सोमवार, 26 नवंबर 2018

प्रजातंत्र की आवाज़ बना सोशल मीडिया - सरमन नगेले


प्रजातंत्र की आवाज़ बना सोशल मीडिया 
प्रजातंत्र, सोशल मीडिया और मतदान
मतदान दिवस: सर्वाधिक शक्तिशाली दिन, लोकतंत्र के लिए मजबूत प्रतिबद्धता
- सरमन नगेले

’’मतदान दिवस के अवसर पर आईए प्रतिज्ञा करें कि हम अपने लोकतंत्र को अधिक शक्तिशाली बनाएंगे और मतदान कर सहभागी बनेंगे! 
28 नवंबर 2018 को सौ फ़ीसदी मतदान हो एवं सरकार हमारे मत से बने इसका हिस्साब बनेंगे।’’ लोकतंत्र में ‘मत’ लोगों के लिए अपनी अभिव्यक्ति और अपनी आवाज की सुनवाई के लिए सर्वाधिक प्रभावशाली साधन है. यहां तक कि 'सर्वाधिक शक्तिशाली' नेता भी बैलेट बॉक्स के सामने बौने नज़र आते हैं। 

’’पांच राज्यों में होने जा रहे विधानसभा चुनाव में चुनाव आयोग, राजनैतिक दलों और उम्मीदवारों द्वारा सोशल मीडिया का व्यामपक स्त्र पर सबसे ज्यादा उपयोग किया जा रहा है। इससे मतदान का प्रतिशत ऐतिहासिक रूप से बढ़ने की संभावना प्रबल होती जा रही है। अब बारी है सोशल मीडिया के उपयोगकर्ताओं द्वारा सजगता के साथ मतदान में भागीदारी करने की।’’ 

सोशल मीडिया आज एक शक्तिशाली विकल्प के रूप में ऐसे लोगों की आवाज बन गया है जिनकी आवाज या तो नहीं थी या अनसुनी कर दी जाती थी। आज शक्तिशाली विचारों को व्यापक रूप से फैलाने के लिये सोशल मीडिया एक शक्तिशाली मंच के रूप में उपयोग हो रहा है। विचारों के फैलाव के साथ ही सोशल मीडिया बड़े सामाजिक परिवर्तनों और सोच में बदलाव का कारण बन रहा है। इस दृष्टि से सोशल मीडिया प्रजातंत्र का एक सर्वाधिक सक्रिय मित्र और प्रहरी बन गया है। सोशल मीडिया के उपयोगकर्ताओं ने अपना अलग समुदाय और विशिष्ट नागरिकता की स्थिति बना दी है। सोशल मीडिया से जुड़े नागरिकों ने प्रजातांत्रिक प्रक्रिया में दबाव समूह के रूप में कार्य करने की संस्कृति भी विकसित कर ली है। वे न सिर्फ मत निर्माण में महत्वपूर्ण भूमिका निभा रहे हैं बल्कि प्रजातंत्र को भी मजबूत करने का काम कर रहे हैं।

भारत में तेजी से इंटरनेट और सोशल मीडिया उपयोगकर्ताओं की संख्या अनवरत बढ़ रही है। सोशल मीडिया प्रजातंत्र की सेहत के लिये और मतदान प्रतिशत बढाने में अपनी महती भूमिका व उपयोगिता सिद्ध करेगा इसमें अब कोई आशंका नहीं है। विधानसभा चुनाव में मतदान का प्रतिशत ऐतिहासिक रूप से बढ़े लिहाजा सोशल मीडिया का न केवल कर्तव्य् है वरन् स्‍वस्‍थ्‍य लोकतंत्र के लिये सोशल मीडिया के उपयोगकर्ताओं की सजगता के साथ मतदान में भागीदारी करना बेहद जरूरी है क्यों कि सरकार आपके ही मत से बनने वाली है। 

सोशल मीडिया के चलते आज संवादहीनता की स्थिति समाप्त हो चुकी है। फिलवक्त फेसबुक और ट्विटर पर करोडों लोग सक्रिय हैं। जहां राजनैतिक वक्तव्यों और त्वरित टिप्पणियों की ट्विटर पर धूम मची है और अब हर प्रत्याशी व दल और नेता, मीडिया तथा स्वयं चुनाव आयोग फेसबुक पर लाइव कर रहा है। वहीं भारी संख्या में मतदान हो लोगों की भागीदारी मतदान में बढे इसके लिए चुनाव आयोग सोशल मीडिया का सहारा ले रहा है। सरकारी और गैर-सरकारी मीडिया भी सोशल मीडिया के जरिये सबसे तेज चुनाव से जुडी खबरें दिखाने के प्रयास कर रहा है।  

