शुक्रवार, 4 सितंबर 2009

40 साल का हुआ इंटरनेट


इंटरनेट आज 40 साल का हो गया है। जी हां आज से 40 साल पहले इंटरनेट का आविष्कार किया गया था। 'ई-मेल' और 'चौटिंग' के जरिए हम पलक झपकते ही अपने दोस्तों से बात करने लगते हैं, कोई भी जानकारी चाहिए तो गूगल पर जाकर 'सर्च' करते हैं। वाकई इंटरनेट की खोज ने पत्र-व्यवहार के सारे मायने ही बदल दिए हैं। चालीस साल पहले लेली जी.रॉबर्ट ने इंटरनेट का आविष्कार करने में मदद की थी। उन्होंने दो कम्प्यूटरों को 15 फुट के तार से जोड़कर एक कम्प्यूटर से दूसरे कम्प्यूटर को संदेश भेजे थे। तब से लेकर आज तक का लम्बा सफर कम्प्यूटर ने सफलतापूर्वक तय किया है।
इंटरनेट की बुनियाद तो 1969 में पड़ गई थी मगर हम जिस 'ई-मेल' का इस्तेमाल करते हैं उसकी खोज 1972 में हुई थी और जिस श् यानि 'वर्ल्ड वाइड वेब' के जरिए इंटरनेट पर वेबसाइट बनाई जाती है उसे 1990 में टिम बर्नस ली ने ईजाद किया था। यानि हम जिस गूगल, फेसबुक, याहू या रेडिफ का इस्तेमाल करते हैं वो टिम बर्नस ली की खोज के बाद ही सम्भव हो पाया है।आज भारत इंटरनेट का इस्तेमाल करने वाला चौथा सबसे बड़ा देश है। लेकिन तमाम विकास के बाबजूद अभी मजह 60 प्रतिशत लोग ही इसका इस्तेमाल करते हैं। चीन में हमसे कई गुना ज्यादा लोग इंटरनेट का इस्तेमाल कर रहें हैं। कुछ देश इंटरनेट का इस्तेमाल हथियार की तरह करते हैं।
लेन क्लेनरॉक अपने बीस साथियों के साथ जब अपनी प्रयोगशाला में दो कंप्यूटरों के बीच डेटा ट्रांसफर करने की कोशिश कर रहे थे तब उन्होंने ये नहीं सोचा था कि उनकी ये शुरूआत एक दिन दुनिया भर के करोड़ों लोगों के निजी और सामाजिक जीवन का एक अभिन्न हिस्सा बन जाएगी।
2 सितंबर 1969 को कैलिफोनिया विश्वविद्यालय की प्रयोगशाला में पहली बार 15 मीटर लंबी केबल द्वारा दो कंप्यूटरों के बीच डेटा का आदान-प्रदान हुआ जिसे इंटरनेट कहा गया। अनुसंधानकर्ता मुक्त जानकारी के लिए सुविधा की खोज करने की कोशिश कर रहे थे और उन्हें इसमें सफलता हाथ लगी इंटरनेट के रूप में। 1971 में टीसीपी और आईपी प्रोटोकॉल बनने के बाद ईमेल की शुरूआत हुई। सबसे पहले अमेरिकी रक्षा मंत्रालय के तहत काम करने वाली कंपनी 'बोल्ट बेरानेक एंड न्यूमैन' (बीबीएन) के कंप्यूटर इंजीनियर रहे रे. टॉमलिनसन ने वर्ष 1971 में ईमेल का इस्तेमाल किया। 1983 में डोमेन की शुरूआत हुई और वेबसाइट्स बनने लगीं।
ईमेल का उपयोग पहले तो औपचारिक आवश्यकताओं के लिए किया जाता था लेकिन अब ये आम जिंदगी की जरूरत बन गया है। ईमेल के बाद उसका एक त्वरित रूप आया चौटिंग। युवाओं में चौटिंग आज की एक आम आदत बन गई है। लगातार चौटिंग करने की प्रवृत्तिा के चलते कई युवा इसके आदि भी बन जाते हैं। ऑनलाइन बातचीत की दुनिया में पिछले कुछ सालों में एक और नाम जुड़ गया है सोशल नेटवर्किंग। फेसबुक, टि्वटर, ऑरकुट जैसी सोशल नेटवर्किंग साइट्स युवाओं में खासी लोकप्रिय है। आज शायद ही कोई ऐसा युवा होगा जिसका इनमें से किसी साइट पर अकाउंट न हो।
आज गूगल की सर्च में 1 खरब से ज्यादा वेबसाइटों के नाम सूचीबध्द हैं। आलम ये है कि अगर आप हर पेज को देखने के लिए एक मिनट लगाते हैं तो उपलब्ध वेबसाइटों की संख्या आपको 31 हजार वर्षों तक व्यस्त रख सकती है, वो भी बिना सोए। इतना ही नहीं आपको वेब पर दी गई सामग्री पढ़ने के लिए 600 हजार दशक के समय की जरूरत होगी। है ना कमाल!!
