददाता के रूप में संबध्द रहे। दूरदर्शन, आकाशवाणी के लिये संवाद लेखन, विधानसभा कार्यवाही की समीक्षात्मक रिर्पोट लेखन। भोपाल दूरदर्शन से प्रसारित लाइव फोन इन कार्यक्रम शुभ-शाम में 17 अगस्त 2009 को विषय विशेषज्ञ के रूप में वेब जर्नलिज्म में भविष्य का प्रसारण।
संप्रति -
संपादक - एमपीपोस्ट इंटरनेट समाचार एवं विचार सेवा और वेबसाइट http://www.mppost.org/
ब्लाग - http://journocrat.blogspot.com/
समन्वयक, सेन्ट्रल प्रेस क्लब, भोपाल। उपाध्यक्ष, ब्यूरो चीफ एसोशिएशन, भोपाल। संस्थापक, सदस्य एवं संचालक राजधानी पत्रकार गृह निर्माण सहकारी संस्था मर्यादित, भोपाल, सदस्य- मध्यप्रदेश जर्नलिस्ट यूनियन (जम्प)। आजीवन सदस्य, मध्यप्रदेश विधानसभा पुस्तकालय, भोपाल। सदस्य, इंटरनेट आधारित सेवा सॉल्यूषन एक्सचेंज। अनेक राष्ट्रीय एवं प्रांतीय सामाजिक एवं रचनात्मक संगोष्ठियों में हिस्सा लिया।
पत्राचार का पता
एफ-45/2,
साऊथ टी.टी. नगर, भोपाल म.प्र.
462 003. दूरभाष - (91)-755-2779562 (निवास)
098260-17170 (मोबाईल)