विधानसभा चुनाव में मतदान का प्रतिशत बढ़ने के लिये चुनाव आयोग ने स्वीप कार्यक्रम चलाया है और मत के महत्व को लगातार सोशल मीडिया के माध्यम से समझाया जा रहा है। इससे मतदाताओ में जागरूकता बढ़ रही है और मध्यप्रदेश चुनाव आयोग के लक्ष्य  80 फीसदी मतदान होने की संभावना बनती जा रही है। सोशल मीडिया की स्वीप कार्यक्रम की पहुंच बढाने में चुनाव प्रक्रिया से जुडे हुए अधिकारी लगातार मतदाता से जुडी हुई जानकारी शेयर और पोस्टर कर रहे हैं।  राज्य और जिला निर्वाचन अधिकारियों ने तो वाकायदा स्वीप के नाम से सोशल मीडिया पर अकाउंट खोले हैं। जिस पर चुनाव से जुडी हुई हर गतिविधि को शेयर और पोस्ट कर रहे हैं। 

पिछले चुनाव में मध्यप्रदेश का उदाहरण देखें तो पाते हैं कि अब तक सर्वाधिक मतदान प्रतिशत 73.52 रहा। वर्ष 1951 से 70 के दशक तक मतदान का प्रतिशत 55 से ऊपर नहीं गया। बहुत खींचतान कर विगत चार चुनावों में 1993, 1998, 2003 और 2008 में मतदान 60 प्रतिशत से बढ़ा और 2008 में 69 तक पहुंचा लेकिन 2013 में 72.52 तक पहुंचा। जिन चुनावों में मतदान का प्रतिशत कम रहा उन वर्षों में सोशल मीडिया के आगमन की शुरूआत हो रही थी। अमेरिकी राष्ट्रपति के चुनाव में और लोकसभा चुनाव 2014 में सोशल मीडिया की नई भूमिका सामने आई। जब भारत में सोशल मीडिया का उपयोग तेजी के साथ बढ़ा। युवा मतदाताओं की संख्या भी बढ़ी जो सोशल मीडिया से गहरे जुड़े हैं। 

चुनाव आयोग का स्वीप कार्यक्रम
अब तक यह कहा जा रहा था कि मतदाताओं की बड़ी संख्या चुनाव प्रक्रिया में भाग नहीं लेती। प्रजातंत्र की प्रक्रियाओं में भाग नहीं लेना और मताधिकार का उपयोग नहीं करना प्रजातंत्र के स्वास्थ्य के लिये ठीक नहीं है। सरकार बनाने और चुनने में हर मतदाता की भागीदारी जरूरी है। इसी विचार को ध्यान में रखते हुये चुनाव आयोग ने व्यवस्थित तरीके से मतदाताओं को शिक्षित और प्रेरित करने के लिये मतदाता जागरूकता अभियान चलाया। इस अभियान में स्वैच्छिक संगठनों, बुद्धिजीवियों, सोशल मीडिया से जुड़े संस्थाओं द्वारा सक्रिय भागीदारी कर रहा है। इसका व्यापक प्रभाव नजर आ रहा है। 

सूचना का अधिकार
सोशल मीडिया के उपयोग से सूचनाओं को नया मंत्र मिल गया है जिससे सूचना के अधिकार कानून पर अमल करना आसान हो गया है। मतदान प्रक्रिया से संबंधित सूचनाएं सोशल मीडिया पर जितनी आसानी से उपलब्ध हैं उसका प्रभाव मतदाताओं पर पडता नजर आ रहा है।  

लोक सभा
अब भविष्य में लोक सभा चुनाव हैं। मतदाताओं तक पहुंचने का प्रयास फिर से तेज होगा। भारत की सरकार बनाने में हर मतदाता को वोट डालने के लिये प्रेरित करना हर भारतीय नागरिक का कर्तव्ये है। विधान सभा चुनाओं में सोशल मीडिया की उपयोगिता को पिछले चुनाव की तुलना में बहुत सीमा तक परखा जा चुका होगा। चुनाव आयोग ने सोशल मीडिया की भूमिका और सकारात्मक भागीदारी की सराहना की है। लोक सभा चुनाओं से पहले स्वीप कार्यक्रम को भी तेज करने की जरूरत होगी। प्रजातंत्र में मतदान प्रक्रिया एक यज्ञ की तरह है। हर पात्र नागरिक की इसमें भागीदारी अनिवार्य है।  