आज विश्व की जनसंख्या लगभग 6 अरब 70 करोड़ है। इसका मतलब विश्व में प्रत्येक व्यक्ति के लिए 150 वेब पेज उपलब्ध हैं।
वर्ष दर वर्ष दुनिया भर में इंटरनेट का इस्तेमाल करने वालों की संख्या बढ़ती जा रही है। इस वर्ष विश्व की ऑनलाइन जनसंख्या में पिछले वर्ष की तुलना में 16 प्रतिशत की वृध्दि दर्ज की गई है। आज दुनिया में लगभग 1 अरब 46 करोड़ लोग इंटरनेट का उपयोग करते हैं।
एक ओर इंटरनेट संपर्कों और संबंधों का तानाबाना बुन रहा है तो दूसरी ओर इसके दुरूपयोग से होने वाले दुष्प्रभावों से भी हम बच नहीं पाए हैं। सायबर अपराधों में हर रोज बढ़ाेतरी हो रही है। हैकिंग, स्पैमिंग और फिशिंग जैसे कारनामों से परेशान होने वाले यूजर्स की आज कमी नहीं है। मजे की बात तो ये है कि जब तक एक वायरस से बचने के लिए एंटीवायरस सॉफ्टवेयर तैयार किया जाता है तब तक हैकर्स दूसरा वायरस तैयार कर लोगों के बैंक अकाउंट और क्रेडिट कार्ड नंबर तक में सेंधमारी कर जाते हैं। सायबर अपराधों के जरिए अश्लीलता फैलाने वालों को बढ़ावा मिल रहा है। हाल ही में इंटरनेट सुरक्षा कंपनी नॉर्टन ने 100 सबसे खतरनाक और अश्लील वेबसाइटों की सूची जारी की है।

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मेरे बारे में

सरमन नगेले
संपादक
ई-समाचार पत्र
http://www.mppost.org/
http://www.mppost.com
पत्रकारिता - साधनों की शुध्दता के साथ लोकहित के उद्देश्य से सत्य उध्दाटित करने की रचनात्मक प्रक्रिया।
पत्रकार - एक चिंतक, योध्दा और सत्य का रक्षक।
सफलता - उत्कृष्ट होना और बने रहना सफल होने से ज्यादा चुनौतीपूर्ण है।
जन्म - 10 जून 1969 को बुंदेलखण्ड के झांसी शहर के स्व. श्री एम.एल. नगेले एवं श्रीमती शकुन नगेले के मध्यम परिवार में। शिक्षा - हिन्दी में स्नातक,
कैशोर्य की देहरी लांघते ही मध्यप्रदेश की राजधानी भोपाल में पदार्पण।
जीवन यात्रा - रचनात्मक एवं राजनीतिक लेखन की ओर छात्रावस्था से ही रूझान रहा।
म.प्र. के राज्यपाल एवं मुख्यमंत्री सीडी संस्करण प्रथम एवं द्वितीय। सामाजिक-आर्थिक विषयों पर लेखन की दृष्टि से भारत सरकार ने अंडमान निकोबार द्वीप समूह, केरल, तामिलनाडू जैसे राज्यों का अध्ययन भ्रमण कराया। इस यात्रा तथा मधयप्रदेश के महाकौशल क्षेत्र की सामाजिक आर्थिक अधोसंरचना का अधययन भ्रमण के दौरान सृजित हुई।
''माया'' राष्ट्रीय राजनैतिक पत्रिका में कुछ मापदण्ड निर्धारित कर मध्यप्रदेश के टाँप टेन एम.एल.ए. चयनित कर विधायकों पर केन्द्रित विशेषांक का सृजन। अब तक के मप्र विधानसभा के अध्यक्षों पर केन्द्रित सीडी का सृजन। सिंहास्थ 2004 पर केन्द्रित सीडी का सृजन। आईटी स्टेटस इन मध्यप्रदेश, आईटी फॉर डव्लेपमेंट, ई@मध्यप्रदेश विशेषांक का संपादन। मध्यप्रदेश में ई-सेवाएं एक नजर में। प्रवासी भारतीय दिवस 7-9 जनवरी, 2008 पर विशेषांक का संपादन।