मतदान दिवस: सर्वाधिक शक्तिशाली दिन, लोकतंत्र के लिए मजबूत प्रतिबद्धता
मतदान दिवस हम सबके लिए अत्यंत गौरव, महोत्सएव, सशक्तब और मतबूत लोकतंत्र के लिए शक्तिशाली दिन है। 
चुनाव आयोग ने भारत के लोगों के लिए स्वतंत्र, निष्पक्ष एवं विश्वसनीय निर्वाचन कराने के दायित्व के प्रति सोशल मीडिया के जरिए अपने आपको समर्पित कर दिया है। 
मध्यपप्रदेश विधानसभा निर्वाचन 2018 में आयोग ने समावेशी, सुगम, विश्वसनीय एवं नैतिक मतदान को समर्पित किया है। इस चुनाव में आयोग द्वारा संचार एवं सूचना प्रोद्योगिकी एवं सोशल मीडिया का उपयोग व्यापक पैमाने पर किया जा रहा है।

गौरतलब यह है कि लोकतंत्र में ‘मत’ लोगों के लिए अपनी अभिव्यक्ति और अपनी आवाज की सुनवाई के लिए सर्वाधिक प्रभावशाली साधन है. यहां तक कि 'सर्वाधिक शक्तिशाली' नेता भी बैलेट बॉक्स के सामने बौने नज़र आते हैं। 

फिलवक्त भारत में मोबाईल धारकों और इंटरनेट उपभोक्ताओं तथा सोशल मीडिया यूजर की संख्या में लगातार भारी मात्रा में इजाफा हो रहा है। भारत में कई करोड से अधिक मोबाइल फोन उपयोगकर्ता हैं इनमें से सर्वाधिक स्मार्ट फोन यूजर्स हैं और इंटरनेट यूजर्स की संख्या में करोडों में है।  

चुनाव आयोग ने चुनाव प्रक्रिया में उम्मीदवारों व राजनैतिक दलों द्वारा अपना चुनाव प्रचार अभियान इंटरनेट, एसएमएस, फोन व मोबाईल फोन के जरिए किये जाने पर मॉनिटरिंग की व्यवस्था करने की प्रक्रिया प्रारंभ कर दी है।

2014 में संपन्न 16 वें आम चुनाव में, मतदान का प्रतिशत अब तक  सबसे ज्यादा 66.38 प्रतिशत रहा। अधिकांश टिप्पणीकारों ने इसके लिए राजनीतिक कारकों को जिम्मेदार ठहराया है। लेकिन सबसे ज्यादा श्रेय निश्चित रूप से निर्वाचन आयोग के ‘स्वीप’ जागरूकता अभियान को जाता है। 

मतदान दिवस के अवसर पर आइए प्रतिज्ञा करें कि हम अपने मताधिकार का उपयोग आने वाले दिनों में और वर्षों में करते हुए अपने लोकतंत्र को सबसे अधिक शक्तिशाली बनाएंगे और सौ फ़ीसदी मतदान करायेंगें। email- sarmannagele@gmail.com
(लेखक- डिजिटल मीडिया के जानकार एवं न्यूज पोर्टल एमपीपोस्ट डॉट कॉम के संपादक हैं।)  