लगभग दो दशक से पत्रकारिता में सक्रिय - इंटरनेट मीडिया एक नये स्वरूप में सामने आ रहा है। हिन्दी भाषी राज्यों में इंटरनेट पत्रकारिता का शैशवकाल है। भारत में इंटरनेट पत्रकारिता की संभावनाओं को देखते हुए http://www.mppost.org/ पर मध्यप्रदेश का पहला इंटरनेट हिन्दी समाचार पत्र एक जनवरी 2005 से शुरू किया।
चंडीगढ़, दिल्ली, हरियाणा, छत्तीसगढ़, केरल, महाराष्ट्र, उड़ीसा, असाम, पंजाब, तमिलनाडू, कर्नाटक, उत्तरप्रदेश, पश्चिम बंगाल और गुजरात की आई.टी. नीतियों का अध्ययन, इंटरनेट पत्रकारिता से जुड़े लोगों, संस्थाओं प्रमुख, आई.टी. कंपनियों, विशेषज्ञों से सतत् संवाद। इंटरनेट पर आयोजित अंर्तराष्ट्रीय सेमीनार डब्ल्यू3सी में मध्यप्रदेश की ओर से प्रतिनिधित्व किया। साऊथ एषिया की सबसे बड़ी आई.टी. प्रर्दशनी एवं सेमीनार जीटेक्स इंडिया में भाग लिया। साऊथ एशिया के सबसे बड़े संचार एवं आई.टी. इवेंट कर्न्वजेंस इंडिया- 2006 में शामिल हुए। प्रवासी भारतीय दिवस में विशेष रूप से मीडिया प्रतिनिधि के रूप में भाग लिया। म.प्र. सरकार द्वारा आयोजित आई.टी. समिट में हिस्सा लिया।
पत्रकारिता -
बीबीसी- वेबदुनिया द्वारा आयोजित ऑन लाइन पत्रकारिता कार्यशाला में भागीदारी। राष्ट्रीय सहारा, दिल्ली, अक्षर भारत, दिल्ली, राज्य की नई दुनिया, भोपाल जैसे प्रतिष्ठित समाचार पत्रों में संवाददाता के रूप में कार्य। म.प्र. के प्रमुख दैनिक नवीन दुनिया जबलपुर के भोपाल ब्यूरो प्रमुख के रूप में संबध्द रहे। महाकौशल के प्रमुख सांध्य दैनिक सीटाइम्स के भोपाल ब्यूरो प्रमुख के रूप में संबध्द रहे। राष्ट्रीय राजनैतिक पत्रिका ''माया'' के मध्यप्रदेश विशेष संवाददाता के रूप में संबध्द रहे। दूरदर्शन, आकाशवाणी के लिये संवाद लेखन, विधानसभा कार्यवाही की समीक्षात्मक रिर्पोट लेखन। भोपाल दूरदर्शन से प्रसारित लाइव फोन इन कार्यक्रम शुभ-शाम में 17 अगस्त 2009 को विषय विशेषज्ञ के रूप में वेब जर्नलिज्म में भविष्य का प्रसारण।
संप्रति -
संपादक - एमपीपोस्ट इंटरनेट समाचार एवं विचार सेवा और वेबसाइट http://www.mppost.org/
ब्लाग - http://journocrat.blogspot.com/
समन्वयक, सेन्ट्रल प्रेस क्लब, भोपाल। उपाध्यक्ष, ब्यूरो चीफ एसोशिएशन, भोपाल। संस्थापक, सदस्य एवं संचालक राजधानी पत्रकार गृह निर्माण सहकारी संस्था मर्यादित, भोपाल, सदस्य- मध्यप्रदेश जर्नलिस्ट यूनियन (जम्प)। आजीवन सदस्य, मध्यप्रदेश विधानसभा पुस्तकालय, भोपाल। सदस्य, इंटरनेट आधारित सेवा सॉल्यूषन एक्सचेंज। अनेक राष्ट्रीय एवं प्रांतीय सामाजिक एवं रचनात्मक संगोष्ठियों में हिस्सा लिया।
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