मेरे बारे में

सरमन नगेले
संपादक
ई-समाचार पत्र
http://www.mppost.org/
http://www.mppost.com
पत्रकारिता - साधनों की शुध्दता के साथ लोकहित के उद्देश्य से सत्य उध्दाटित करने की रचनात्मक प्रक्रिया।
पत्रकार - एक चिंतक, योध्दा और सत्य का रक्षक।
सफलता - उत्कृष्ट होना और बने रहना सफल होने से ज्यादा चुनौतीपूर्ण है।
जन्म - 10 जून 1969 को बुंदेलखण्ड के झांसी शहर के स्व. श्री एम.एल. नगेले एवं श्रीमती शकुन नगेले के मध्यम परिवार में। शिक्षा - हिन्दी में स्नातक,
कैशोर्य की देहरी लांघते ही मध्यप्रदेश की राजधानी भोपाल में पदार्पण।
जीवन यात्रा - रचनात्मक एवं राजनीतिक लेखन की ओर छात्रावस्था से ही रूझान रहा।
म.प्र. के राज्यपाल एवं मुख्यमंत्री सीडी संस्करण प्रथम एवं द्वितीय। सामाजिक-आर्थिक विषयों पर लेखन की दृष्टि से भारत सरकार ने अंडमान निकोबार द्वीप समूह, केरल, तामिलनाडू जैसे राज्यों का अध्ययन भ्रमण कराया। इस यात्रा तथा मधयप्रदेश के महाकौशल क्षेत्र की सामाजिक आर्थिक अधोसंरचना का अधययन भ्रमण के दौरान सृजित हुई।
''माया'' राष्ट्रीय राजनैतिक पत्रिका में कुछ मापदण्ड निर्धारित कर मध्यप्रदेश के टाँप टेन एम.एल.ए. चयनित कर विधायकों पर केन्द्रित विशेषांक का सृजन। अब तक के मप्र विधानसभा के अध्यक्षों पर केन्द्रित सीडी का सृजन। सिंहास्थ 2004 पर केन्द्रित सीडी का सृजन। आईटी स्टेटस इन मध्यप्रदेश, आईटी फॉर डव्लेपमेंट, ई@मध्यप्रदेश विशेषांक का संपादन। मध्यप्रदेश में ई-सेवाएं एक नजर में। प्रवासी भारतीय दिवस 7-9 जनवरी, 2008 पर विशेषांक का संपादन।
लगभग दो दशक से पत्रकारिता में सक्रिय - इंटरनेट मीडिया एक नये स्वरूप में सामने आ रहा है। हिन्दी भाषी राज्यों में इंटरनेट पत्रकारिता का शैशवकाल है। भारत में इंटरनेट पत्रकारिता की संभावनाओं को देखते हुए http://www.mppost.org/ पर मध्यप्रदेश का पहला इंटरनेट हिन्दी समाचार पत्र एक जनवरी 2005 से शुरू किया।
चंडीगढ़, दिल्ली, हरियाणा, छत्तीसगढ़, केरल, महाराष्ट्र, उड़ीसा, असाम, पंजाब, तमिलनाडू, कर्नाटक, उत्तरप्रदेश, पश्चिम बंगाल और गुजरात की आई.टी. नीतियों का अध्ययन, इंटरनेट पत्रकारिता से जुड़े लोगों, संस्थाओं प्रमुख, आई.टी. कंपनियों, विशेषज्ञों से सतत् संवाद। इंटरनेट पर आयोजित अंर्तराष्ट्रीय सेमीनार डब्ल्यू3सी में मध्यप्रदेश की ओर से प्रतिनिधित्व किया। साऊथ एषिया की सबसे बड़ी आई.टी. प्रर्दशनी एवं सेमीनार जीटेक्स इंडिया में भाग लिया। साऊथ एशिया के सबसे बड़े संचार एवं आई.टी. इवेंट कर्न्वजेंस इंडिया- 2006 में शामिल हुए। प्रवासी भारतीय दिवस में विशेष रूप से मीडिया प्रतिनिधि के रूप में भाग लिया। म.प्र. सरकार द्वारा आयोजित आई.टी. समिट में हिस्सा लिया।
पत्रकारिता -
बीबीसी- वेबदुनिया द्वारा आयोजित ऑन लाइन पत्रकारिता कार्यशाला में भागीदारी। राष्ट्रीय सहारा, दिल्ली, अक्षर भारत, दिल्ली, राज्य की नई दुनिया, भोपाल जैसे प्रतिष्ठित समाचार पत्रों में संवाददाता के रूप में कार्य। म.प्र. के प्रमुख दैनिक नवीन दुनिया जबलपुर के भोपाल ब्यूरो प्रमुख के रूप में संबध्द रहे। महाकौशल के प्रमुख सांध्य दैनिक सीटाइम्स के भोपाल ब्यूरो प्रमुख के रूप में संबध्द रहे। राष्ट्रीय राजनैतिक पत्रिका ''माया'' के मध्यप्रदेश विशेष संवाददाता के रूप में संबध्द रहे। दूरदर्शन, आकाशवाणी के लिये संवाद लेखन, विधानसभा कार्यवाही की समीक्षात्मक रिर्पोट लेखन। भोपाल दूरदर्शन से प्रसारित लाइव फोन इन कार्यक्रम शुभ-शाम में 17 अगस्त 2009 को विषय विशेषज्ञ के रूप में वेब जर्नलिज्म में भविष्य का प्रसारण।
संप्रति -
संपादक - एमपीपोस्ट इंटरनेट समाचार एवं विचार सेवा और वेबसाइट http://www.mppost.org/
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समन्वयक, सेन्ट्रल प्रेस क्लब, भोपाल। उपाध्यक्ष, ब्यूरो चीफ एसोशिएशन, भोपाल। संस्थापक, सदस्य एवं संचालक राजधानी पत्रकार गृह निर्माण सहकारी संस्था मर्यादित, भोपाल, सदस्य- मध्यप्रदेश जर्नलिस्ट यूनियन (जम्प)। आजीवन सदस्य, मध्यप्रदेश विधानसभा पुस्तकालय, भोपाल। सदस्य, इंटरनेट आधारित सेवा सॉल्यूषन एक्सचेंज। अनेक राष्ट्रीय एवं प्रांतीय सामाजिक एवं रचनात्मक संगोष्ठियों में हिस्सा लिया।
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